Sunday, September 1, 2024
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कुल्हाड़ी से हाथ काटकर बस्ते में छिपाया: शेर मोहम्मद नहीं चाहता था ‘नौकरी वाली बीवी’, रेणु की जिद्द देख वारदात को दिया अंजाम

रेणु के भाई रिपन ने कहा, "अगर बहन का आधा कटा हाथ समय से मिल जाता तो जब उसे ठीक कर सकते थे। हमने घर में छाना लेकिन कुछ कही नहींमिला। बाद में वह एक बस्ते में पड़ोसियों को मिला। लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी।"

पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान में एक शौहर ने अपनी बीवी का हाथ सिर्फ इसलिए काट दिया क्योंकि वो नहीं चाहता था कि उसकी बीवी सरकारी अस्पताल में नर्स की नौकरी करे। वारदात 5 जून 2022 की सुबह उस समय अंजाम दी गई जब रेणु खातून सो रही थी और उसके शौहर सरीफुल शेख उर्फ शेर मोहम्मद ने उसका हाथ काटा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 साल की रेणु खातून का हाथ काटने के लिए उसके शौहर ने अपने दोस्तों का सहारा लिया और सोते समय कुल्हाड़ी से उसका हाथ काट डाला। पुलिस सूत्रों के अनुसार, रेणु ने बताया कि वो फौरन दुर्गापुर अस्पताल की ओर भागी जहाँ उसकी हालत स्थिर हुई। अब पुलिस ने महिला के पिता अजिजुल हक की तहरीर पर केस दर्ज किया है।

पूर्वी बर्धमान के कटवा के एडिशनल एसपी ध्रुव दास ने कहा, “हमें महिला के पिता से एक कंप्लेन मिली और हमने हत्या के प्रयास में केस को दर्ज किया। महिला का शौहर और उसके दोस्त फरार हैं। उन्हें पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।”

सामने आई जानकारी बताती है कि रेणु केटूग्राम के चिनिशपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने 2018 में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जीएनएम डिग्री ली। लेकिन जब उन्होंने दुर्गापुर में काम करना शुरू किया तो उनके शौहर और ससुराल वालों को इससे दिक्कत होने लगी। किराने की दुकान चलाने वाले शेर मोहम्मद ने रेणु के नौकरी करने के निर्णय पर उन्हें तंग करना शुरू कर दिया।

उनके भाई ने बताया कि रेणु का निकाह 2017 में हुआ था लेकिन इसके बाद उसका जीना मुहाल कर दिया गया। ये यातनाएँ तब और बढ़ गई जब रेणु को सरकारी नौकरी का ऑफऱ आया जिसमें कहा गया था कि उन्हें नौकरी के लिए राज्य में कहीं भी पोस्ट किया जा सकता है।

पीड़िता के भाई रिपन शेख ने कहा कि शेर मोहम्मद ने सीधा उनकी बहन को काम पर जाने से मना कर दिया। मगर रेणु नौकरी पर जाना चाहती थी। रिपन ने बताया कि रेणु का हाथ काटने के बाद सरीफुल ने बताया कि उसने ये कदम सिर्फ इसलिए उठाया ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि रेणु किसी हाल में जॉब न करे। इस काम को अंजाम देने के बाद उसने रेणु का हाथ भी अपने साथ ले गया ताकि किसी कीमत पर उसे जोड़ा न सके। रिपन कहते हैं, “अगर बहन का आधा कटा हाथ समय से मिल जाता तो जब उसे ठीक कर सकते थे। हमने घर में छाना लेकिन कुछ कही नहींमिला। बाद में वह एक बस्ते में पड़ोसियों को मिला। लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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