बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म-विज्ञान संकाय में फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति को लेकर काफ़ी दिनों से विरोध चल रहा है। इस बीच ख़बर आ रही है कि BHU में विवाद के बाद अल्पसंख्यक प्रोफ़ेसर फ़िरोज़ ख़ान ने आयुर्वेद विभाग के संस्कृत प्रोफ़ेसर के लिए आवेदन किया है। आयुर्वेद विभाग में 29 नवंबर को इंटरव्यू होगा।
दरअसल, कला संकाय में वैकेंसी नहीं है, केवल एक पद आयुर्वेद विभाग में खाली है। संभवतः वहाँ उन्हें चुन लिया जाएगा। इसके बाद फ़िरोज़ ख़ान SVDV से त्यागपत्र दे देंगे, क्योंकि उनकी जॉइनिंग वाइस चांसलर ऑफ़िस में हो चुकी है। इस क़दम के ज़रिए विवाद पर विराम लगाने की योजना बनाई जा रही है। फ़िलहाल, रैली के रूप में छात्र यूनिवर्सिटी के सिंह द्वार से रविन्द्र पुरी स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय तक रैली निकाल कर PMO को ज्ञापन देंगे।
कयास यह लगाया जा रहा है कि हो सकता है यह फ़िरोज़ ख़ान का निजी फ़ैसला हो और उन्होंने ख़ुद ही इस विवाद से उबरने के लिए यह निर्णय लिया हो। वहीं BHU में प्रदर्शन कर रहे छात्र यह भी मान रहे हैं कि प्रशासन ने विवाद को सुलझाने के लिए यह रास्ता निकाला हो।
बता दें कि शुक्रवार (22 नवंबर) को छात्रों ने PMO के दखल के बाद 16वें दिन विरोध-प्रदर्शन पर विराम लगा दिया था। प्रशासन लगातार छात्रों पर दबाव बना रहा था कि छात्र धरना ख़त्म कर दें। लेकिन, छात्र विराम देने के बाद भी अपनी माँगों पर बने हुए हैं। PMO और BHU प्रशासन ने छात्रों से इस मुद्दे के समाधान के लिए 10 दिन का समय माँगा था।
छात्रों ने गुरुवार (21 नवंबर) को प्रशासन को अपना माँग पत्र सौंपते हुए कई सवालों का विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब माँगा था। जिसे लेकर देर रात SVDV के संकाय प्रमुख, अन्य विभागाध्यक्षों और VC के बीच मीटिंग चली थी, लेकिन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुँचा गया। छात्रों का कहना है जब तक हमारी माँगों का समाधान नहीं होता और फ़िरोज़ ख़ान को यहाँ से हटाया या स्थान्तरित नहीं किया जाता तब तक छात्र कक्षा और 2 दिसंबर से होने वाली परीक्षाओं का बहिष्कार जारी रखेंगे।
ग़ौरतलब है कि पहली बार बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय (SVDV) के साहित्य विभाग में एक मुस्लिम सहायक प्रोफ़ेसर डॉ फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति 5 नवम्बर को हुई थी। संकाय के विद्यार्थियों को जैसे ही इसका पता चला, उन्होंने इस नियुक्ति के ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था।