Sunday, November 17, 2024
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JDU से चुनाव लड़ने के लिए VRS लेने वाले पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय बने कथावाचक, कहा- नहीं है राजनेता बनने का गुण

"जब मैं 14 साल का था तभी से धार्मिक मौकों पर मंदिरों में प्रवचन सुनाया करता था। अध्यात्म में मेरी रुचि शुरू से ही रही है। सेवा के दौरान भी मैंने कई सारे धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया, लेकिन तब कथा कहने की इजाजत नहीं थी। मेरा मानना है कि ईश्वर के चरण में स्थान पाना इंसान का अंतिम लक्ष्य होता है।"

डीजीपी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर जेडीयू के नेता बने गुप्तेश्वर पांडेय अब कथावाचक बन गए हैं। गुप्तेश्वर पांडेय नेतागिरी के बजाय अब कथावाचन का काम करेंगे। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा, “एक समय ऐसा आता है जब आप जीवन के उद्देश्य और ईश्वर को जानना चाहते हैं। इसका मैं कोई अपवाद नहीं हूँ। मेरी दिलचस्पी अब भगवान में है और यह परिवर्तन अचानक नहीं हुआ है।”

पूर्व डीजीपी पांडेय आगे कहते हैं, “जब मैं 14 साल का था तभी से धार्मिक मौकों पर मंदिरों में प्रवचन सुनाया करता था। अध्यात्म में मेरी रुचि शुरू से ही रही है। सेवा के दौरान भी मैंने कई सारे धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया, लेकिन तब कथा कहने की इजाजत नहीं थी। मेरा मानना है कि ईश्वर के चरण में स्थान पाना इंसान का अंतिम लक्ष्य होता है।”

न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा है, “मेरे अंदर सफल राजनेता बनने की क्षमता नहीं है। मैं बन सकता तो अब तक बन गया होता। ऐसा DGP खोज के निकाल दीजिए जो विधायक का चुनाव लड़ने के लिए DGP पद से 6 महीने पहले इस्तीफा दे। मैं विधायक इसलिए बनना चाहता था, ताकि कमजोर वर्ग के साथ खड़ा हो सकूँ।”

गौरतलब है कि बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं और बिहार के 26 जिलों में अपनी सेवाएँ देते हुए अंत में डीजीपी भी बने थे। पांडेय ने 2009 में बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया, लेकिन टिकट मिला नहीं तो वापस सेवा में आने की अर्जी दी। इसे 9 महीने बाद नीतीश सरकार ने मंजूर कर लिया और वे सेवा में बहाल हो गए। इसके बाद 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने दोबारा वीआरएस लिया, लेकिन इस बार भी उनके हाथ निराशा लगी और टिकट नहीं मिला।

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती पर अपने बयान को लेकर चर्चा में रहे हैं। इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने डीजीपी के पद से वीआरएस ले लिया था। चर्चा थी कि वह जेडीयू से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।

गुप्तेश्वर पांडेय ने धर्म-आध्यात्म की दुनिया में प्रवेश करते हुए पीला वस्त्र धारण कर लिया। वह जूम ऐप पर कथावाचन कर रहे हैं और चौपाइयों को सुनाकर लोगों को जीवन का महत्व बता रहे हैं। ईश्वर का महत्व और पाप-पुण्य की बात कथा के जरिए बता रहे हैं। उनका यह रूप सोशल मीडिया पर लोग खूब पसंद कर रहे हैं और उनका वीडियो देख रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह वीडियो अयोध्या का है और 16 जून को बनाया गया था। इससे पहले वह गायक के रूप में भी दिख चुके हैं। भगवान भोलेनाथ पर इनका एक एल्बम भी आ चुका है और पांडेय उसमें एक्टिंग भी कर चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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