अयोध्या के श्रीराम मंदिर मामले में फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल रहे रिटायर जज न्यायमूर्ति अशोक भूषण के प्रयागराज स्थित पैतृक निवास के बाहर सोमवार को बम फेंकने की घटना सामने आई है। सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर कई थानों की पुलिस फोर्स पहुँच गई। वहीं, आईजी केपी सिंह का कहना है कि यह बमबाजी की नहीं, बल्कि पटाखा छोड़ने की घटना है और जिन लोगों ने ऐसा किया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण का कर्नलगंज थाना क्षेत्र के हाशिमपुर रोड पर पैतृक मकान है। इस मकान में उनके भाई और इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल भूषण रहते हैं, जबकि न्यायमूर्ति अशोक भूषण कैंट थाना क्षेत्र के अशाेक नगर में अपने परिवार के साथ रहते हैं।
लोगों का कहना है कि सोमवार की शाम बाइक सवार बदमाशों ने हाशिमपुर स्थित आवास के बाहर एक-एक कर दो बम फोड़कर फरार हो गए। सूचना के बाद पुलिस के उच्च अधिकारी फारेंसिक व बीडीएस टीम के साथ पहुँच गए और मामले की छानबीन करने लगे। अधिकारियों ने आरोपियों को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच को सतर्क किया और सर्विलांस लगाने का निर्देश दिया।
जस्टिस अशोक भूषण ने बताया कि घर की रंगाई-पुताई का काम चल रहा था, इसलिए सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर बंद था। हालाँकि, पुलिस सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर जाँच कर रही है। वहीं, पड़ोसियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से हाशिमपुर रोड पर अराजक तत्वों को घूमते हुए देखा गया है और वे नशेड़ियों जैसे दिख रहे थे।
आइजी केपी सिंह का कहना है कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगाई गई है। उन्होंने कहा कि कर्नलगंज थाने में तेज रफ्तार बाइक चलाने और विस्फोटक फेंकने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। क्राइम ब्रांच और सर्विलांस ने आरोपियों की पहचान कर ली है।
केपी सिंह के अनुसार, जस्टिस भूषण के आवास के सामने चाय की दुकान है और ठेला लगाने वाले का आरोपितों से पारिवारिक विवाद है। उसी विवाद में आरोपितों ने चाय वाले को धमकाने के लिए दहशत फैलाने की कोशिश की।