ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क ने अपने लव जिहाद वाले विवादित विज्ञापन के बाद दीवाली के अवसर पर नया ऐड तैयार किया है। इस ऐड में भी उन्होंने अपने प्रचार के नाम पर हिंदू विरोधी प्रोपगेंडा परोसा है जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर एक बार फिर बॉयकॉट तनिष्क ट्रेंड करने लगा है।
इस ऐड में दीवाली के नाम पर सिर्फ़ कुछ महिलाएँ नजर आ रही हैं जो हल्के रंग की साड़ियों में हैं और तनिष्क के आभूषण धारण करके बता रही हैं कि इस दीवाली पर क्या-क्या किया जाना चाहिए और क्या-क्या नहीं।
परंपरागत श्रृंगार के नाम पर महिलाओं ने सिर्फ़ तनिष्क की ज्वैलरी ही पहनी है। विज्ञापन में न दीवाली पूजा से संबंधित कुछ नजर आ रहा है और न ही कुछ उसकी महत्ता से संबंधित। वहीं बैकग्राउंड की बात करें तो उसमें भी सामान्य लाइटिंग है, कोई दीया या कोई साज-सज्जा नहीं है।
ऐड शुरू होते ही एक महिला इसमें कहती है, “यकीनन कोई पटाखे नहीं। मुझे नहीं लगता किसी को पटाखे जलाने चाहिए।” इसके बाद दो-तीन महिलाएँ अपनी बातें रखती हैं और अंत में इकट्ठा होकर खिलखिलाती नजर आती हैं। बस ऐड खत्म।
This Diwali, let’s unite and celebrate with those closest to our hearts; for this captures Ekatvam, the beauty of oneness.#EkatvamByTanishq @AlayaF___
— Tanishq (@TanishqJewelry) November 5, 2020
| @NimratOfficial
| @Neenagupta001 |@sayanigupta
Book an appointment: https://t.co/QxR2YK4VpB
More: https://t.co/zmVZ2agC4U pic.twitter.com/tUzNPwm9sr
अब इस ऐड को लेकर कई तरह के सवाल लोगों के मन में हैं। लोगों का पूछना है कि आखिर क्या जिस तरह से दीवाली में पटाखे जलाने को मना किया जाता है उसी प्रकार क्या क्रिसमस पर न क्रिसमस ट्री लगाने की या फिर बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी न देने की अपील भी की जाती है? या यह सब सिर्फ़ हिंदुओं को निशाना बनाने का एक तरीका है?
“Definitely not firecrackers”???
— Ashwatthama (@_Ashwatthama_) November 8, 2020
Hope u make “Definitely not Christmas trees” and “Definitely not butchering animals” ads also? Or these don’t celebrate advices is only for hindus?
Can guess ur ad head is not yet sacked.#boycotttanishq
सोचने वाली है बात है कि यह प्रचार दीवाली के लिए निर्मित हुआ है। यदि मान भी लिया जाए कि तनिष्क का प्रोपेगेंडा हिंदू विरोधी नहीं है तो फिर इसमें दीये, कैंडल्स, रंगोली, मिठाई, पूजा की थाली आदि चीजें कहाँ हैं? जो आमतौर पर दीवाली के मौके पर हर घर की शोभा बढ़ाते हैं। क्या दीवाली का मतलब सिर्फ़ तनिष्क का सोना पहनना होता है?
This is a @TanishqJewelry Diwali advertisement from 2014. This one is all about your product with the backdrop of actual Diwali celebrations, minus THE GYAAN
— Vaidehi 🇮🇳 🕉️ (@dharmicverangna) November 9, 2020
You should have run with this advertisement again and saved yourself but “Vinaash kaale vipreet buddhi”#boycotttanishq pic.twitter.com/r6veBzt5Jv
आज से 6 साल पहले भी तनिष्क हर त्योहार पर अपने प्रचार बनाता था, लेकिन तब फर्क बस ये था कि उनका मकसद प्रोपेगेंडा फैलाना नहीं होता था। साल 2014 के दीवाली ऐड में और आज 2020 के विज्ञापन में फर्क देखिए।
पहले बैकग्राउंड में पटाखों की आवाजें थी। लाइटों से जगमगाते घर थे। आस-पास दीये जल रहे थे और एक बेटा अपनी माँ के लिए अपने बोनस से छोटा सा तोहफा लाया था। इस ऐड में सिर्फ़ भावनाओं के साथ उत्पाद का प्रचार हुआ था। कोई बेवजह का ज्ञान या फिर कोई प्रोपेगेंडा नहीं था। किसी ने इसका कोई विरोध भी नहीं किया था।
वहीं आज, इसी तनिष्क के ऐड से उत्पाद का विज्ञापन गायब है और हिंदुओं के त्योहार को लक्षित करते हुए प्रोपेगेंडा प्रमुखता से दिखाया जा रहा है। ऐसे में लोगों का कहना बस यह है कि तनिष्क या तो हिंदुओं को बेवकूफ समझना अब बंद करे या फिर अपनी ऐड फर्म से कॉन्ट्रैक्ट तोड़े, जिनका मकसद एक बने बनाए ब्रांड इमेज को खराब करना मात्र रह गया है।
Where is prabhu sri Ram puja or laxmi puja in you ad for dewali , hinduo ko murkh samjha hai kya ?? Ye religious festival hai ise dance party mat samjho .
— Er. Tarakant sinha (@tarakant2345) November 8, 2020
शोभा गणेशन नाम की यूजर कहती हैं कि दीवाली का त्योहार बिंदी, लक्ष्मी पूजा और भगवान श्रीराम के घर आए बिना नहीं हो सकता। यह कोई किटी पार्टी या नए साल का गेट-टूगेदर नहीं है, जहाँ ऐड में ये सारी चीजें दिखाई जा रही हैं।
This is classic example of islamization / secularisation of hindu culture ,
— Aditya (@Aditya06343740) November 8, 2020
no bindi no red chunrii but we will celebrate diwali ..
no pooja ki thalii but we will celebrate diwali …
No mention of Ram anywhere but we will elebrate diwali … 👏👏👏😄
कुछ लोग ऐसे प्रयासों को हिंदू त्योहारों का इस्लामीकरण करना भी बता रहे हैं। उनका कहना है कि क्या कभी हिंदुओं में बिना बिंदी या चुनरी के दीवाली मनाते किसी ने किसी को देखा है? Tanishq के इस ऐड में कोई पूजा की थाली नहीं है, न ही कहीं भगवान राम का जिक्र है, आखिर किस आधार पर यह विज्ञापन दीवाली के लिए तैयार हुआ है?