पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी हाउस अरेस्ट में रहेंगे। सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के विधायक मदन मित्रा और पूर्व मेयर सोवन चटर्जी भी नजरबंद रहेंगे। कलकत्ता हाई कोर्ट की एक पीठ ने शुक्रवार (21 मई 2021) को यह आदेश दिया। चारों नेताओं की नारदा स्टिंग केस में पिछले तीनों सीबीआई ने गिरफ्तारी की थी।
लाइव लॉ के मुताबिक जमानत याचिका पर कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ में दो जजों के बीच मतभेद होने के बाद यह आदेश दिया गया है। साथ ही मामले को बड़ी पीठ पास भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस राजेश बिंदल का मानना था कि चारों नेताओं को नजरबंद रखा जाए। वहीं जस्टिस अरिजीत बनर्जी अंतरिम जमानत दिए जाने के पक्ष में थे।
West Bengal: A two-judge bench of Calcutta HC divided over the stay order. One of the judges Arijit Banerjee is ready to grant bail while the acting Chief Justice is in favour of house arrest in Narada case. Matter to be referred to the larger bench
— ANI (@ANI) May 21, 2021
जस्टिस बनर्जी ने कहा, ”पीठ के एक जज को लगा कि जमानत दे दी जानी चाहिए, लेकिन दूसरे जज इससे सहमत नहीं थे। इसलिए जमानत को लेकर अब बड़ी बेंच फैसला करेगी। इस बीच महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेताओं को नजरबंद रखे जाने के लिए मँजूरी दी जाती है।”
हाई कोर्ट ने गिरफ्तार किए गए नेताओं में से दो के राज्य सरकार में मंत्री और एक के विधायक होने के कारण उन्हें अपने कार्यों के निर्वहन के लिए हाउस अरेस्ट के दौरान फाइलों तक पहुँचने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी है। इसके अलावा पीठ ने मौजूदा आदेश पर रोक लगाने के सीबीआई के अनुरोध को भी खारिज कर दिया। पीठ ने कहा, “वे जनता के लिए जो भी काम कर रहे हैं, उसे जारी रखने दें।”
Dramatic twist in Narada Case in Calcutta High Court :
— Live Law (@LiveLawIndia) May 21, 2021
Justice Arijit Banerjee orders interim bail to 4 TMC leaders.
Acting CJ Rajesh Bindal differs says they must be kept in house arrest.
Interim-bail issue referred to larger bench.
Meanwhile, accused to be in house arrest. https://t.co/ZpSd64d9fC
सीबीआई की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से अपने आदेश पर स्टे लगाने को कहा। वहीं, टीएमसी नेताओं के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि नजरबंद रखा जाना भी गिरफ्तारी से कम नहीं है। उन्हें रिहा कर दिया जाना चाहिए।
बता दें कि चारों नेताओं को सोमवार (17 मई 2021) को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गई थीं और एजेंसी को अपनी गिरफ्तारी की चुनौती दी थी। हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने चारों नेताओं को जमानत दे दी थी। लेकिन कुछ ही घंटों बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।