भ्रष्टाचार के मामले में राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की मुश्किलें फिर बढ़ गईं हैं। केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार (20 मई 2022) को उनसे जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली से लेकर बिहार के अलग-अलग जगहों पर की गई। यह मामला जमीन लेकर रेलवे में नौकरी देने से जुड़ा बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 की सरकार में लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे।
सीबीआई की टीम ने लालू यादव, उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी और बेटी मीसा भारती के आवास सहित बिहार और दिल्ली में भी कई स्थानों पर एक साथ कार्रवाई की। इस दौरान सीबीआई की एक टीम राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर भी पहुँची।
Central Bureau of Investigation registers a fresh case of corruption against RJD Chief Lalu Yadav and his daughter. Raids are underway at 17 locations in Delhi and Bihar related to Lalu Yadav: Sources
— ANI (@ANI) May 20, 2022
(Visuals from Patna, Bihar) pic.twitter.com/qiil99Lpau
सीबीआई सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि यह घोटाला उस वक्त हुआ था, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे। उन्होंने कहा, “जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, तब कुछ लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई थी।” रिपोर्ट्स के मुताबिक, राबड़ी आवास पर पहुँची सीबीआई की टीम में कुल 10 लोग हैं। इसमें महिला और पुरुष अधिकारी दोनों ही शामिल हैं। ये सभी राबड़ी के आवास में जाँच कर रहे हैं। इस दौरान आवास में किसी को भी आने-जाने से रोक दिया गया है। राबड़ी देवी के पटना आवास के बाहर पुलिस बल मौजूद है।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की टीम लालू यादव, उनकी बेटी मीसा के अलावा अन्य रिश्तेदारों के यहाँ पड़ताल कर रही है। चारा घोटाला (Fodder Scam) में राजद नेता को जमानत मिलने के कुछ हफ्ते बाद ही यह मामला सामने आया है।
गौरतलब है कि अप्रैल 2022 में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने लालू यादव को 10 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। लालू की तरफ से डोरंडा कोषागार में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी। अपनी बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारी के अलावा आधी सजा जेल में काटने का हवाला देते हुए लालू ने जमानत माँगी थी। वहीं, सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है तो ऐसे में उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए।