Friday, March 29, 2024
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चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट ने दी जमानत: आधी सजा पूरी होने और 17 बीमारियों का दिया था हवाला

CBI ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे। ये रुपयों को संदिग्‍ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था। 53 मामलों में से डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था।

चारा घोटाले (Fodder Scam) के दौरान डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (RJD Chief Lalu Prasad Yadav) को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने लालू यादव को 10 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। लालू की तरफ से डोरंडा कोषागार में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।

लालू ने दिया था 17 बीमारियों का हवाला

हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में लालू प्रसाद यादव ने जमानत के लिए दलीलें प्रस्तुत की थीं। अपनी बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारी के अलावा आधी सजा जेल में काटने का हवाला देते हुए लालू ने जमानत माँगी थी। वहीं, सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है तो ऐसे में उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

लालू यादव को जमानत मिलने के बाद उनके वकील ने कहा, “उन्हें आधी सजा पूरी करने और स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दी है। उन्हें जल्द ही रिहा किया जाएगा। उन्हें एक लाख रुपए की जमानत राशि और 10 लाख रुपए जुर्माने के तौर पर जमा करने होंगे।”

क्या है डोरंडा कोषागार निकासी मामला

डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी की पूरी कहानी दिलचस्प है। यह तो सभी को पता है कि इस घोटाले में लाखों टन भूसा, पुआल, पीली मकई, बादाम खली, नमक आदि स्कूटर, बाइक और मोपेड पर ढोए गए थे। लेकिन, दिलचस्प यह है कि हरियाणा से बढ़िया नस्ल के साँड़, बछिया और हाईब्रिड भैंस भी स्कूटर से ही झारखंड लाए गए थे, ताकि यहाँ अच्छी नस्ल की गाय और भैंसों तैयार किए जा सकें। यह कांड वर्ष 1990 से 1992 के बीच का है।

चारा घोटाले के रिकॉर्ड के अनुसार 2,35,250 रुपए में 50 साँड़ और 14,04,825 रुपए में 163 साँड़ और 65 बछिया खरीदे गए। इनकी आपूर्ति दिल्ली की कंपनी हिंदुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी ने किया था। इसी तरह से बछिया और हाईब्रिड भैंसों की कीमत 84 लाख 93 हजार 900 रुपए थी। भेड़ और बकरा 27 लाख 48 हजार रुपए के खरीदे गए थे।

यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए की निकासी का है। डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी। करीब 27 साल बाद कोर्ट ने इसी साल 21 फरवरी को इस घोटाले पर फैसला सुनाया था, जिसमें लालू यादव को दोषी पाया गया था। इस मामले में लालू यादव को पाँच साल की जेल एवं 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। सज़ा सुनते ही लालू का ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों बढ़ गया था।

CBI ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे। ये रुपयों को संदिग्‍ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था। 53 मामलों में से डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था, जिसमें सर्वाधिक 170 आरोपित शामिल हैं। इसमें से 55 आरोपितों की मौत हो चुकी है।

दूसरे मामलों में भी हो चुकी है लालू यादव को सजा

चारा घोटाले से जुड़े 4 मामलों में लालू यादव को पहले सजा मिल चुकी है। चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपए के अवैध निकासी में लालू जमानत पर हैं। इसमें उन्हें 5 साल की सज़ा हुई थी। देवघर कोषागार से 79 लाख रुपए के अवैध निकासी के घोटाले के दूसरे मामले में भी वे जमानत पर हैं। इस मामले में उन्हें साढ़े 3 साल की सज़ा सुनाई गई थी।

लालू यादव को 33.13 करोड़ रुपए के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के तीसरे मामले में भी जमानत मिली थी। इस मामले में उन्हें 5 साल की सज़ा हुई थी। दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के चौथे मामले में उन्हें दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सज़ा सुनाई गई थी, लेकिन उसमें भी वे जमानत पर हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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