केंद्र सरकार ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)’ को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर रही है। इस कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को पहले ही कई राज्यों में बैन किया जा चुका है। बुधवार (अप्रैल 28, 2021) को सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी गई। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी सूचनाओं के हवाले से ये जानकारी दी। सीएए विरोधी हिंसा और दिल्ली दंगों के दौरान भी इस संगठन का नाम आया था।
तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उन्होंने बताया कि केरल का पत्रकार सिद्दीकी कप्पन PFI से जुड़ा हुआ है। इस संगठन के कई पदाधिकारी पहले से ही प्रतिबंधित संगठन ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI)’ से सम्बन्ध रखते हैं।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने तुषार मेहता से पूछा कि क्या PFI को प्रतिबंधित किया गया है? मेहता ने बताया कि ये कई राज्यों में प्रतिबंधित है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी, “जहाँ तक मुझे सूचना है, केंद्र सरकार ने भी इसे प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया चालू कर दी है।” इसके बाद पीठ ने नोट किया कि PFI को अब तक प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
ये पूरा मामला हाथरस केस से जुड़ा हुआ है। पिछले साल हाथरस में एक दलित युवती की हत्या के बाद जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन की आड़ में व्यापक हिंसा की साजिश रची गई थी। इसी दौरान कप्पन को भी वहाँ जाते हुए गिरफ्तार किया गया था।
SG: Accused is frequently in connection with PFI members. Four persons were arrested in the same car – accused and three accomplices. Not only the accused, but the others were –#SiddiqueKappan #SupremeCourt
— Live Law (@LiveLawIndia) April 28, 2021
सिद्दीकी कप्पन का कहना है कि वो कई बीमारियों से जूझ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि उसे दिल्ली के किसी अच्छे अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए शिफ्ट किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ‘मूलभूत मानवाधिकार’ की बात करते हुए यूपी सरकार को सिद्दीकी कप्पन के बेहतर इलाज का निर्देश दिया। ‘केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ)’ और कप्पन की पत्नी ने उसकी रिहाई के लिए याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने सिद्दीकी कप्पन से कहा कि वो अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने या फिर अन्य प्रकार की राहत के लिए उपयुक्त संस्था से संपर्क करे। सिद्दीकी कप्पन सहित PFI से जुड़े 4 आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उसके खिलाफ IPC और UAPA की विभिन्न धाराएँ लगाई गई हैं। उसके अलावा मुजफ्फरनगर से अतिकुर रहमान, बहराइच से मसूद अहमद और रामपुर से आलम को गिरफ्तार किया गया था।