कर्नाटक के मंगलुरु में पिछले साल हुए बम ब्लास्ट के मामले में NIA ने 29 नवंबर, 2023 को चार्जशीट दायर की है। इस मामले में ISIS का हाथ सामने आया था। ये भी सामने आया है कि आतंकियों ने हिन्दू नाम से फर्जी आईडी कार्ड्स बनाए थे ताकि वो इस घटना को अंजाम दे सकें। घटना 19 नवंबर 2022 की है जब मंगलुरु में एक ऑटोरिक्शा में ब्लास्ट हुआ था। ड्राइवर पुरुषोत्तम के अलावा मोहम्मद शरीक नामक एक अन्य शख्स इस घटना में घायल हुआ था।
24 वर्षीय मोहम्मद शरीक ही प्रेशर कूकर बम लेकर यात्रा कर रहा था। वो कादरी मंजुनाथ मंदिर में बम ब्लास्ट कर के हिन्दुओं को आतंकित करना चाहता था। हालाँकि, ये रास्ते में ही फट गया। इसके 24 घंटे के भीतर DGP ने इसे आतंकी घटना करार दिया था। शरीक ‘प्रेमराज’ नाम से फर्जी आधार कार्ड लेकर यात्रा कर रहा था। कनकनाड़ी पुलिस थाने में इस संबंध में मामला दर्ज हुआ था। ISIS से जुड़े इस बम ब्लास्ट में शामिल मोहम्मद शरीक को कॉन्ग्रेस ने क्लीन चिट दे दी थी।
कॉन्ग्रेस नेता DK शिवकुमार ने मोहम्मद शरीक को आतंकी बताए जाने पर आपत्ति जताई थी। हालाँकि, NIA ने उसके खिलाफ सबूत जमा कर लिए थे और पता चल गया था कि वो आतंकी है। कॉन्ग्रेस नेता ने पूछा था कि आखिर बिना जाँच के किसी को आतंकी कैसे कहा जा सकता है। 15 दिसंबर, 2022 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए DK शिवकुमार ने DGP पर हड़बड़ी में ट्वीट करने का आरोप लगाया था और कहा था कि ये कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं था, बल्कि गलती से ब्लास्ट हो गया था।
साथ ही वो पूछने लगे थे कि क्या ये मुंबई के 26/11 हमलों जैसा था। उन्होंने आरोप लगा दिया था कि इस बम धमाके का इस्तेमाल भाजपा राजनीतिक फायदों के लिए कर रही है। बता दें कि इस घटना के आरोपित के साथ भी कॉन्ग्रेस के तार जुड़े थे। जनवरी 2023 में 5 ठिकानों पर ED ने छापेमारी की थी। शिवमोगा स्थित मोहम्मद शरीक के ठिकानों की भी तलाशी ली गई। तीर्थहल्ली में भी कई ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। शोपा गुड्डा एरिया में एक दुकान में छापेमारी हुई थी, जो शरीक के अब्बा का था।
एक बड़ा खुलासा ये हुआ कि मोहम्मद शरीक के परिवार से लीज लिए गए घर में ही कॉन्ग्रेस का दफ्तर चलता था। शरीक के अब्बा और कॉन्ग्रेस नेता किम्मने रत्नाकर के भतीजे नवीन के बीच एक एग्रीमेंट पर भी हस्ताक्षर हुआ था। किम्मने रत्नाकर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री भी रहे हैं। मोहम्मद शरीक की दादी के बैंक खाते में उनकी तरफ से 10 लाख रुपए भी भेजे गए थे। ED और NIA ने रत्नाकर से पूछताछ भी की थी। रत्नाकर ने उससे कोई संपर्क होने की बात नकार दी थी और कहा था कि बात सिर्फ लीज एग्रीमेंट तक ही सिमित है।
उन्होंने बताया था कि 10 लाख रुपए के लीज के अलावा प्रति माह 1000 रुपए रेंट तय किया गया था। इतना ही नहीं, इस मामले में ISIS का जो आतंकी रेशान शेख सक्रिय था, वो कर्नाटक में कॉन्ग्रेस के नेता ताजुद्दीन शेख का बेटा है। 15 अगस्त, 2022 को शिवमोगा में प्रेम सिंह नामक व्यक्ति की चाकू गोद कर हत्या कर दी गई थी। डोड्डापेट पुलिस थाने में FIR दर्ज हुई थी। जबीउल्लाह और नदीम फैसल को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
NIA conducts searches at 06 locations and arrests 02 operatives in connection with Shivamogga ISIS Conspiracy Case pic.twitter.com/ZZoFAVUCth
— NIA India (@NIA_India) January 6, 2023
मोहम्मद शरीक भी इस मामले में आरोपित था, लेकिन वो फरार होने में कामयाब रहा था। इसके बाद वो मंगलुरु के उलाईबेट्टू में जाकर रहने लगा, जहाँ वो अंसार के यहाँ रुका था। अंसार के साथ वो पहले जेल भुगत चुका था। मंगलुरु में ‘लश्कर ज़िंदाबाद’ वाले मामले में दोनों गिरफ्तार हुए थे। शरीक इसके बाद सैयद यासीन के संपर्क में आया। शिवमोगा ट्रायल ब्लास्ट और मंगलुरु कूकर ब्लास्ट के मामले में मोहम्मद शरीक और सैयद यासीन – दोनों का चार्जशीट में नाम डाला गया था।
5 जनवरी, 2023 को NIA ने ISIS के 2 आतंकियों उडुपी के रेशान ताजुद्दीन शेख और शिवमोगा के हुज़ैर फरहान बेग को गिरफ्तार किया। कर्नाटक के 6 जिलों में तलाशी अभियान चलाया गया था। ये दोनों क्रिप्टो के जरिए फंडिंग लेते थे। ताजुद्दीन शेख की तस्वीरें मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उप-मुख्यमंत्री DK शिवकुमार जैसे नेताओं के साथ सामने आई थी। इस मामले में चार्जशीट में सभी आरोपित हैं – मोहम्मद शरीक, माज़ मुनीर अहमद, सैयद यासीन, रीशान ताजुद्दीन शेख, हुज़ैर फरहान बेग, मज़ीन अब्दुल रहमान, नदीम अहमद, ज़ैबुल्ला और नदीम फैज़ल।