उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में चोरी का एक अनोखा मामला सामने आया है। सदर कोतवाली क्षेत्र के तरावा में स्थित प्राचीन बालाजी महाराज के मंदिर में 9 मई 2022 को चोरी हुई थी। जानकारी के मुताबिक चोरी हुई अष्ट धातु की 14 मूर्तियों को चोर रविवार (15 मई 2022) को एक चिट्ठी के साथ महंत के आवास के बाहर छोड़कर चले गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चोरों ने अपनी चिट्ठी में लिखा है:
“हमें रात में डरावने सपने आते हैं, हम सो नहीं पाते हैं। इसलिए हम मूर्तियाँ महंत के आवास के बाहर रख कर जा रहे हैं।”
सदर कोतवाली कर्वी के प्रभारी निरीक्षक (SHO) राजीव कुमार सिंह ने सोमवार (16 मई 2022) को बताया, “नौ मई की रात को तरौंहा स्थित प्राचीन बालाजी मंदिर से अष्ट धातु की 16 मूर्तियाँ चोरी हो गई थीं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपए है। इस सिलसिले में महंत रामबालक ने अज्ञात चोरों के खिलाफ एक FIR दर्ज करवाई थी।” सिंह के मुताबिक, चोरी की गई 16 में से 14 मूर्तियाँ रविवार को रहस्यमय तरीके से महंत रामबालक के आवास के बाहर एक बोरे से बरामद हुईं।
मूर्तियाँ चोरी, फिर रख गए वापस
बालाजी मंदिर से कुछ दिन पहले चोर 16 बेशकीमती मूर्तियाँ ले गए। इसको लेकर महंत ने तहरीर में बताया था कि करीब तीन सौ वर्ष पुरानी अतिप्राचीन मूर्तियाँ चोरी हुई हैं। इसमें एक मूर्ति अष्टधातु की, तीन मूर्तियाँ ताँबे की, चार मूर्तियाँ पीतल, छह मूर्तियाँ राधा कृष्ण और छह मूर्तियाँ शालिग्राम की थी। ये चाँदी के गहने पहने थे। इस मामल में पुलिस ने चार संदिग्धों को पकड़ा था। लेकिन नटकीय ढंग से चोरों ने मूर्तियाँ लौटा दीं। पुलिस द्वारा आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले 2019 में रामजन्मभूमि थाना क्षेत्र से ऐसी घटना सामने आई थी। यहाँ नजरबाग मोहल्ले में स्थित माधुरीकुंज से 140 साल पुरानी अष्टधातु से बनी भगवान राम की मूर्ति चोरी होने के ठीक 5वें दिन चोर ने वापस कर दी थी।
मूर्ति चुराने वाले चोर ने बताया था कि जब से उसने चोरी की, तब से उसके शरीर मे अजीब-सा दर्द शुरू हो गया। उसको घबराहट के साथ डरावने सपने आ रहे थे। वह मूर्ति को बहुत दिन तक अपने साथ रख नहीं पाया और खुद युगल माधुरी कुंज मंदिर में पहुँच मंदिर के पुजारी को भगवान राम की मूर्ति सौंप दी। मूर्ति सौंपने के बाद उसके शरीर का दर्द ठीक हो गया।
मंदिर में रखा कंडोम, दीवार पर सिर पटक मरा नवाज
2021 में कर्नाटक के मंगलुरू में स्वामी कोरगज्जा के मंदिर की दानपेटी से एक कंडोम निकला था। इसके तीन दिन बाद अचानक दूसरे समुदाय के दो लड़के मंदिर में आए और पुजारी के सामने माफी के लिए गिड़गिड़ाने लगे। उन दोनों ने पुजारी को बताया कि अपने साथी नवाज के साथ मिल कर उन्होंने ही कुछ दिन पहले मंदिर की दानपेटी में कंडोम डाला था।
दानपेटी में कंडोम डालने के बाद उसे एक दिन खून की उल्टियाँ हुईं और फिर पेचिश से उसके मल से खून निकला। अंत में वह अपने घर की दीवारों पर सिर मारते हुए मर गया। मरते समय उसने उन्हें बताया कि कोरगज्जा उन सब पर नाराज हैं। इसके बाद बाकी बचे हए अब्दुल रहीम और अब्दुल तौफीक ने अपनी जान जाने के डर से घबराकर पुजारी की शरण में जाकर माफी की भीख माँगी थी।