हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ से मदद के नाम पर 400 लोगों को धर्मांतरित कर ईसाई बनाने का मामला सामने आया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में भी हिंदुओं के धर्मांतरण की साजिश बड़े पैमाने पर रची जा रही है। राज्य के करीब तीन लाख लोगों के संपर्क में ईसाई प्रचार मंडलियाँ हैं और मूर्ति पूजा को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश में ईसाई धर्मांतरण में लिप्त आठ लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर से महज 22 किमी दूर वाटिका ग्राम पंचायत की ढाणी बैरावालाें में मिशनरी सक्रिय हैं। 400 परिवारों की इस बस्ती के लोगों को लालच देकर धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा है।
ईसाई प्रचारक लोगों से मूर्ति पूजा बंद करने, व्रत न रखने, हिंदू देवी-देवताओं को न मानने का उपदेश बाँटते फिर रहे हैं। साथ ही दावा करते हैं कि ईसा मसीह की पूजा से बीमारी से लेकर अन्य सभी समस्याएँ दूर हो जाएँगी। वहीं, देवी-देवताओं की पूजा से अनर्थ हो जाएगा।
स्थानीय लोगों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि मिशनरी से जुड़े लोग रोजगार का लालच दे देवी-देवताओं की मूर्तियाँ नदी, तलाब में फेंकने या फिर पीपल पेड़ के पास रखने के लिए कहते हैं। फिर, यीशू की शरण में आने के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा जाता है। धर्म जागरण मंच के हवाले से बताया गया है कि राज्य के 12 से 13 जिलाें में ऐसा चल रहा है। इन जिलों के करीब तीन लाख लाेगों के संपर्क में मिशनरी के प्रचारक हैं।
वहीं, मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के डाला में जबरन धर्मांतरण करा रहे 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी आरोपित ईसाई मिशनरी से जुड़े हुए थे। पुलिस ने बताया है कि डाला गाँव में सोहनलाल नागेश के घर पर कुछ लोगों का धर्मांतरण कराए जाने की शिकायत मिली थी। धर्म परिवर्तन के बदले आर्थिक मदद प्रलोभन भी दिया जा रहा था।
इस मामले में श्रीराम सेना के प्रांतीय अध्यक्ष शुभम सिंह ने ऑपइंडिया को बताया, “सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में धर्मांतरण की घटनाएँ सामने आती रहती हैं। आदेगाँव में पहले भी धर्मांतरण हुआ है। लेकिन अब इन लोगों ने गिरफ्तारी से धर्मांतरण में कमी आएगी।”