Friday, November 22, 2024
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बच्ची की किडनी हो गई थी फेल, पादरी ने चमत्कार से ठीक करने का किया दावा: स्टेज पर जबरन चलवाकर की क्रूरता करने पर बाल आयोग में शिकायत

LRPF ने कहा कि पादरी और उनकी पत्नी गरीब, अशिक्षित और कमजोर तबके के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं कि उनकी किसी भी गंभीर बीमारी का इलाज उनकी प्रार्थना सभा में हो सकता है। उनका दावा है कि वह उस बीमारी का इलाज कर सकते हैं जो डॉक्टर भी नहीं कर पाते।

तेलंगाना में एक पादरी ने अपने चमत्कारी शो के दौरान किडनी फेलियर से जूझ रही एक बच्ची पर चमत्कार दिखाने का दावा किया। छोटी बच्ची पर चमत्कार दिखाने के लिए उसके साथ क्रूरता हुई। गंभीर रूप से बीमार बच्ची को जबरदस्ती स्टेज पर चलवा कर इसे करिश्मा बताया गया। मामले में अब पादरी के हिका शिकायत दर्ज हो गई है।

यह शिकायत 3 जुलाई, 2024 को LRPF नाम की एक संस्था ने दर्ज करवाई है। LRPF के अनुसार, पादरी प्रवीण कुमार के यूट्यूब चैनल पर 16 मई को एक वीडियो पोस्ट किया गया था। इसमें एक छोटी बच्ची की माँ ने बताया कि उसकी बेटी की किडनी खराब हो गई है। वीडियो में महिला रो रही थी। उसने बताया कि उसकी बच्ची पिछले 3 दिनों से हैदराबाद के निलोफर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थ। महिला ने बताया कि वह बच्ची की जान बचाने के लिए इस कैल्वरी चर्च के चमत्कारिक इलाज शो में लाई है।

लड़की की माँ ने बताया , डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी थी कि बच्ची अब आगे बचाई नहीं जा सकती। इसलिए वह डॉक्टरों की चेतावनी के बावजूद उसे तुरंत ICU से कैल्वरी चर्च ले गए। महिला ने बताया किकि उन्होंने एक पेपर पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें कहा गया था कि अगर उनकी बेटी को कुछ भी हुआ तो डॉक्टर जिम्मेदार नहीं होंगे। महिला के अनुसार, लड़की किडनी खराब होने के कारण हिल डुल तक नहीं पा रही थी, लेकिन अब चल सकती है।

LRPF ने NCPCR को दी गई शिकायत में कहा, “पादरी आर प्रवीण कुमार के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए वीडियो से यह साफ है कि गंभीर बीमार होने के दौरान छोटी बच्ची का इलाज करने के बजाय, उसके माता-पिता उसे पादरी प्रवीण कुमार और शेरोन द्वारा आयोजित चमत्कार शो में ले गए। उनका मानना था कि इस उनकी बेटी उनकी यहाँ ठीक हो जाएगी।”

शिकायत में कहा गया, “वीडियो से यह भी स्पष्ट है कि बच्ची, जिसे उसके माता-पिता द्वारा चल रहे इलाज को बंद करने के बाद ICU से लाया गया था, के साथ क्रूरता की गई और पादरी प्रवीण कुमार द्वारा चमत्कार शो के दौरान उसे चलने के लिए मजबूर किया गया।”

LRPF ने शिकायत में कहा, “कैलवरी चर्च के पादरी प्रवीण कुमार और मिस शेरोन ने बच्ची के साथ क्रूरता की, वह गंभीर किडनी फेलियर से पीड़ित थी। इसके अलावा, उन्होंने नाबालिग बच्ची का वीडियो बनाया और उसे अपने YouTube पर भी अपलोड कर दिया। यह उन्होंने खुद को चमत्कार करने वालों के रूप में पेश करने के लिए किया। यह बच्ची की गरिमा और निजता को नुकसान पहुँचाने वाला काम था।”

कैल्वरी मिनिस्ट्रीज एक ट्रस्ट है और इसकी पंजीकरण संख्या 39/2013 है। इसका पंजीकृत कार्यालय तेलंगाना के मंचेरियल जिले के सोमागुडेम में है। ट्रस्ट को 2003 में बनाया गया था। LRPF के अनुसार, कैल्वरी ट्रस्ट के अध्यक्ष पादरी आर प्रवीण कुमार और उनकी पत्नी शेरोन ने धार्मिक प्रार्थना सभाओं के नाम पर बेल्लमपल्ली और हैदराबाद में ऐसे ही चमत्कार के दावे वाले करने वाले शो आयोजित किए हैं।

LRPF ने कहा कि पादरी और उनकी पत्नी गरीब, अशिक्षित और कमजोर तबके के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं कि उनकी किसी भी गंभीर बीमारी का इलाज उनकी प्रार्थना सभा में हो सकता है। उनका दावा है कि वह उस बीमारी का इलाज कर सकते हैं जो डॉक्टर भी नहीं कर पाते। ऐसे में, उन्होंने कुछ लोगों को बड़ी भीड़ में शामिल होने और झूठ बोलने की व्यवस्था की है। यह लोग कहते हैं कि पादरी प्रवीण कुमार की प्रार्थनाओं की बदौलत उनकी चिकित्सा समस्याएँ ठीक हो गई हैं।

यह ध्यान रखने वाली बात है कि पादरी और उनकी पत्नी पर वर्ष 2019 में भी इसी तरह के एक मामले में FIR दर्ज की गई थी। 25 मई 2019 को पादरी की लापरवाही के कारण 21 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु के बाद, कासिपेट पुलिस, बेल्लमपल्ली में दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।

यह मामला गिरीशेट्टी मंगम्मा द्वारा की गई शिकायत के पर दर्ज किया गया था, इसमें बताया गया था कि गिरीशेट्टी राजेश (21) गंभीर बुखार से पीड़ित था, वह इस उम्मीद में कैल्वरी चर्च में मिरेकल हीलिंग शो में गया था कि पादरी प्रवीण कुमार और सिस्टर शेरोन की प्रार्थना से वह ठीक हो जाएगा।

जब उसकी तबीयत और बिगड़ गई तो उसने अस्पताल जाना चाहा। लेकिन पादरी प्रवीण कुमार, सिस्टर शेरोन और अन्य पादरियों ने उसे अस्पताल नहीं जाने दिया। इसके बाद कैल्वरी चर्च में उसकी मौत हो गई। इस घटना की FIR कॉपी ऑपइंडिया के पास है।

भारत में जादुई उपचारों के विज्ञापन को गैरकानूनी माना गया है। इससे सम्बन्धित कानून में लिखा है, “जादुई उपचार देने का पेशा करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी ऐसे जादुई उपचार का जिक्र विज्ञापन में नहीं करेगा। इसका उल्लंघन करने पर 6 माह की जेल और जुर्माना हो सकता है। दोबारा ऐसा किया तो 1 साला तक की सजा का प्रावधान है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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