Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिकर्नाटक की ठेके वाली नौकरियों में भी अब आरक्षण, कॉन्ग्रेस सरकार ने बिना चर्चा...

कर्नाटक की ठेके वाली नौकरियों में भी अब आरक्षण, कॉन्ग्रेस सरकार ने बिना चर्चा पास किया बिल: निजी नौकरी में कन्नड़ भर्ती पर खींचे थे कदम

जो भी लोग सरकार के लिए ठेके पर काम करेंगे, उनको भी आरक्षण के आधार पर भर्ती किया जाएगा। कर्नाटक में वर्तमान में लगभग 55,000 लोग सरकार के लिए ठेके पर काम करते हैं। इनकी भर्ती निजी रोजगार एजेंसियाँ करती हैं।

कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार अब ठेके वाली नौकरियों में भी आरक्षण लागू करेगी। कॉन्ग्रेस सरकार ने इसके लिए कर्नाटक विधानसभा में बिल भी पास कर दिया है। सरकार में ठेके पर रखे जाने वाले लोगों को अब आरक्षण के आधार पर रखा जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कॉन्ग्रेस सरकार ने गुरुवार (25 जुलाई, 2024) को राज्य विधानसभा में 6 बिल बिना चर्चा पास करवाए। इस दौरान भाजपा और जेडीएस ने विधानसभा में चर्चा की माँग की। इन 6 बिल में एक राज्य की ठेके वाली नौकरियों में SC/ST और OBC को आरक्षण का प्रावधान करने वाला बिल भी था।

यानी अब जो भी लोग सरकार के लिए ठेके पर काम करेंगे, उनको भी आरक्षण के आधार पर भर्ती किया जाएगा। कर्नाटक में वर्तमान में लगभग 55,000 लोग सरकार के लिए ठेके पर काम करते हैं। इनकी भर्ती निजी रोजगार एजेंसियाँ करती हैं।

अब इन एजेंसियों को लोगों की भर्ती में आरक्षण लागू करना पड़ेगा। हालाँकि, इन भर्तियों के जरिए जिन लोगों को नौकरियाँ दी जाएँगी, उनको स्थायी ना करने की बात भी बिल में कही गई है। इसी के साथ इन नौकरियों की सँख्या विभाग के 10% से अधिक ना होने की बात भी बिल में कही गई है।

कर्नाटक सरकार के इस बिल के पास किए जाने से पहले मई, 2024 में इसको लेकर कुछ दिशानिर्देश भी जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि जो नौकरियाँ 45 दिनों से कम के लिए दी जाएंगी, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। इसके अलावा आरक्षण वाली भर्तियों में कम से कम 33% महिलाएँ भर्ती की जानी चाहिए।

कर्नाटक विधानसभा में इस बिल के पास होने के दौरान JDS और भाजपा चर्चा की माँग करते रहे। JDS और भाजपा ने इस दौरान कर्नाटक सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। भाजपा ने MUDA, वाल्मीकि और अन्य मामलों की जाँच की माँग भी की।

कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार का आरक्षण को लेकर एक महीने के भीतर यह दूसरा निर्णय है। इससे पहले कर्नाटक कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि राज्य की प्राइवेट नौकरियों में कर्नाटक के लोगों को 50-75% आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने ऐलान किया था कि कनिष्ठ नौकरियों में 75% जबकि वरिष्ठ नौकरियों में 50% आरक्षण कन्नड़ भाषियों को मिलेगा।

हालाँकि, IT समेत अन्य उद्योगों के भारी विरोध और राज्य से बाहर जाने की चेतावनी के बाद इस निर्णय को स्थगित कर दिया गया था। कर्नाटक सरकार ने कहा था कि वह इस बिल को लेकर सबकी आशंकाओं का समाधान करेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

क्या है ऑपरेशन सागर मंथन, कौन है लॉर्ड ऑफ ड्रग्स हाजी सलीम, कैसे दाऊद इब्राहिम-ISI के नशा सिंडिकेट का भारत ने किया शिकार: सब...

हाजी सलीम बड़े पैमाने पर हेरोइन, मेथामफेटामाइन और अन्य अवैध नशीले पदार्थों की खेप एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी देशों में पहुँचाता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -