Sunday, December 22, 2024
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TikTok को कॉन्ग्रेसी वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी बेसहारा छोड़ा, कहा, ‘नहीं लड़ूँगा केस!’

इससे पहले देश के शीर्ष वरिष्ठ अधिवक्ताओं में शुमार पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी चीनी ऐप टिकटॉक का मुकदमा लड़ने से इनकार कर दिया। रोहतगी ने बुधवार को कहा कि वह एक चीनी ऐप के लिए भारत सरकार के खिलाफ अदालत में खड़े नहीं होंगे।

वरिष्ठ वकील और कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार (जुलाई 1, 2020) को कहा कि वो चीनी ऐप टिकटॉक की तरफ से कोर्ट में पैरवी नहीं करेंगे। सिंघवी ने बताया कि टिकटॉक के लिए उन्होंने एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी और वे जीते भी थे। हालाँकि, इस बार वो कोर्ट में चीनी ऐप के लिए खड़े नहीं होंगे।

इससे पहले देश के शीर्ष वरिष्ठ अधिवक्ताओं में शुमार पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी चीनी ऐप टिकटॉक का मुकदमा लड़ने से इनकार कर दिया। रोहतगी ने बुधवार को कहा कि वह एक चीनी ऐप के लिए भारत सरकार के खिलाफ अदालत में खड़े नहीं होंगे। टिकटॉक ने मामले की पैरवी के लिए रोहतगी से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने टिक-टॉक की तरफ से सरकार के खिलाफ पेश होने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि वह नहीं चाहते कि भारत सरकार के ख़िलाफ़ वो किसी चीनी कंपनी का प्रतिनिधि बनें।

वहीं भारत सरकार द्वारा 59 चायनीज ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो (Weibo) छोड़ दिया है। चायनीज सोशल मीडिया वीबो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेरिफाइड एकाउंट मौजूद था और तकरीबन ढाई लाख फॉलोवर्स थे। पीएम मोदी ने साल 2015 में वीबो पर अपना एकाउंट बनाया था। 

गौरतलब है कि भारत ने सोमवार (जून 29, 2020) को 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें बेहद लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर भी शामिल हैं। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं।

प्रतिबंधित सूची में वीचैट, बीगो लाइव, हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल – शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्लब फैक्टरी आदि शामिल हैं।

भारत सरकार ने इन 59 एप्स को ब्लॉक करने का निर्णय लेते हुए कहा था कि ये सारे ऐप्स भारत की संप्रभुता, अखंडता, प्रतिरक्षा, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा हैं। सरकार ने भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा और निजता पर चिंता जताते हुए कहा कि एंड्रायड और iOS प्लेटफॉर्म्स पर ये सारे ऐप्स डेटा चुराते हैं और विदेशों में स्थित सर्वर पर भेज देते हैं।

सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा था कि कई लोगों ने डेटा सुरक्षा को ले कर सरकार से शिकायत की थी। सरकार ने उसका संज्ञान लेते हुए इन्हें ब्लॉक करने का निर्णय लिया है, क्योंकि ये न सिर्फ डेटा चोरी करते हैं बल्कि बिना यूजर को बताए, उनका इस्तेमाल गलत तरीकों से करते हैं। इससे अंततः भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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