एक ओर जहाँ कानूनी रूप से समाजवादी पार्टी नेता और रामपुर विधायक आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पूर्व मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता नवाब सैय्यद मोहम्मद काजिम अली खान उर्फ नावेद मियाँ ने आजम खान पर निशाना साधा है। नावेद मियाँ ने कहा है समाजवादी पार्टी की सरकार में अखिलेश यादव की शह पर आजम खान ने अपराध किए हैं।
नावेद मियाँ ने आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि समाजवादी सरकार में आजम खान को अपराध करने का लाइसेंस नहीं दिया गया होता तो आज उन्हें बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को राजभवन में गुहार नहीं लगानी पड़ती। उन्होंने आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में हुई खुदाई को लेकर कहा कि अभी तो बहुत सी चीजें बरामद होंगी। उन्होंने कहा कि ये शिकायतें 2017 से हो रही हैं और उन्हें लगता है कि प्रशासन के पास सारे सबूत थे, तभी आजम खान के खिलाफ जाँच शुरू हुई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ़ करते हुए कहा कि राज्य सरकार का बहुत अच्छा रोल रहा है और सबसे अच्छा काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का रहा, जिन्हें वो उन्हें खासतौर से बधाई देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने आखिरकार हमें इंसाफ दे ही दिया। नावेद मियाँ यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि आजम खान के साथ जो रहा है, वह इंसाफ है और हमें इस इंसाफ की कई सालों से जरूरत थी। बकौल नावेद मियाँ, लोगों की आँखों मे जो पट्टी बंधी हुई थी वह अब उतर गई होगी। उन्होंने कहा कि आजम खान और इसका परिवार सबसे बड़ा चोर और डकैत है, ये अब सबके सामने आ गया है।
उन्होंने आजम खान की करतूतों के लिए तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सपा शासन में रामपुर में लोकतंत्र नहीं, तानाशाही का दौर था और यहाँ जुल्म ढाए जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों से रोजगार छीना जा रहा था और सरकारी जमीन पर कब्जा करने के अलावा झूठे मुकदमों में चरस के साथ लोगों को जेल भेजा जा रहा था। उन्होंने कहा कि तब यहाँ की जनता की चीखें अखिलेश यादव नहीं सुन रहे थे और उन्हें लोगों की आँखों के आँसू नहीं दिख रहे थे।
पूर्व मंत्री नावेद मियाँ ने आगे कहा कि अब आजम खान और उनके परिवार को गुनाहों की सजा मिल रही है तो अखिलेश यादव उनके बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने इसका कारण बताया कि जुर्म अखिलेश यादव ने कराए हैं, इसलिए वो भी बराबर के जिम्मेदार हैं और उन्हें आजम खान और उनके परिवार का बचाव नहीं करना चाहिए।
इसके अलावा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रेशमा अफरोज द्वारा रामपुर की तिजोरी बरामद करने को लेकर मुरादाबाद कमिश्नर को पत्र लिखे जाने के मामले में नावेद मियाँ ने कहा, “रेशमा अफरोज ने कमिश्नर को सही पत्र लिखा है। तिजोरी चोरी होने के मामले में साल 2005 में मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन, आजम खान ने अपनी सत्ता के उपयोग से मामला रफा-दफा कर दिया। जो तिजोरी चोरी हुई थी उसमें रखे साढ़े ग्यारह लाख रुपए और कारतूस आजम लेकर गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर आजम खान के घर की कुर्की होती है तो उन्हें लगता है कि यूनिवर्सिटी से भी ज्यादा चोरी का सामान उसके घर में मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि नगर पालिका का बहुत सारा चोरी हुआ सामान आजम खान के घर में ही मिलेगा। बता दें कि बीते दिनों आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में हुई खुदाई के दौरान नगरपालिका की चोरी हुई करोड़ों रुपए की मशीन और राजकीय ओरिएंटल कॉलेज की लाइब्रेरी से चोरी हुई कई ऐतिहासिक किताबें मिली थीं। इसके बाद से आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चोरी के कई मामलों में मुकदमा दर्ज कर जाँच की जा रही है।