Monday, November 18, 2024
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‘अल्पसंख्यकों को मोदी-शाह की हत्या कर देनी चाहिए’ – गिरफ्तार हुआ कॉन्ग्रेस नेता व लेखक

"अल्पसंख्यकों को पीएम मोदी और अमित शाह की हत्या कर देनी चाहिए। मुझे उम्मीद थी कि कोई प्रधानमंत्री और गृह मंत्री शाह को ख़त्म कर देगा, लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया।"

नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ यूँ तो देश भर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और जगह-जगह हिंसक विरोध-प्रदर्शनों की ख़बरें सुर्ख़ियों में बनी रहीं। इस बीच, तमिलनाडु के एक लेखक और कॉन्ग्रेस नेता नेल्लई कन्नन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री को लेकर ऐसी टिप्पणी कर दी, जिससे उन्हें पेरांबलूर से गिरफ़्तार कर लिया गया। कन्नन की गिरफ़्तारी के लिए बीजेपी जमकर विरोध-प्रदर्शन कर रही थी। बता दें कि कन्नन के ख़िलाफ़ 15 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। तमिलनाडु पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-504, 505, 505 (2) के तहत FIR दर्ज की है।  

दरअसल, शनिवार (29 दिसंबर) को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया ने CAA के विरोध में बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कॉन्ग्रेस नेता नेल्लई कन्नन ने भी भाषण दिया था। इस भाषण में उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के ख़िलाफ़ टिप्पणियाँ की थी। इस दौरान नेल्लई कन्नन ने लोगों को भड़काते कहा था कि अल्पसंख्यकों को पीएम मोदी और अमित शाह की हत्या कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि उन्हें उम्मीद थी कि कोई प्रधानमंत्री और गृह मंत्री शाह को ख़त्म कर देंगे, लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया।

गिरफ़्तार किए गए लेखक कन्नन ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी के पीछे अमित शाह का दिगाम है और दोनों में से किसी एक को समाप्त होना चाहिए, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका। 

इस प्रकार के विवादित बयान पर बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एच राजा ने तमिलनाडु पुलिस से कन्नन के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की माँग की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “कॉन्ग्रेस नेता नेल्लई कन्नन ने अपने भाषण में पीएम और गृहमंत्री को ख़त्म करने के लिए मु###नों को उकसाया है। मैंने तमिलनाडु पुलिस के महानिदेशक से व्हाट्सएप पर और ऑनलाइन भी शिक़ायत की है। मैं तमिलनाडु सरकार से तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूँ।”

अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कन्नन ने न सिर्फ़ पीएम मोदी और अमित शाह के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी की है, बल्कि उन्होंने पीएम और गृहमंत्री को जान से मारने की धमकी दी।” इसके आगे उन्होंने लिखा कि कन्नन कुछ ऐसा करना चाहते हैं जैसा तमिलनाडु में राजीव गाँधी के साथ हुआ था।

नेल्लई कन्नन की टिप्पणी के ख़िलाफ़ बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार (1 जनवरी 2020) को चेन्नई के मरीना के बीच पर गाँधी प्रतिमा के पास बैठकर तमिल लेखक की गिरफ़्तारी तक धरना दिया था। इसमें बीजेपी के चार वरिष्ठ नेता पोन राधाकृष्णन, सीपी राधाकृष्णन, एल गणेशन और एच राजा भी शामिल थे। 

ग़ौरतलब है कि नागरिकता संशोधन क़ानून 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से आए ग़ैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का काम करता है। यह उन लोगों पर लागू होता है, जिन्हें धर्म के आधार पर उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने के लिए मजबूर किया गया था। इसका उद्देश्य ऐसे लोगों को अवैध प्रवास की कार्यवाही से बचाना है। नागरिकता के लिए कट-ऑफ की तारीख 31 दिसंबर, 2014 है, जिसका अर्थ है कि आवेदक उस तारीख को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुका हो।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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