मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में कोचिंग के बहाने हिन्दू छात्र-छात्राओं को ईसाई बनाने की साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने यहाँ एक कोचिंग सेंटर से कई नाबालिग बच्चों को मुक्त करवाया है। इन बच्चों की संख्या 11 और उम्र 2 से 17 वर्ष के बीच बताई जा रही है। पीड़ितों में दलित समुदाय के छात्र भी शामिल हैं। हिन्दू संगठन की शिकायत पर सोमवार (16 सितंबर 2024) को 2 महिलाओं सहित कुल 3 आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। इन सभी को हिरासत में ले कर पूछताछ चल रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना बैतूल के हमलावरपुर क्षेत्र की है। यहाँ एक महिला कोचिंग सेंटर चलाती है जिसमें आसपास के कई नाबालिग छात्र-छात्राएँ पढ़ने आती हैं। सोमवार को यहाँ हिन्दू सेना के सदस्य पहुँच कर हंगामा करने लगे। इस संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक मालवीय ने बताया कि उन्हें कोचिंग की आड़ में नाबालिग बच्चों के ईसाई धर्म परिवर्तन की साजिश की सूचना मिली थी। बकौल दीपक कोचिंग सेंटर में नाबालिग बच्चे-बच्चियों का ब्रेनवॉश ईसाई मत अपनाने के लिए किया जाता है।
दावा किया जा रहा है कि कोचिंग सेंटर में कुछ ईसाई साहित्य व मज़हबी पुस्तकें भी मिली हैं। आरोप है कि छात्रों को ये किताबें पढ़ाई जाती हैं और उन्हें मज़हबी कार्यक्रमों में भी शामिल किया जाता है। इन बच्चों को ईसाई विधान से प्रार्थना भी कराए जाने की बात कही जा रही है। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुँची। कथित कोचिंग सेंटर में मौजूद कुल 11 छात्र-छात्राओं को पुलिस अपने साथ ले गई। ये सभी नाबालिग बताए जा रहे हैं।
#बैतूल-कोचिंग सेंटर में धर्मांतरण के खेल का खुलासा
— News18 MadhyaPradesh (@News18MP) September 16, 2024
हिंदू सेना, पुलिस ने कोचिंग सेंटर पर दी दबिश
धर्म सभा में 15 से ज्यादा नाबालिग बच्चे मिले
धर्म सभा को पादरी कर रहा था संचालित
धर्म सभा में दो ईसाई महिलाएं भी मिलीं#Betul #BreakingNews pic.twitter.com/VkW3s1HUgA
हिन्दू सेना के सदस्यों ने इसे गंभीर अपराध माना है और धर्मान्तरण की साजिश बताते हुए पुलिस में शिकायती पत्र दिया है। शिकायत में कुल 3 लोगों को नामजद किया गया है जिसमें 2 महिलाएँ भी शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी आरोपितों को हिरासत में ले लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम व SC/ST एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है।
आरोपितों में एक पादरी भी बताया जा रहा है। हिरासत में ली गई महिला टीचर के पिता ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका दावा है कि घटना के दिन छुट्टी होने की वजह से उनकी बेटी बच्चों को पिकनिक ले जाने के लिए बुलवाया था।