Tuesday, November 5, 2024
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लॉकडाउन के बाद भी मैनपुरी की मस्जिद में जुटे नमाजी, मौके पर पहुँची पुलिस से भिड़े

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 21 दिनों का पूरे देश में लॉकडाउन है। बावजूद इसके समुदाय विशेष के कुछ लोग सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत को समझने को तैयार नहीं हैं। इससे पहले मेरठ में भी जनता कर्फ्यू के दौरान पुलिस द्वारा मस्जिदों में इकट्ठे न होने की अपील का विरोध किया गया था।

कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा किस तेजी से बढ़ रहा यह छिपा नहीं है। इसका प्रसार रोकने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। बावजूद इसके समुदाय विशेष के कुछ लोग चेत नहीं रहे। लॉकडाउन को नजरअंदाज कर मस्जिदों में नमाज के लिए एकत्र हो रहे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिला से। यहाँ की एक मस्जिद में लॉकडाउन के बाद भी भीड़ नमाज के लिए जुट गई। इतना ही नहीं सूचना पर पहुँची पुलिस से भी नमाजी भिड़ गए। हालाँकि बाद में पुलिस ने समझाकर लोगों को शांत कर दिया।

दरअसल पूरे देश में 21 दिनों के लिए घोषित लॉकडाउन के बाद भी बुधवार को मैनपुरी के भोगांव कस्बे के मोहल्ला मोहम्मद सईद स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए नमाजियों की भीड़ इकट्ठा हो गई। इसकी जानकारी जब इलाका पुलिस को हुई तो तत्काल प्रभारी निरीक्षक पोहप सिंह, हल्का इंचार्ज भीपेन्द्र सिंह सिरोही और कुछ पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुँच गए, जहाँ पुलिस ने लोगों से मस्जिद का दरवाजा खोलने के लिए कहा। इसी बात पर मुस्लिम समाज के लोग आक्रोशित हो गए और फिर पुलिस और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच गहमागहमी शुरू हो गई। माहौल बिगड़ता देख कंट्रोल रूम को सूचना दी गई, जिसके बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस पहुँच गई।

पुलिस के अधिकारियों ने लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत किया। साथ ही प्रभारी निरीक्षक ने लोगों से अपील की कि वह लॉकडाउन जारी रहने तक अपने घरों में ही नमाज अदा करें। साथ ही चेतावनी दी कि किसी भी कीमत पर लॉकडाउन रहने तक मस्जिदों में न जुटें। अन्यथा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कनूनी कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि इससे पहले मेरठ में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बीते रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान पुलिस द्वारा मस्जिदों में इकट्ठे न होने की अपील का विरोध किया था, जिसके बाद पहले तो पुलिस ने लोगों को काफी समझाया था, लेकिन इसके बाद भी न मानने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। तब जाकर मुस्लिम समाज के लोग अपने घरों को लौटे। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 38 हो गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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