एक तरफ पूरा देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है और दो जून की रोटी के लिए चिंतित है। वहीं दूसरी ओर चंडीगढ़ में कुछ वीआईपी देश में जारी लॉकडाउन के बीच घर बैठे शासन-प्रशासन से ताजा ब्रेड (बस्किन रॉविन्स ब्रांड), आइसक्रीम व ब्रांडेड शराब की माँग कर रहे हैं। इतना ही नहीं विशेष व मँहगे प्रकार यानि कि जैतून जैसे तेल की भी माँग कर रहे हैं। आश्चर्य इस बात का कि ये लोग माँग ही नहीं बल्कि इसके नाम पर गुस्से का इजहार भी कर रहे हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक चंडीगढ़ शहर के वीआईपी रिहायसी इलाके सेक्टर 1 से 11 से चुनकर आए भाजपा पार्षद महेश इंदर सिंह सिद्धू ने बताया कि उन्होंने तीन कार्यकर्ताओं को लोगों की राशन आपूर्ति करने के लिए मैंने तीन पास जारी किए हैं, लेकिन वह अब अजीब तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि जब कार्यकर्ता वीआईपी के घरों में राशन लेकर पहुँचते हैं तो उनसे बाजार में स्ट्राबेरी के उपलब्ध न होने का कारण पूछा जाता है।
सिद्धू ने कहा कि मैं भी उन्हें यह समझाने की कोशिश करता हूँ कि ऐसे हालात में इस तरह की माँग पूरी नहीं कर सकते, लेकिन वीआईपी कहते हैं कि उन्हें अपनी डाइटिंग का ख्याल रखना है। इसलिए वह हरी गोभी और काली मिर्च की माँग करते हैं। सिद्धू ने आगे बताया कि, किसी ने मुझे फोन पर शिकायत करते हुए कहा कि उसका परिवार निक बेकर्स ब्रांड की ब्रेड के आलावा दूसरे ब्राँड की ब्रेड नहीं खाता है इसलिए मेरे लिए उसी ब्रांड की ब्रेड का इंतजाम करवाया जाए।
वह आगे कहते हैं कि कुछ वीआईपी लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए हर रोज टहलने के लिए भी निकलते हैं। इतना ही नहीं सेक्टर 10 में रहने वाले एक वीआईपी ने तो 10 ऐसे लोगों की सूची मेरे हाथ में थमा दी, जिनको कहीं पर भी आने-जाने की अनुमति दी जाए।
आपूर्ति विभाग के कमिश्नर केके यादव ने कहा कि कुछ वीआईपी लोगों द्वारा ऐसे-ऐसे विदेशी सामानों की माँग की जा रही है, जो कि हमारे पास बहुत ही सीमित मात्रा में हैं। उन्होंने आगे बताया कि किसी ने मुझसे जैतून के तेल की माँग की। इस पर मैंने कहा कि हम सामान्य खाने के तेल की ही व्यवस्था कर सकते हैं, लेकिन वीआईपी कहते हैं कि उनका परिवार केवल जैतून के तेल में पकी हुई सब्जियाँ ही खाता है।
कुछ ऐसे ही कॉन्ग्रेस पार्षद देविंदर सिंह बाबला, जो कि सेक्टर 27 और 28 के वीआईपी इलाके से संबंध रखते हैं, का कहना है कि उनके पास सैकड़ों वीआईपी के फोन आते हैं, जो सिर्फ ब्रांडेड सामान की माँग करते हैं। बाबला ने आगे बताया कि वीआईपी लोग सिर्फ जरूरी सामान की ही नहीं बल्कि शराब की भी माँग कर रहे हैं।
प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये वीआईपी लोग शिक्षित होने के बावजूद भी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और ब्रांडेड सामान की माँग को लेकर कई बार अपना आपा भी खो दे रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि एक वीआईपी व्यक्ति ने तो मुझ पर मुकदमा कराने की धमकी तक दे डाली थी।