मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में 10 गायों को काटकर उनके सिर को सड़क के किनारे और खेतों में फेंक दिए गए हैं। वहीं, एक सिर गाँव के कुएँ में भी मिला है। हिंदू संगठनों का कहना है कि दंगे कराने की साजिश के तहत यह सब किया गया है। वहीं, इस घटना का संबंध बकरीद से होने की बात भी कही जा रही है।
मामला सिवनी जिले के बरघाट तहसील अंतर्गत अरी गाँव के अमराई टोला का है। मंगलवार (4 जुलाई 2023) की सुबह स्थानीय ग्रामीण खेतों की ओर जा रहे थे, तभी उन्हें सड़क किनारे गायों के सिर कटे हुए दिखाई दिए। इसके बाद यह बात पूरे गाँव में फैल गई। इसी दौरान गाँव के ही गोवर्धन साहू नामक व्यक्ति के कुएँ में भी गाय का कटा हुआ सिर मिला।
मामले की जानकारी मिलने पर हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुँच गए। कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस स्टेशन जाकर आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की माँग की। इसके साथ ही हिंदू संगठनों ने एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि सावन माह के पहले दिन हुई इस तरह की घटना से हिंदुओं की भावनाएँ आहत हुईं हैं।
इस मामले में ऑपइंडिया ने VHP नेता दिग्विजय सिंह राजपूत से बात की। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस इलाके में बड़े पैमाने पर गौ-तस्करी हो रही है। गौ-तस्करों को पुलिस प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है। यहाँ कई ऐसे ढाबे हैं, जहाँ गौमांस की बिक्री होती है। गौवंश की हत्या करके उनके सिर लोगों के खेतों और सड़कों पर फेंक कर हिंदुओं को खुली चुनौती दी जा रही है। इस तरह की हरकतें सांप्रदायिक दंगे भड़काने की मंशा से की जा रही हैं।”
दिग्विजय सिंह राजपूत ने यह भी कहा, “बरघाट थाना क्षेत्र के बोरिकला गाँव के सलाई कोसनी में हर रोज गौ-हत्या करके गौ-मांस बेचा जा रहा है। यह गौ-मांस उन रेस्टोरेंट में बेचा जा रहा है, जहाँ विदेशी पर्यटक ठहरते हैं। मध्य प्रदेश में गौ-हत्या पर कड़ी सजा का प्रावधान न होने के चलते ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं। जिस दिन गौ-हत्या पर मृत्यु दंड का प्रावधान हो जाएगा, उस दिन से गौ-तस्करी और ऐसी सभी घटनाएँ बंद हो जाएँगी।”
वहीं, बजरंग के दल प्रखंड सह-संयोजक रवि रहांगडाले ने ऑपइंडिया से कहा, “इसका संबंध बकरीद से भी हो सकता है। ऐसी आशंका है कि बकरीद पर गौ-हत्या कर सिर छिपाकर रखे गए थे, लेकिन अब सड़ने और बदबू आने के चलते इन्हें हिंदुओं के खेतों के सामने फेंक दिया गया। पुलिस को आरोपितों की तलाश कर उन्हें कड़ी सजा देनी चाहिए। घटना के विरोध और आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए गुरुवार (6 जुलाई 2023) को बरघाट बंद बुलाया गया है।”