उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धँसने की बढ़ती घटनाओं से वहाँ के लोग डरे हुए हैं। मकानों में दरारों के बढ़ने के साथ-साथ लोगों की चिंताएँ भी बढ़ रही हैं। लोग अपना गुस्सा सरकार पर निकाल रहे हैं। यहाँ के लोगों ने बद्रीनाथ हाईवे को जाम कर दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दूसरी और प्रदेश भाजपा ने स्थिति का जायजा लेने के लिए 14 सदस्यीय समिति गठित की है।
सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए बुधवार (4 जनवरी 2023) की रात को लोगों ने मशाल जुलूस निकाला था। जमीन धँसने की वजह से लोगों ने गुरुवार (5 जनवरी 2023) दोपहर बद्रीनाथ हाईवे जाम कर दिया। इस वजह से हाईवे पर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गईं। स्थानीय लोगों ने विरोध में अपनी दुकानें भी बंद रखी है।
चमोली: जोशीमठ भू धसाव को लेकर प्रभावितों का फूटा गुस्सा। जोशीमठ बाजार भी रहा पूर्ण बंद। प्रभावित कर रहें चक्का जाम#Joshimath pic.twitter.com/zorvgbE2cD
— gaurav tiwari (@gtiwari25july) January 5, 2023
समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड भाजपा ने स्थिति और इससे हुई क्षति का जायजा लेने के लिए 14 सदस्यीय समिति गठित की है। भाजपा ने इस समिति का गठन प्रदेश महासचिव आदित्य कोठारी के समन्वय से किया है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी अब जमीन धँसने की घटनाओं की निगरानी कर रहा है। PMO की ओर से लगातार अपडेट लिया जा रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा है कि वह भी जल्द जोशीमठ का दौरा करेंगे। स्थिति को सँभालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अगर यहाँ के हालात की बात करें तो सभी 16 वार्डों में स्थिति खराब है। मारवाड़ी भूमि में पानी का बहाव भी नहीं रुक रहा है, जिससे निचले हिस्सों में स्थित घर तबाह हो रहे हैं।
सिंहधार में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में भी दरार आ गई है। जेपी कंपनी के परिसर में जमीन के साथ-साथ घरों की दीवारों से भी पानी का रिसाव हो रहा है। खेतों की दरार में ये पानी घुस रहा है। डाकघर को भी शिफ्ट करना पड़ा है।
‘माउंट व्यू’ नामक होटल तो ऐसा धँस गया कि इसकी पूरी संरचना ही तिरछी हो गई है। होटल को खाली करना पड़ा है। ज्योतिर्मठ परिसर, जो कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य का आवास है, वहाँ के मंदिरों के आसपास भी दरारें आ रही हैं। शंकराचार्य ने सरकार से इस पर ध्यान देने की अपील करते हुए आसपास चल रहे विद्युत्-जल परियोजनाओं को रोकने की माँग की है।
बता दें कि जिन घरों में रहने लायक स्थिति नहीं, उस परिवार को राज्य सरकार ने दूसरी जगह शिफ्ट किया है। बुधवार को जोशीमठ से 66 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। अब तक 77 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में 500 घर रहने के लायक नहीं हैं।