भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह फिर विवादों में हैं। ‘किसान आंदोलन’ में उनके दिए एक भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह महिलाओं के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते और प्रदर्शनकारियों को भड़काते दिख रहे हैं। इसके बाद से सोशल मीडिया में उनकी गिरफ्तारी की माँग की जा रही है।
योगराज सिंह ने कहा, “मैं आपको ये बातें बताना चाहता हूँ और शेयर करना चाहता हूँ, क्योंकि मैं नेताओं के बीच बहुत रहा हूँ। इन लोगों ने जो हमारे किसानों का हाल अभी 75 वर्षों से किया है, इसकी जिम्मेदारी इन्हीं नेताओं की है जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में कुछ नहीं किया। मैं CWC की बैठक में रहा हूँ, उनकी बाते भी सुनी हैं। लेकिन, अफ़सोस ये कि हम अपने बच्चों को गुरुओं का पाठ नहीं पढ़ा सके।”
योगराज सिंह ने आगे कहा, “अगर हमारा ये हाल हुआ है तो हमें मान लेना चाहिए कि हम अपने गुरुओं से दूर हैं। जो पंजाब, कंधार और कश्मीर से लेकर दिल्ली तक था, आज छोटा सा है। तारा सिंह और बलदेव सिंह ने क्या किया, ये आपको पता है। लेकिन, कुछ इतिहास मैं बताता हूँ। जिस सरकार की आप बात कर रहे हैं केंद्र की, आपको पता है कि ये कौन हैं? ये वही हैं, जो अपनी बेटियों की डोली हाथ जोड़ कर मुगलों के हवाले कर देते थे।”
पंजाबी में दिए भाषण में योगराज सिंह ने कहा, “मैं इन्हें आपलोगों से ज्यादा जानता हूँ। ये माँ-बेटियों की कसमें खा कर भी पलट जाते हैं। मैं आपको बधाई देता हूँ कि जब अमित शाह ने कहा कि निरंकारी ग्राउंड आ जाओ तो आपलोग नहीं गए। इनकी किसी बात का विश्वास नहीं करना। एक बात और कहना चाहता हूँ जब इनकी औरतों को अहमद शाह दुर्रानी ले जाता और वहाँ टके-टके की बिकती थी, तो पंजाबियों ने बचाया।”
किसानों के बीच योगराज सिंह ने कहा, “मैंने अपने नेताओं को दिल्ली दरबार में बिकते हुए देखा है। बोली लगती है। 5 करोड़ से लेकर 10-20 करोड़ तक। ये वो कौम है, जिन्होंने हजारों साल गुलामी की है, वो गुलाम जब सत्ता में आते हैं तो ऐसा ही करते हैं। मैं हाथ जोड़ कर कहता हूँ कि अपने में लीडर ढूँढो, बहुत मिलेंगे। पंजाब बचाना है तो अपने हाथ में सत्ता रखो। हम एक जरनैल नहीं पैदा कर सकते? ये जो खड़े हैं, सब जरनैल हैं।”
इससे पहले जब योगराज सिंह से पूछा गया था कि इस ‘किसान आंदोलन’ में इंदिरा गाँधी की हत्या को याद करते हुए पीएम मोदी को भी धमकी दी गई है, तो उन्होंने कहा था कि जिसने जो बोया है, वो वही काटेगा। उन्होंने इसे भावनाओं की लड़ाई बताते हुए कहा था कि सरकार को ऐसा कोई भी बयान नहीं देना चाहिए, जो भारत को विभाजित करे। उन्होंने भारत सरकार पर मुग़ल बादशाहों बाबर, औरंगजेब और अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूरता और अत्याचार करने के आरोप लगाए।
उन्होंने यहाँ तक आरोप लगाया था कि अमित शाह ने अपनी सुरक्षा घेरे में से सिख सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया है। उन्होंने चुनौती दी कि मोदी-शाह ‘अपने दोस्त’ अम्बानी-अडानी को पंजाब लाकर दिखाएँ, फिर हम देखेंगे कि वो कैसे वापस जाते हैं? उन्होंने प्रदर्शनकारियों से उनके बीच से ‘एक और जरनैल सिंह भिंडरवाला’ को पैदा करने के लिए कहा।