पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए लोगों को लेकर कोलकाता हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने इस मामले की जाँच करने का आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दिया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को हिंसा के कारण लोगों के पलायन की जाँच के लिए कहा है।
#BREAKING | Calcutta High Court directs NHRC to probe complaints on people displaced in Bengal post-poll violence pic.twitter.com/grluJETNOW
— Hindustan Times (@htTweets) June 18, 2021
इससे पहले पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई विभिन्न प्रकार की हिंसा की घटनाओं की जाँच के लिए केंद्र सरकार की ओर से कमिटी बनाई गई थी। इस चार सदस्यीय कमिटी ने शनिवार (मई 29, 2021) को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा के नेतृत्व वाले बुद्धिजीवियों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने तथ्यों को उजागर करने वाली रिपोर्ट ‘2021 में बंगाल में खेला’ नामक शीर्षक की अपनी रिपोर्ट को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को सौंपी थी।
600 शिक्षाविदों ने भी लिखा था पत्र
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में हो रही हिंसा पर देश के 600 शिक्षाविदों ने पत्र लिखा है। शिक्षाविदों ने ममता बनर्जी सरकार को आगाह किया था कि सरकार राजनैतिक विद्रोहियों के खिलाफ हिंसा का माहौल बनाकर संवैधानिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ न करे। पत्र लिखने वालों में प्रोफेसर, वाइस चांसलर, डायरेक्टर, डीन और पूर्व वाइस चांसलर शामिल थे।
इतना ही नहीं शिक्षाविदों ने टीएमसी सरकार से राज्य में बदले की राजनीति बंद करने की माँग की थी। पत्र में कहा गया था कि टीएमसी से जुड़े आपराधिक किस्म के लोग उसकी विपरीत विचारधारा वाले लोगों पर हमले कर रहे हैं। पत्र में यह भी कहा गया था कि हजारों लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के साथ ही उनके साथ लूट-पाट भी की गई थी।
5 मई (2021) को ऑप इंडिया ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें हमने बताया था कि TMC के गुंडों की हिंसा के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं का बंगाल से पलायन कर असम चले गए थे। असम के सीएम और भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि बंगाल छोड़कर असम आने वाले कई लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है और उन्हें सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने कहा था कि बंगाल में भय के वातावरण के कारण जारी पलायन के बीच असम पहुँचे 450 से अधिक लोगों को धुबरी में दो राहत शिविरों में रखा गया है और उन्हें आवश्यक सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही हैं।