Sunday, November 3, 2024
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दलित शिक्षक की कसाई वाले चाकूओं से गोद-गोद कर हत्या: रियाज, शमीम, कय्यूम सहित कई पर FIR

"हमला करने वालों की पूरी भीड़ थी। ये एक मॉब लिंचिंग है। ये कसाई समुदाय का इलाका है। मृतक अजय गोरक्षक भी थे।" - स्थानीय युवक के आरोपों पर मध्य प्रदेश पुलिस ने कहा कि ये अचानक हुई घटना है और इसमें...

मध्य प्रदेश के दमोह में सोमवार (दिसंबर 28, 2020) की रात दर्जनों लोगों ने मिल कर दलित अजय मुड़ा नामक शिक्षक की हत्या कर दी। हत्या का आरोप मुस्लिम समाज के लोगों पर लगा है, जो दर्जनों की संख्या में थे। हमले में मृतक का भांजा सुजीत भी घायल हो गए। उनका इलाज जबलपुर के अस्पताल में चल रहा है। स्थानीय हिन्दू कार्यकर्ताओं ने इस हमले का आरोप कसाई समुदाय के स्थानीय मुस्लिमों पर लगाया है।

ऑपइंडिया ने इस घटना के बारे में जानने के लिए स्थानीय युवक से बात की, जिन्होंने बताया कि वो खुद लोकल स्तर पर पत्रकारिता करते हैं और इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया भी इस घटना को उस तरह से नहीं दिखा रहा है, जिससे सच्चाई सामने आए। ये घटना चैनपुर क्षेत्र में सोमवार को रात 9 बजे के आस-पास हुई। उन्होंने कहा कि वहाँ 4-5 लोग ही थे, जिन पर हमला किया गया।

उन्होंने हमें बताया, “हमला करने वालों की पूरी भीड़ थी। ये एक मॉब लिंचिंग है। ये कसाई समुदाय का इलाका है। मृतक अजय गोरक्षक भी थे। हालाँकि, वो इतने सक्रिय नहीं थे लेकिन गोरक्षा अभियान से जुड़े थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये हमला एकदम सुनियोजित ढंग से किया गया। चाकुओं से गोद कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। भाँजे को बचाने के लिए मामा आगे आ गए थे।” इस घटना को लेकर हिन्दू संगठनों में भी आक्रोश है।

मृतक अजय मुड़ा सिलैया में मिडिल स्कूल में बतौर शिक्षक पदस्थापित थे। हिन्दू संगठनों से जुड़े कई कार्यकर्ताओं ने पीड़ित के घर पहुँच कर न्याय की माँग की और सिद्धार्थ मलैया सहित भाजपा नेताओं ने भी घंटाघर पर शव रखने की माँग की, जिसे पुलिस ने अस्वीकृत कर दिया। एम्बुलेंस से शव अस्पताल चौराहा पहुँचा, जहाँ स्थानीय लोगों ने धरना दिया। मृतक के मामा द्वारिका मुड़ा की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली गई है।

मध्य प्रदेश की इस घटना पर हमारे स्थानीय संपर्क ने ऑपइंडिया को बताया कि यहाँ के पूरे हिन्दू संगठन आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति दंगा भड़कने तक पहुँच सकती थी। उनके अनुसार प्रशासन ने मीडिया को भी रिपोर्टिंग से रोक दिया। उन्होंने बताया, “मीडिया भी यहाँ उतनी सक्रिय नहीं है। डर से वो ज्यादा कुछ लिख भी नहीं सकते। उन्होंने संभल कर ही शब्द चुने हैं।” बताया गया है कि हमलवार दो खेप में आए थे।

पुलिस ने रियाज कसाई, शमीम कसाई, मटरू कसाई, कय्यूम कसाई और बाबा कसाई सहित कई आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो हथियारों के साथ वहाँ पहुँचे थे। भाजपा नेता सिद्धार्थ मलैया ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी FIR में आरोपितों के रूप में विजय और रवि अहिरवार का नाम लिखा है, जो मौके पर उपस्थित ही नहीं थे। एसपी हेमंत चौहान ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर कार्रवाई होगी, साथ ही विवेचना से उनका नाम हटा दिया जाएगा, जो इस घटना में शामिल नहीं थे।

एसपी ने कहा कि कसाई मंडी क्षेत्र में रात भर पुलिस ने दबिश दी है और तलाशी अभियान चलाया है। उन्होंने बताया कि आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। कोतवाली के टीआर एचआर पांडेय ने बताया कि पुलिस ने 6 नामजद सहित कई अज्ञात के खिलाफ धारा 307, 302, 323, 147, 148 और 149 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने 7 आरोपितों की गिरफ़्तारी की बात कही है।

दमोह में शिक्षक अजय मुड़ा की हत्या पर पुलिस

हमने इस पूरे मामले में पुलिस का पक्ष जानने के लिए दमोह कोतवाली थाने के टीआई एचआर पांडेय से संपर्क किया, जिन्होंने कहा कि न तो ये घटना सुनियोजित है और न ही इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल है। उन्होंने सिद्धार्थ मलैया के पुलिस पर लगाए गए आरोपों पर कहा कि कुछ लोग इसे हिन्दू-मुस्लिम विवाद का रंग देना चाहते हैं, जबकि गोरक्षा का गोहत्या से इस पूरी घटना का कुछ भी लेनादेना नहीं है।

पांडेय ने ऑपइंडिया से कहा, “रियाज कुरैशी और विजय अहिरवार बाजार से आ रहे थे। रात का समय था। इस दौरान वो अजय मुड़ा के घर के सामने पेशाब करने लगे। वहाँ कोई महिला खड़ी रही होंगी, जिसे उन्होंने अँधेरे के कारण देखा नहीं। मुड़ा परिवार ने इससे आपत्ति जताई और हमें सूचना मिली है कि दोनों के साथ मारपीट भी की। इसके बाद रियाज़ और विजय भाग कर पास में ही कसाई मंडी में पहुँचे।”

एचआर पांडेय ने आगे बताया कि इस घटना की सूचना दिए जाने के बाद इन दोनों के भी परिजन वहाँ पहुँच गए और उन्होंने भी मारपीट शुरू कर दी। इधर से भी मारपीट हुई। उन्होंने बताया, “दोनों तरफ से मारपीट हुई। अब एक पक्ष कसाई था तो उनके पास चाकू सहित इस तरह के अन्य हथियार भी थे। चाकू लगने से खून ज्यादा बहने लगा और इसी कारण मौत हो गई। ये अचानक हुई घटना है। पुराना कोई विवाद नहीं था। “

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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