दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने वालों के परिवारों को अनुग्रह राशि के रूप में 5 लाख रुपए दिए जाएँगे। सरकार द्वारा नियुक्त छह सदस्यीय समिति द्वारा मामले-दर-मामले विचार-विमर्श के बाद राजधानी में यह मुआवजा दिया जाएगा।
यह मुआवजा दिल्ली सरकार द्वारा कोविड से मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों के लिए पूर्व में घोषित 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि से अलग होगा। सरकार ने उन परिवारों के लिए अतिरिक्त 2,500 रुपये मासिक पेंशन की भी घोषणा की थी, जिन्होंने अपना कमाने वाला खो दिया है।
इसके लिए नवगठित छह सदस्यीय पैनल में लोक नायक अस्पताल में निदेशक-प्रोफेसर (चिकित्सा), डॉ. अमित कोहली, उसी अस्पताल में वरिष्ठ एनेस्थेटिस्ट, डॉ. संजीव कुमार, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में विशेषज्ञ (एनेस्थीसिया), सुरेंद्र कुमार, सहायक डीजीएचएस मुख्यालय में निदेशक योजना, जनकपुरी में माता चानन देवी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसी शुक्ला और सिविल लाइंस में तीरथ राम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जेपी सिंह शामिल हैं।
कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से हुई थी कई मौतें
दिल्ली में कोविड की दूसरी लहर के चरम के दौरान ऑक्सीजन की सप्लाई खत्म होने के कारण अस्पतालों में भर्ती मरीजों के मरने के दो प्रमुख मामले सामने आए थे-इनमें जयपुर गोल्डन अस्पताल की कोविड क्रिटिकल केयर यूनिट में 21 मरीजों की मौत हो गई थी और बत्रा अस्पताल के आईसीयू में 12 ने दम तोड़ा था।
नवगठित समिति- जिसमें स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के एक अधिकारी और विभिन्न अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टर और प्रशासक शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, “मामले दर मामले आधार पर, ऑक्सीजन की कमी के कारण मृत्यु के संबंध में प्राप्त शिकायतों और / या प्राप्त अभ्यावेदन का आकलन करेगी। समिति द्वारा मुआवजे की मात्रा को अंतिम रूप “उद्देश्य मानदंड” तैयार करके दिया जाएगा, जिसकी प्रत्येक मामले में सीमा 5 लाख रुपए होगी।”
इसके संबंध में समिति के पास शिकायतें और अभ्यावेदन डीजीएचएस कार्यालय में नर्सिंग होम सेल में ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी दर्ज किए जा सकते हैं। समिति की बैठक सप्ताह में कम से कम दो बार या तो सदस्यों की शारीरिक उपस्थिति से या वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी। इसे संबंधित अस्पताल से ऑक्सीजन की सप्लाई, स्टोरेज और स्टॉक के रिकॉर्ड सहित कोई भी दस्तावेज माँगने का अधिकार होगा और यह भी जाँच करेगी कि क्या ऑक्सीजन का उपयोग मानदंडों के अनुसार ठीक से किया जा रहा था।
कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से हुई थी कई मौतें
सरकार ने कोविड मामलों की संभावित तीसरी लहर की तैयारी के लिए दो समितियों का भी गठन किया। जहाँ एक समिति स्वास्थ्य के बुनियादी ढाँचे को देखेगी, वहीं दूसरी प्रबंधन रणनीति तैयार करेगी। पहली समिति में दिल्ली सरकार के प्रशासनिक वर्गों के 13 सदस्य हैं, जो आइसोलेशन, ऑक्सीजन की आवश्यक मात्रा, और ऑक्सीजन और आईसीयू बेड आदि के लिए एक योजना तैयार करेगी।
समिति नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की तर्ज पर 10,000 प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्वयंसेवकों के एक कैडर के निर्माण पर विचार करेगी। वे अस्थायी सुविधाओं, कोविड देखभाल केंद्रों और क्षेत्र के अस्पतालों के लिए स्थान खोजेंगे जिन्हें जल्दी से स्थापित किया जा सकता है, सप्लाई चेन मैनेजमेंट सेवाओं और वस्तुओं, “विशेष रूप से ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण दवाओं जैसे टोसीलिजुमैब (tocilizumab) और रेमेडिसविर (remdesivir)” पर गौर करेंगे और किसी भी अन्य रुकावटों की पहचान करेंगे।
उन्हें यह सुनिश्चित करने का भी काम सौंपा गया है कि सभी बड़े अस्पतालों में जहाँ भी संभव हो, अपने स्वयं के ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र हों। मई के पहले दो हफ्तों में दिल्ली को ऑक्सीजन की उपलब्धता के अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ा क्योंकि अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गई थी।
वहीं दूसरी समिति को डेटा ट्रेंड्स और दुनिया भर के अन्य शहरों के अनुभवों का विश्लेषण करने और इस तरह की कोविड लहरों की शुरुआत और वायरस के बदलते / म्यूटेटिंग चरित्र की भविष्यवाणी करने और पूर्वानुमान लगाने के लिए मॉडलिंग अभ्यास करने का काम सौंपा गया है। यह “लॉकडाउन की घोषणा कब और किस हद तक की जाए, इस पर स्पष्ट दिशा-निर्देश भी तैयार करेगी।”
दिल्ली में गुरुवार (27 मई) को 1.53% की पॉजिटिविटी रेट पर 1,072 कोविड मामले दर्ज किए, जो बुधवार के 1.93% रेट से कम है।