दिल्ली उच्च न्यायालय ने पत्रकार राना अय्यूब को सोमवार (4 अप्रैल, 2022) को सशर्त विदेश यात्रा करने की अनुमति दे दी और उनके खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सवाल पूछा। इसके जरिए उनके विदेश यात्रा करने पर रोक लगाई गई थी। न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने कहा कि अनुमति उचित शर्तों के साथ है और विस्तृत आदेश बाद में दिया जाएगा।
#Breaking#DelhiHighCourt quashes LOC issued by ED against journalist @RanaAyyub, says “LOC is liable to be set aside as being devoid of merits as well as for infringing #Humanright of the Petitioner to travel abroad & to exercise her freedom of speech and expression.” pic.twitter.com/17iLXTgf2p
— Live Law (@LiveLawIndia) April 4, 2022
दिल्ली हाई कोर्ट ने राना अय्यूब को सशर्त विदेश यात्रा करने की अनुमति दी है। जिसमें उनको एक निश्चित राशि जमा करनी होगी, जाँच के लिए संपर्क नंबर देना होगा। साथ ही यात्रा की जानकारी भी साझा करनी होगी। अदालत अय्यूब की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनकी विदेश यात्रा पर रोक लगाने संबंधी एलओसी को रद्द करने का आग्रह किया गया था।
बता दें कि पिछले हफ्ते पत्रकार राना अय्यूब ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था। इस याचिका का ईडी ने विरोध किया। इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से बहस करते हुए एएसजी एसवी राजू ने कहा कि अय्यूब एक करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि से संबंधित एक गंभीर अपराध में शामिल रही हैं और इस बात की आशंका है कि वह भारत नहीं लौटेंगी। वहीं राना अय्यूब की वकील वृंदा ग्रोवर ने इसे उत्पीड़न का स्पष्ट मामला बताया। उन्होंने कहा कि भारत वापस आने के लिए अय्यूब के पास उचित कारण थे। क्योंकि उनका परिवार यहाँ रहता था।
अदालत में ED के वकील ने कहा, “उनका (अय्यूब) आचरण देखो। बार-बार तलब करने के बाद भी दस्तावेज नहीं दिए गए। फर्जी बिल उपलब्ध कराए गए हैं। हमारे अनुसार, प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का मामला है। सहयोग का हिस्सा गायब है और एजेंसी के सामने उपस्थिति सहयोग नहीं है।”
अदालत ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति एजेंसी के सामने पेश हो रहा है और एजेंसी कहती है कि वह व्यक्ति पेश तो हो रहा है लेकिन वह सहयोग नहीं कर रहा है, तो इसे दिखाने का क्या पैमाना है? अगर असहयोग है तो आप उसे गिरफ्तार क्यों नहीं करते?”
न्यायाधीश ने कहा कि इस स्तर पर, वह केवल एलओसी की पड़ताल कर रहे हैं और महिला को विदेश जाने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं तथा अदालत मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं कर रही।
गौरतलब है कि राना अय्यूब को 29 मार्च को आव्रजन ब्यूरो ने मुंबई हवाई अड्डे पर तब हिरासत में ले लिया था, जब वह पत्रकारिता से जुड़े कुछ कार्यक्रमों में हिस्सा लेने लंदन जा रही थीं।