Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाज'दिल्ली में गोधरा दोहराने की साज़िश': जामिया नगर में DTC की 3 बसों को...

‘दिल्ली में गोधरा दोहराने की साज़िश’: जामिया नगर में DTC की 3 बसों को किया आग के हवाले

जामिया के छात्रों ने दावा किया है कि ये हरकत उन्होंने नहीं की है। उन्होंने कहा कि उनका विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अहिंसक है। छात्रों ने आरोप लगाया कि उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए शरारती तत्वों ने बसों को जलाने का काम किया है।

दिल्ली में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन तेज़ हो गया है। जामिया नगर में उपद्रवियों ने डीटीसी की 3 बसों को आग के हवाले कर दिया। ड्राइवर व अन्य स्टाफ अपनी जान बचा कर भागे। पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया और आँसू गैस के गोले छोड़े। जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने बसों को जलाए जाने में अपना हाथ होने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ विपक्षी दल और कई मुस्लिम संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

जामिया नगर में न सिर्फ़ बसों को जलाया गया बल्कि पत्थरबाजी कर कई बसों के शीशे भी फोड़ डाले गए। नीचे संलग्न किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि क्षतिग्रस्त बसों के पास पत्थर के टुकड़े पड़े हैं और कैसे उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्ति को तहस-नहस किया;

बसों में लगाई गई आग को बुझाने के लिए दमकलकर्मियों को लगाया गया। सूचना मिलते ही दमकलकर्मी और फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ वहाँ पर पहुँचीं। ताज़ा सूचना मिलने तक प्रदर्शनकारी वहाँ से भाग खड़े हुए थे लेकिन बसों से तेज़ धुआँ लगातार उठ रहा था। मौके पर कई प्राइवेट वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। जब ये घटना हुई, तब जामिया के कई छात्र वहाँ पर प्रदर्शन कर रहे थे।

हालाँकि, जामिया के छात्रों ने दावा किया है कि ये हरकत उन्होंने नहीं की है। उन्होंने कहा कि उनका विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अहिंसक है। छात्रों ने आरोप लगाया कि उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए शरारती तत्वों ने बसों को जलाने का काम किया है। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा कर प्रदर्शनकारियों को रोका, लेकिन जब वो नहीं माने तो लाठीचार्ज और आँसू गैस का सहारा लिया गया। आसपास के क्षेत्र को खाली करा लिया गया है। जब सदन में नागरिकता संशोधन बिल पेश किए जाने की बात चल रही थी, तभी से इन इलाक़े में तनाव व्याप्त हो गया था।

जामिया कैम्पस के भीतर छात्रों का प्रदर्शन अभी भी जारी है और वो लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। जहाँ ये घटना हुई है, वो जगह जामिया कैम्पस से कुछ ही दूरी पर जामिया नगर में स्थित है। जामिया के पूर्व छात्रों के संगठन ने इस घटना की निंदा की है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आशंका जताई है कि ये दिल्ली में गोधरा दोहराने की साज़िश है। वहीं मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण होने चाहिए और इस तरह की हिंसा स्वीकार्य नहीं है।

ट्रैफिक पुलिस ने ओखला अंडरपास से सरिता विहार जाने वाले मार्ग पर यातायात रोक दिया है। लोगों से अपील की गई है कि वे इस रास्ते न गुजरें। ज्ञात हो कि केंद्रीय दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। वहाँ पूर्वोत्तर के छात्र संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए जुटे हैं।

‘अमित शाह दुनिया छोड़ो’: मजहबी नारों और हिंसा के बाद जामिया में मोदी को हिटलर बताते स्लोगन

कौन हैं वे ‘बाहरी’ जिनके हाथों में खेले जामिया के छात्र: लगाए मजहबी नारे, किया बलवा

जामिया में मजहबी नारे ‘नारा-ए-तकबीर’, ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ क्यों लग रहे? विरोध तो सरकार का है न?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नाथूराम गोडसे का शव परिवार को क्यों नहीं दिया? दाह संस्कार और अस्थियों का विसर्जन पुलिस ने क्यों किया? – ‘नेहरू सरकार का आदेश’...

नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथ ये ठीक उसी तरह से हुआ, जैसा आजादी से पहले सरदार भगत सिंह और उनके साथियों के साथ अंग्रेजों ने किया था।

पटाखे बुरे, गाड़ियाँ गलत, इंडस्ट्री भी जिम्मेदार लेकिन पराली पर नहीं बोलेंगे: दिल्ली के प्रदूषण पर एक्शन के लिए ‘लिबरल’ दिमाग के जाले साफ़...

दिल्ली में प्रदूषण को रोकना है तो सबसे पहले उन लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना होगा जो इसके जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ बोलना होगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -