दिल्ली हाई कोर्ट के जज और अन्य न्यायिक कर्मचारियों के लिए अशोक होटल में कोविड सेंटर बनाने का आदेश केजरीवाल सरकार ने वापस ले लिया है। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इसके लिए दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित 5 स्टार अशोक होटल में 100 कमरे आवंटित करने का आदेश दिया था।
इस आदेश को वापस लिए जाने की जानकारी आप सरकार ने गुरुवार (29 अप्रैल 2021) को दिल्ली हाई कोर्ट को दी। इसके बाद जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की डिवीजन बेंच ने इस मुद्दे पर कार्यवाही का निस्तारण कर दिया। इस संबंध में समाचार प्रकाशित होने के बाद हाई कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
चाणक्यपुरी के एसडीएम ने 26 को अशोक होटल में कोविड सेंटर को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें कहा गया था कि इस कोविड फैसिलिटी को प्राइमस हॉस्पिटल द्वारा संचालित किया जाएगा। जजों के अलावा न्यायिक कर्मचारी और उनके परिजन भी इस सुविधा का लाभ उठाने के हकदार थे।
यह मामला संज्ञान में आने के बाद हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा था कि क्या यह सब अदालत को खुश करने के लिए किया गया है? कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि उनकी ओर से न्यायाधीशों और अन्य न्यायिक अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए अशोक होटल परिसर को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 सुविधा में बदलने का कोई अनुरोध नहीं किया गया था।
अफसरों के लिए भी VIP कोविड इंतजाम
मंगलवार को (27 अप्रैल) केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के चार बड़े होटलों को सरकारी अधिकारियों और उनके परिवार के लोगों के लिए कोविड केयर सेंटर बनाने का आदेश जारी किया था।
SHAME : अब केजरीवाल सरकार के अफसरों के लिए चार बड़े होटलों के 250 कमरें बुक करने का आर्डर
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 28, 2021
सरकारी अस्पताल को मरीज छोड़कर इन होटलों में डॉक्टर , ऑक्सिजन, दवाएं भेजने का आर्डर
जनता एक एक बेड, एक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए तड़प तड़प कर मर रही है
ये कैसे बर्दाश्त किया जाएगा? pic.twitter.com/I3GrYJgxSr
चार फोर स्टार होटलों विवेक विहार के होटल जिंजर, शाहदरा के होटल पार्क प्लाजा, कड़कड़डूमा के पास स्थित होटल लीला एंबियंस, हरि नगर में होटल गोल्डन ट्यूलिप एसेंशियल को सरकारी अधिकारियों और उनके परिवार वालों के लिए रिजर्व करने का फैसला किया गया था। दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, इन होटलों को राजीव गाँधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल से जोड़ा जाएगा ताकि दिल्ली सरकार, स्वायत्त संस्थाओं और निगम के अधिकारियों और उनके परिवार वालों का इलाज किया जा सके।