दिल्ली के सदर बाजार की एक महिला का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह तीन हिंदू युवकों पर बुर्का खींचने और जय श्रीराम बुलवाने का आरोप लगा रही थी। दिल्ली पुलिस ने जब मामले की जाँच की तो आरोप झूठे निकले। पता चला कि महिला का आरोपितों के साथ काफी समय से किराएदारी विवाद चल रहा है। जब उससे मकान खाली करने को कहा गया तो उसने पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया।
मामले में शिकायत 12 अप्रैल 2022 (मंगलवार) को की गई थी। महिला का दावा था कि उसके साथ यह घटना 11-12 अप्रैल की दरम्यानी रात हुई थी। जाँच में आरोप झूठे पाए जाने के बाद पुलिस ने मामले को सांप्रदायिक रंग देने वालों को चेताया भी है।
कैसे गढ़े जाते हैं फर्जी नैरेटिव व कैसे दी जाती है उसको हवा?
— Rahul Pandey (Journalist) (@STVRahul) April 14, 2022
बुर्का खींचने और जय श्री राम के नारे लगवाने की मनगढ़ंत स्टोरी कैसे फ्लॉप की @DelhiPolice के @DcpNorthDelhi ने
अगर सचेत न होती पुलिस तो अब तक चिड़ियाघर का भालू #Islamophobia की डुगडुगी बजा रहा होता@CPDelhi @AmitShah pic.twitter.com/r3oZ34Mlko
वायरल वीडियो में बुर्का पहने एक महिला दिखाई दे रही है। महिला बता रही है, “रात के 2 बजे मैं अपनी वालिदा को देखकर अपने घर आ रही थी। मेरा भाई 4 कदम पीछे था, जो मुझे छोड़ने आ रहा था। मेरे पड़ोस के 3 शरारती लड़कों ने जिसमें एक राहुल है, उसने मेरे बुर्के के आस्तीन को खींचा। उन्होंने कहा कि मुसलमान औरतों का बुर्का हम उतरवाएँगे। मेरे भाई ने मुझे बचाने की कोशिश की तो उससे भी जय श्रीराम बोलने को कहा। उन्होंने कहा कि हम मुसलमानों को रहने नहीं देंगे।”
दिल्ली पुलिस ने बताया किराएदारी का विवाद
शाहीन के आरोपों की पोल दिल्ली पुलिस ने खोल दी। उत्तरी दिल्ली के DCP सागर सिंह कलसी ने बताया, “12 अप्रैल 2022 को दिल्ली के थाना सदर बाजार में सुबह-सुबह एक झगड़े की कॉल आई थी। कॉल करने वाली महिला ने बताया कि कुछ लड़कों ने उसके साथ झगड़ा किया है। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुँच कर जाँच की। जाँच के बाद पता चला कि सभी लोग आपस में परिचित हैं। इनका किराएदारी का विवाद भी कोर्ट में चल रहा है।” उन्होंने बताया कि यह बात जानकारी में है कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग इस मामले को कम्युनल एंगल दे रहे हैं। ये बात बेबुनियाद है। ऐसे किसी भी मैसेज को फैलाना अपराध माना जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोप लगाने वाली शाहीन ने भी पुलिस के आगे अपना बयान बदल लिया है। आरोपित किए गए तीनों लड़के मकान मालिक बताए जा रहे हैं जो किराएदार शाहीन से अपना घर खाली करवाना चाह रहे थे। इसी बात को लेकर देर रात विवाद हुआ था। घटना के समय तीनों लड़के शराब के नशे में बताए जा रहे हैं।
फरहान और शादाब ने सोशल मीडिया में दी हवा
इस मामले को सबसे पहले फरहान याह्या ने हिंदुस्तान लाइव नाम के फेसबुक पेज पर शेयर किया। उसने इसका शीर्षक दिया, “बुर्के में भाई के साथ जा रही महिला से बदसलूकी। जबरन जय श्री राम के नारे लगवाने का भाई-बहन का दावा। थाना सदर में दी गई शिकायत। एक लड़के को पुलिस ने पकड़ा। 2 गिरफ्त से बाहर।” दिल्ली पुलिस की सख्त संदेश के बाद फरहान ने फेसबुक पोस्ट डिलीट कर ली। लेकिन तब तक यह वायरल हो चुकी थी।
इसी तरह शादाब नाम के एक व्यक्ति ने अपने यूट्यूब चैनल ‘द शादाब वर्ल्ड न्यूज़’ पर 13 अप्रैल को इसी घटना को साम्प्रदायिक रंग देकर शेयर किया। खास बात ये है कि दिल्ली पुलिस की चेतावनी के बाद भी शादाब ने यह वीडियो खबर लिखे जाने तक डिलीट नहीं किया था।