दिल्ली के ओखला फेस-2 इलाके में आम आदमी पार्टी के ऑफिस के पास 3 सितंबर को दो पक्षों में आपसी झड़प का मामला सामने आया। घटना में बिरजू दास और उनका परिवार बुरी तरह घायल हो गया। वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि उनके साथ भी मारपीट हुई। पुलिस ने इस केस को ‘पार्किंग को लेकर हुआ विवाद’ बताया है। हालाँकि, बिरजू दास के परिवार का कहना है कि यह पुरानी रंजिश के चलते हमला हुआ और गाड़ी पार्किंग सिर्फ एक बहाना था। घटना में बिरजू दास का पाँव टूट गया है। उनका इलाज फिलहाल एम्स में चल रहा है। संभवत: सोमवार को उनका ऑपरेशन किया जाएगा।
घायल बिरजू दास का बयान
ऑपइंडिया के संज्ञान में जब यह मामला आया। हमने अस्पताल में भर्ती बिरजू दास से पूरा मामला जानने का प्रयास किया। बिरजू ने आपबीती बताते हुए कहा, “वे लोग पहले से हमारी बेटियों के साथ छेड़छाड़ करते थे। हमारी बड़ी बेटी से पहले छेड़छाड़ हुई। फिर छोटी बेटी से भी बदसलूकी हुई। पिछले साल उसे घर में घुस कर मारा भी गया। हमने हर मामले में शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन हर बार बात आई-गई हो गई। इस बार उन्होंने गाड़ी पार्क के बहाने झगड़ा शुरू किया। उनके पास पिस्टल तक थी।”
बिरजू कहते हैं, “उन लोगों की प्लॉनिंग पहले से थी। उन्हें किसी बहाने से बस झगड़ा करना था। इसलिए उन्होंने उस दिन वहीं गाड़ी पार्क की जहाँ मैं करता था। हमने जब उनसे कहा कि भैया गाड़ी हटा लो। हमें गाड़ी पार्क करनी है। इतना सुनते ही उन्होंने पिस्टल निकाल ली और हमसे हाथापाई छीनाझपटी करने लगे। हमारा पाँव तोड़ दिया गया। जब बच्चे हमें बचाने आए, तो उनकी भी पिटाई कर दी।”
बिरजू का आरोप है कि घटना में उनका पाँव तक टूट गया। मगर, पुलिस ने उपयुक्त धाराओं में केस दर्ज नहीं किया। उनका कहना है कि इस केस में सामान्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है। जिसके कारण आरोपितों को सिर्फ़ पूछताछ करके छोड़ दिया गया। जबकि वह अस्पताल में हैं। उनकी बेटियों और पत्नी को टाँके आए हैं। उनके पैर का ऑपरेशन भी सोमवार को किया जाएगा।
मामला दर्ज
यहाँ बता दें कि इस केस में 4 सितंबर 2020 को ओखला इंडस्ट्रियल एरिया में एफआईआर दर्ज हुई है। जाँच की जिम्मेदारी पुलिस अधिकारी अखिलेश कुमार को सौंपी गई है। आरोपितों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 34,506,323,341 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
शिकायत में बताया गया है कि उस रात करीब 9-9:30 बजे बिरजू अपनी बाइक खड़े करने गए थे। लेकिन दूसरी गाड़ी देखकर पूछा कि यह गाड़ी किसकी है। जिस पर सललन ने कहा कि गाड़ी नहीं हटेगी। तभी राजा उर्फ कुर्शीद ने पिस्टल निकाल ली। लेकिन बिरजू ने उनकी पिस्टल पकड़ ली। इसके बाद वे सारे लोग उन्हें मारने लगे, जिसकी वजह से वह रोड पर गिर गए। इसके बाद उन्हें नहीं पता कि कौन कहाँ गया। इसी बीच किसी ने 100 नंबर पर फोन मिला दिया और पुलिस ने उन्हें व उनकी पत्नी को एम्स में भर्ती कराके बयान लिखा। एफआईआर में माँग है कि सललन, अंसारी, व राजा उर्फ कुर्शीद पर कानूनी कार्रवाई हो।
पुलिस का बयान
ऑपइंडिया ने इस संबंध में जाँच अधिकारी अखिलेश कुमार को भी संपर्क किया। उन्होंने बताया कि इन लोगों का पार्किंग को लेकर आपस में झगड़ा हुआ था तो पूरे केस में क्रॉस मुकदमे दर्ज हुए हैं। दूसरे पक्ष ने भी मारपीट का केस किया। उन पर भी चोट लगी है। उनकी भी दो एमएलसी बनी है। हालाँकि, बिरजू दास की जो कंप्लेन हैं, उसकी कार्रवाई में 3 गिरफ्तार हुए हैं।
दूसरे पक्ष का आरोप
अखिलेश कुमार बताते हैं कि दूसरे पक्ष ने अपनी शिकायत में कहा है कि 20 दिन पहले उनके पिता की मृत्यु हुई थी और उस दिन वह इसी कारण से मजदूरों के लिए गाड़ी में खाना लेकर जा रहे थे। वे कहते हैं कि दूसरे पक्ष का आरोप है कि बिरजू दास की ओर से यह सब जानबूझकर किया गया है। उन्होंने ही आकर पहले गाड़ी हटाने को बोला और फिर गाली गलौच की। इसी के बाद दूसरे पक्ष ने कहा कि गाड़ी नहीं हटेगी।
बिरजू दास के आरोपों पर जाँच अधिकारी कहते हैं कि उनकी बातें केवल एक पक्ष हैं। इससे निर्णय नहीं लिया जा सकता। मगर, हकीकत जो है वो यही है कि पार्किंग विवाद पर पूरा मामला हुआ। उनकी मानें तो सरकारी कैमरे की फुटेज और आसपास के लोगों से पूछताछ करके मामले की जाँच चल रही है। पुलिस दोनों पक्षों को सुन रही है। बिना जाँच के 307 जैसी धाराएँ नहीं लग सकतीं। पुलिस ने हमसे बातचीत में दोनों पक्षों के बीच हुए पुराने विवाद की भी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इनके बीच रंजिश पुरानी है।
3 सितंबर को बिरजू दास की बेटियों की आपबीती
इस केस में एक ओर जहाँ बिरजू दास से मारपीट के मामले में दूसरे पक्ष ने खुद को भी पीड़ित बताया है। वहीं, यह गौर करने वाली बात है कि बिरजू दास की बेटियों का इस पूरे केस पर कुछ और ही मत है। अपने पिता के साथ हुई मारपीट के मामले में लड़कियाँ इस पूरी घटना की पृष्ठभूमि उनसे जुड़ी घटनाओं को बताती हैं। छोटी बेटी कहती हैं कि उसे घटना के चार दिन पहले ही धमकी मिल गई थी। आरोपित लड़कों ने उससे कहा था “देखो तुम्हारे साथ क्या करते हैं।”
बिरजू दास की बड़ी बेटी ऑपइंडिया को बताती हैं, “उस दिन ये सब लोग पहले से उसी जगह मौजूद थे, जहाँ पापा की बाइक खड़ी होती थी। जब मारपीट हुई तो हमें किसी से पता चला कि हमारे पापा का झगड़ा हो गया। हम देखने गए। लेकिन हमने देखा कि पापा तो वहाँ जमीन पर पड़े थे और सललन घुटना रख कर उनकी छाती पर चढ़ा हुआ था। उन्होंने पापा को गाड़ियों के बीच में रखा हुआ था, ताकि दिखे न। लेकिन मेरी नजर वहाँ पड़ गई। हमने देखा पापा अधमरे पड़े हुए थे। उनकी टाँग तोड़ दी गई थी, उन पर चाकू से हमला भी हुआ था। हमने उन्हें हटने को कहा। तभी उस लड़के के भाई और 4-5 लड़कों ने मुझे घेर लिया और कहा- इस बहन की *&%$ मार। उन्होंने मेरी चोटी खींच कर मारा।”
हमले में बिरजू दास की बेटियों और पत्नी को आई चोटें
बिरजू की बड़ी बेटी ज्योति के अनुसार, ये सारे लड़के उन्हीं की झुग्गियों से थे। बस कुर्शीद बाहर से आया था। बिरजू की बड़ी बेटी कहती हैं कि दूसरे पक्ष की ओर से औरतों ने भी उन पर हमला बोला। उन्हें बेरहमी से मारा। ईंट-पत्थर-डंडे चलाए गए। छोटी बहन सोनी को भी मारा और उससे छोटी वाली बहन, जो कुछ बोलती-सुनती नहीं है उसे भी चाकू से हमला किया। हालाँकि उसको बस नोक लगी, जिससे उसके गड्ढा हो गया। उसे टाँके आए हैं। लड़की के अनुसार, घटना में उसके परिवार पर इतनी बुरी तरह हमला हुआ कि उनकी माँ को 6 टाँके आए हैं, एक बहन को 5 टाँके आए हैं। वहीं उससे छोटी बहन को 2-3 टाँके आए हैं।
ज्योति का आरोप है कि जब पुलिस आई तो उन्होंने मामला सुनने की बजाय उलटा उन्हें हड़का दिया। वहीं दूसरे पक्ष ने उन पर मारपीट का आरोप जो लगाया है, वो गलत है। उन्होंने खुद ही खुद को बेल्ट से मारा। यह चीज सड़क चलते लोगों ने भी देखी कि वह खुद ही खुद को मार रहे थे। पुलिस के सामने भी ऐसी ही नाटक किया गया। सललन ने खुद अपने भाई अंसारी का गला दबाया था और खुद ही चिल्लाकर वहाँ लेट गया। जबकि उस समय उनके पापा तो सड़क पर पड़े हुए थे। उनकी हालत ऐसी थी कि 4 लोगों ने उन्हें उठाकर गाड़ी में रखा और अस्पताल लेकर गए।
लड़कियों से छेड़छाड़ और मारपीट कर चुके हैं आरोपित
ज्योति पिछले केस के बारे में बताती हैं कि उनकी छोटी बहन सोनी पर एक साल पहले अंसारी ने ही अपने माँ-बहन-भाई के साथ हमला किया था। वे कहती हैं, “हमले के समय सोनी घर में अकेली थी। तब भी हमने कंप्लेन करवाई थी। लेकिन उस बार समझौता हो गया था, क्योंकि अंसारी की मम्मी ने हमारे पापा के पास जाकर हाथ जोड़ने लगी थी। जिसकी पापा ने रिकॉर्डिंग भी की। लेकिन झगड़े वाले दिन दूसरे पक्ष ने उस दिन की घटना की रिकॉर्डिंग व उससे पहले की सारी रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी।”
ज्योति बताती हैं, “राजा उर्फ कुर्शीद मेरे पीछे काफी समय से पड़ा हुआ था और मुझसे शादी के लिए कहता था। जबकि वह खुद पहले से शादीशुदा है। लेकिन तब भी मुझसे कहता था, ‘मैं उसे भी रखूँगा और तुझे भी रखूँगा।’ इस पर भी पापा ने कुर्शीद के ख़िलाफ़ केस किया था। उस समय भी समझौता हुआ। फिर सोनी के साथ घटना घटी और कुछ दिन में उससे मारपीट हो गई। अब चौथी बार यह सब हुआ।”
ज्योति बताती हैं कि राजा ने उन्हें धमकी दी हुई थी। वह कहता है, “मैं तेरे परिवार को वैसे भी नहीं छोड़ूँगा।” उन्हें नहीं पता था कि वो सच में ऐसा कुछ कर देगा। वह बताती हैं कि ये लोग आपराधिक प्रवृति के हैं। एक बार साईं संध्या में भी इन्होंने कुछ अन्य लोगों के साथ मिल कर गोली चला दी थी और दो भाइयों को मारा भी था। इस केस में अब भी एक आरोपित जेल में बंद है जबकि सललन निकल आया।
छोटी बेटी ने डर से छोड़ी रेगुलर पढ़ाई
बिरजू दास की छोटी बेटी ने जब ऑपइंडिया से बात की। तो उसने भी कई चौंकाने वाली बातें बताई। सोनी ने कहा कि उसके साथ यह सब इतनी बार हुआ है कि उसने डर कर स्कूल जाना भी छोड़ दिया और अब ओपन से पढ़ाई करती है। उसे कोचिंग जाते वक्त भी ये लोग अक्सर परेशान करते थे जिसकी वजह से उसने अपनी माँ को बताया भी था। इससे पहले जब उसके साथ छेड़खानी और मारपीट हुई थी, तब वह इतना घबरा गई थी कि महिला आयोग में शिकायत के बाद उसे 10 दिन तक घर से अलग रखा गया।
सोनी आपबीती सुनाते हुए कहती हैं कि इस घटना के घटने से पहले उनके साथ गली में आते-जाते छेड़छाड़ होती थी। अफसेन, इमरान और रियाज मिल कर छेड़ते थे और जिस अंसारी ने आज पापा पर हमला किया है, उसी ने उन्हें घर में अकेला पाकर अपने भाई-बहन-माँ के साथ मारा था। मगर तब समझौता हो गया था क्योंकि वह भी नाबालिग था। हालाँकि उसने तब भी धमकी देते हुए कहा था, “मेरे भाई (सल्लन) को छूटने दे, तब देख तेरे परिवार का क्या करता हूँ।” लेकिन तब सोनी ने इतना गौर नहीं किया।
आगे वे कहती हैं, “पर मैं एक हफ्ते अपने घर से अलग रही थी, ताकि कोई खतरा न हो। मुझे लगा जब घर में घुस कर हमला कर सकते हैं तो कुछ भी हो सकता है, इसलिए मैं चली गई और 10 दिन बाद लौटी। जब वापस आई तो एक महीने बाद उसका भाई छूट गया। इन लोगों ने हमारे पापा के ड्राइवर को भी मारा। फिर पापा ने केस किया। जब पुलिस वाले उठा कर ले गए तो पहले कहा कि मैंने नहीं मारा। लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया कि उसे लगा था ड्राइवर हमारा रिश्तेदार है। इस मामले में भी समझौता हुआ था।
सोनी के अनुसार, “आए दिन कुछ न कुछ होता देख मैंने अपना स्कूल छोड़ दिया। मुझे लगा कुछ भी हो सकता है। इस बीच मेरी कंपार्टमेंट भी आई। मगर, स्कूल छोड़ने का कारण इन लोगों का डर ही था। मैंने सोचा इन लोगों के चक्कर में वैसे भी मेरी जिंदगी बेकार हो रही है। इसलिए मैंने ओपन से फॉर्म भरा। लेकिन इन्होंने तब भी मेरा पीछा नहीं छोड़ा। कोचिंग जाते हुए परेशान करने लगे। अंसारी के भाई सललन ने तब मुझे फ्रेंडशिप के लिए कहना शुरू किया “
सोनी के मुताबिक वह कहता था, “मैं तुझे पसंद करता हूँ, मुझसे दोस्ती कर ले। तुझे गली में सब दिखते हैं, मैं ही नहीं दिखता।” लेकिन उन्होंने कहा, “बाकी सबको मैं जानती हूँ, तुम लोगों से मुझे फ्रेंडशिप तो क्या बात करना भी नहीं पसंद। इसके बाद वो मेरा पीछा करने लगे। डर कर मैं कुछ दिन कोचिंग भी नहीं गई। फिर इस हालिया घटना से चार दिन पहले सललन ने मुझे पूछा कि आखिरी बार पूछ रहा हूँ तू मुझे फ्रेंडशिप करेगी कि नहीं। जिस पर मैने फिर मना कर दिया और उसने यह सुन कर कहा, ‘देख मैं तेरे साथ क्या करता हूँ।’ और देखो चार दिन बाद उसने क्या किया।”
मारपीट की घटना से पहले की बात बताते हुए सोनी कहती हैं, “मेरे पीछे 4 लड़के पड़े हुए थे और इधर-उधर हाथ लगाने की कोशिश करते थे। इसके बाद हालिया घटना में भी मुझे घेरने की कोशिश हुई। मुझ पर ईंट पत्थर चलाए गए। मैंने भागने की कोशिश की। लेकिन मेरे पाँव में चोट आ गई थी।” वह कहती हैं कि एक ने तो मुझे पीछे से आकर पकड़ भी लिया था। लेकिन मैंने उसे जब मारा तो उसने मुझे छोड़ा। सोनी का कहना है कि अगर उस दिन वह वहाँ से नहीं भागतीं तो उनके साथ कुछ भी हो सकता था।
पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट है बिरजूदास का परिवार
यहाँ बता दें कि बिरजू दास की बेटियाँ पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि पुलिस उनकी बात पर यकीन नहीं कर रही है। उन्होंने जब अपनी बातें बताईं तो उनसे कहा गया, “कहानी मत गढ़। झुग्गी में क्या तू ही खूबसूरत लड़की है जो बस तेरे पीछे आएगा वो?” सोनी पूछती हैं क्या किसी लड़की को खूबसूरत होने न होने पर ऐसे कहा जाना चाहिए?
वह कहती हैं कि इस केस में उनके पापा पर गोली चलाने के लिए दूसरे पक्ष द्वारा पिस्टल निकाली गई थी। लेकिन चूँकि पापा ने पिस्टल पकड़ ली तो उन पर उलटा इल्जाम लग गया। सोनी के अनुसार, बयान में यह लिख दिया गया था कि बिरजू ने भी गोली चलाई,जबकि यह झूठ था। इसलिए उन्होंने शिकायत में से यह सब हटाने को कहा और तभी साइन किया।
बेटियों के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से उन्हें खाने-पीने की बहुत दिक्कत है। अब उनके पापा के पैर के ऑपरेशन के लिए पैसा चाहिए। उनकी चिंता है कि यह सब कैसे होगा। इस पर पुलिस का ऐसा रवैया उन्हें बहुत दुखी करता है।
वे दुखी मन से पूछती हैं, ”अगर हमारा किसी से बात करने का मन नहीं है, तो हम कैसे कर लें। लड़कियाँ जब किसी के साथ जाती हैं, तो आपसी सहमति होती है। लेकिन जब लड़की राजी नहीं है, तो ये सब करना जरूरी होता है क्या? उन लोगों ने मुझे यहाँ तक कहा है, ’जो तू इतनी खूबसूरती लेकर घूमती है न, इस पर ऐसा दाग लगाऊँगा कि तू कभी सोच भी नहीं सकती है।’ मैंने तब भी कुछ नहीं कहा। सिर्फ़ मम्मी को बताया, पापा को वो भी नहीं। क्योंकि वो पढ़ाई रुकवा देते। आज मैं ओपन से पढ़ रही हूँ। लेकिन अब आगे ऐसा तो नहीं हो सकता न कि मैं इन लोगों के चक्कर में बस घर में बैठूँ।”
सीसीटीवी फुटेज
बता दें, इस घटना की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई हैं। वीडियो में पूरा झगड़ा कैद हुआ है। लड़कियों पर लाठी-डंडे से हमले की घटना इसमें साफ देखी जा सकती है। इसके अलावा जगह पर कई लोगों की भीड़ दिख रही है। जो संभवत: बिरजूदास और उनके परिवार पर हमला बोल रहे हैं। इस बीच कुछ महिलाओं में भी आपसी झड़प देखने को मिल रही हैं। ज्योति और सोनी का कहना है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने ही उन पर हमला बोला। उन लोगों के पास कुछ नहीं था। लाठी-डंडे भी दूसरे पक्ष ने चलाए। हालाँकि, पुलिस के मुताबिक, दूसरे पक्ष से भी मारपीट हुई है।
दिल्ली में सुदर्शन वाहिनी के उपाध्यक्ष सागर मलिक कर रहे इंसाफ की माँग
ओखला फेस 2 में 3 सितंबर को घटी इस घटना के मद्देनजर सुदर्शन वाहिनी के उपाध्यक्ष सागर मलिक भी इस मामले में बिरजूदास के परिवार के लिए इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जब पहले मामले (छेड़खानी) में शिकायत दर्ज हुई थी। उस समय तीन (अफसेन, रियाज और इमरान) लोग गिरफ्तार हुए थे। जब आरोपित छूटा तो ये घटना घटी। आज भी पुलिस ने गैर जमानती धाराएँ लगा दी हैं। टाँग टूठने के बावजूद अंग भंग का मुकदमा नहीं दर्ज किया गया।
इसके अलावा घटना जानते हुए और परिवार से बात करने के बाद वह मानते हैं कि यह हत्या के प्रयास की कोशिश थी। बावजूद इसके धारा 307 इसमें शामिल नहीं की गई। उनका भी यह कहना है कि 3 सितंबर को जो भी हुआ वह पुरानी रंजिश के चलते हुआ है। क्योंकि पुराने केस में आरोपित लड़के जेल गए थे। इसलिए यह सब सुनियोजित ही लग रहा है, परिवार पर बहुत बुरी तरह हमला बोला गया है। हमले में चाकू-छूर्रियों को भी इस्तेमाल हुआ है।
इंटरनेट पर भी वायरल हुआ मामला
उल्लेखनीय है कि इस केस को लेकर सोशल मीडिया पर भी उचित कार्रवाई की माँग उठ रही है। सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल उमराँव ने घटना का जिक्र करते हुए अपने ट्विटर पर लिखा है, “संसद से 12KM दूर ओखला में हिंदू परिवार ने बेटी के छेड़खानी पर पुलिस में शिकायत की तो समुदाय ने परिवार पर हमला कर पिता के पैर तोड दिए और माँ का यह हाल कर दिया पर देश की सबसे भ्रष्ट दिल्ली पुलिस कार में अकेले व्यक्ति का चालान करने व पैसे लेकर आरोपियों को बचाने में व्यस्त है। “
संसद से 12KM ओखला में हिंदू परिवार नें बेटी के छेड़खानी पर पुलिस में शिकायत की तो समुदाय नें परिवार पर हमला कर पिता के पैर तोड दिए और मां का यह हाल कर दिया पर देश की सबसे भ्रष्ट @DelhiPolice कार में अकेले व्यक्ति का चालान करने व पैसे लेकर आरोपियों को बचाने में व्यस्त है। @CPDelhi pic.twitter.com/XzsuPIYJjo
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) September 4, 2020
इसी प्रकार सुदर्शन चैनल के रिपोर्टर गौरव मिश्रा भी इस केस को लेकर लगातार ट्वीट कर रहे हैं। उन्होंने बिरजू दास की बेटी की वीडियो साझा की है। इसमें लड़की बता रही है कि आरोपित अभी भी सरेआम घूम रहे हैं और उन्हें धमकियाँ दे रहे हैं।
मैंने इन जेहादियों के डर से 3 सालों से स्कूल जाना तक छोड़ दिया,सल्लन मुझसे ज़बरन शादी करना चाहता था मुझे जान से मारने की धमकियां देता था,अखोला के जे.जे कॉलोनी में डर के साये में जी रहा है ये हिंदू परिवार पिता अस्पताल में है और बेटियां न्याय के इंतज़ार में है। pic.twitter.com/NxUfUE2O03
— Gaurav Mishra गौरव मिश्रा 🇮🇳 (@gauravstvnews) September 5, 2020
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में गौरव मिश्रा लिखते हैं, “दिल्ली के अखोला में एक हिंदू परिवार ने अपने बेटी के छेड़छाड़ से परेशान होकर पुलिस में कंप्लेंट क्या करवाई। जेहादियों ने झुंड बनाकर घर के ऊपर हमला कर दिया, पिता के पैर तोड़ दीए जो अब रॉड लगाने पर जॉइंट हो पाएगा,आख़िर दिल्ली में कब तक हिंदुओं के घरों पर होते रहेंगे हमले?”
दिल्ली के अखोला में एक हिंदू परिवार ने अपने बेटी के छेड़छाड़ से परेशान होकर पुलिस में कंपलेंट क्या करवाई जेहादियों ने झुंड बनाकर घर के ऊपर हमला कर दिया, पिता के पैर तोड़ दीये जो अब रॉड लगाने पर जॉइंट हो पायेगा,आख़िर दिल्ली में कब तक हिंदुओं के घरों पर होते रहेंगे हमले? pic.twitter.com/kyM3mIZxIk
— Gaurav Mishra गौरव मिश्रा 🇮🇳 (@gauravstvnews) September 4, 2020