दिल्ली के शाहीन बाग इलाके से प्रदर्शन स्थल का तंबू उखड़ने के बाद वहाँ की एक तस्वीर सामने आई है। ये तस्वीर वहाँ के स्थानीय लोगों की है, जो कोरोना के फैलते प्रभाव को जानते-समझते हुए सड़क पर इकट्ठा हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक, शाहीन बाग पर पुलिस की कार्रवाई के बाद ये भीड़ जुटी और देखते ही देखते इनकी तादाद बढ़ती गई। हालाँकि, चिंता की बात नहीं है क्योंकि स्थिति को समझते हुए वहाँ पहले ही भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।
Delhi: Locals gather near the anti-CAA protest site in Shaheen Bagh which was cleared by police today morning, amid complete lockdown in the national capital to prevent the spread of #Coronavirus pic.twitter.com/lkOkcbPcIN
— ANI (@ANI) March 24, 2020
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ सरकार विज्ञापनों, संदेशों, सोशल मीडिया के जरिए लोगों से अपने-अपने घरों में रहने की गुहार लगा रही है। वहीं ये तस्वीर इलाके में मौजूद लोगों की नासमझी, लापरवाही और समाज के प्रति गैर-जिम्मेदार रवैये को दर्शाती है।
RT if u think they 👆 are endangering entire humanity & are Terrorists!
— RiseOfBurnol (@RiseofBurnol) March 24, 2020
I nominate humanity lovers to RT@Javedakhtarjadu @ReallySwara @Mdzeeshanayyub @MonaAmbegaonkar @SalmanNizami_ @UmarKhalidJNU @sabanaqvi_ @bdutt @deepikapadukone @aishe_ghosh @anubhavsinha @anuragkashyap72
सोशल मीडिया पर तो यूजर्स इस भीड़ को जाहिल, मानवता के दुश्मन और आतंकवादी तक कह रहे हैं। लोगों का कहना है, “देश हमेशा याद रखेगा, जब देश सबसे मुश्किल घड़ी से गुजर रहा था तब जाहिलों ने देश को धोखा दिया। यह सही में गद्दार है और धोखेबाज हैं।”
देश हमेशा याद रखेगा जब देश सबसे मुश्किल घड़ी से गुजर रहा था तब जाहिलो ने देश को धोखा दिया
— Aakash | आकाश 🇮🇳 (@Indiaaakash) March 24, 2020
यह सही में गद्दार है और धोखेबाज है
और खून बहाने की कीमत पोकस्तन और बांग्लादेश बना कर मिल गई थी#आर्थिक_बहिष्कार ही उपाय है
वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के जानकार दिव्य कुमार सोती ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इन लोगों के लिए तंबू उखाड़ना काफी नहीं है। इन्हें बंबू भी चाहिए।
Uprooting Tamboo isn’t enough, they also need Bamboo. https://t.co/B70vZM9Ktc
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) March 24, 2020
एएनआई द्वारा दी इस जानकारी पर एक शमीला नामक यूजर ने भी प्रतिक्रिया दी है। महिला का कहना है कि एएनआई कोरोना वायरस को मुस्लिमों की छवि भयावह बना रही है। शमीला के अनुसार, ये कोरोना वायरस 2 और 3 महीनों में मर जाएगा। लेकिन लोगों की नफरत भरी प्रतिक्रिया कभी खत्म नहीं होगी।
ANI is using deadly Coronavirus lockdown to demonize Muslims. Coronavirus may die in a month or two, but this hate in replies will never die.
— Shameela (@shaikhshameela) March 24, 2020
बता दें कि शाहीन बाग में मुस्लिमों की भीड़ की इस हरकत को धिक्कारा जा रहा है। लोगों का कहना है कि बॉलीवुड के सेकुलर और पत्तलकारों को आकर इन्हें समझाने की आवश्यकता है।
ANI is using deadly Coronavirus lockdown to demonize Muslims. Coronavirus may die in a month or two, but this hate in replies will never die.
— Shameela (@shaikhshameela) March 24, 2020