कोरोनावायरस से संक्रमित होकर जान गँवाने वाले दिल्ली पुलिस के पहले जवान, कॉन्स्टेबल अमित कुमार की पत्नी ने 15 जनवरी को एक बच्ची को जन्म दिया है। परिवारवालों ने बताया कि, दिवंगत पुलिसकर्मी की इच्छा के अनुसार बेटी का नाम ‘एनी’ रखा गया है।
#Delhi Wife of Const Amit-1st #Covid19 death in @DelhiPolice -gave birth to baby girl on Jan 15.She got to know about her pregnancy on 13th day of his death.She’snamed her Annie-name desired by officer if he ever had a girl.
— Hemani Bhandari (@HemaniBhandari) January 20, 2021
Family still hasn’t rec 1cr ex-gratia announced by CM. pic.twitter.com/AIkFvshe1P
बता दें कोरोना वायरस का शिकार होकर कॉन्स्टेबल कुमार की 5 मई को मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उनकी पत्नी पूजा और 3 साल का बेटा भी संक्रमण की चपेट में आ गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमित के निधन के 13 दिन बाद क्वारंटाइन सेंटर में पूजा को अपने गर्भवती होने का पता चला था।
कॉन्स्टेबल की पत्नी पूजा ने कहा, “अमित ने हमेशा कहा कि अगर हमारी बेटी होगी, तो हम उसका नाम एनी रखेंगे इसलिए मैंने उसका निकनाम एनी रखा है। हालाँकि, मैंने उसका असली नाम ‘ओजस्वी’ तय किया है।” हॉस्पिटल से सोमवार को डिस्चार्ज हुई पूजा का मानना है कि अमित एनी के रूप में उसके पास वापस आ गए है। पूजा ने आगे कहा, “यह मेरा विश्वास है… मैंने उसे उसी समय के आसपास कल्पना की थी जब उसने हमें छोड़ दिया था… वह अपने पिता की तरह ही दिखती है।
परिवार में नए सदस्य का आगमन हुआ है। वहीं परिवार के सदस्य अभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अमित की मृत्यु के समय दिए जाने वाले 1 करोड़ रुपए की मुवावजा राशि का इंतजार कर रहे हैं। बता दें केजरीवाल ने दिवंगत दिल्ली पुलिस अधिकारी द्वारा किए गए बलिदान के बारे में ट्विटर पर बताते हुए कुमार के परिवार को 1 करोड़ रुपए के मुआवजे की घोषणा की थी।
अमित जी अपनी जान की परवाह ना करते हुए करोना की इस महामारी के समय हम दिल्ली वालों की सेवा करते रहे। वे खुद करोना से संक्रमित हो गए और हमें छोड़ कर चले गए। उनकी शहादत को मैं सभी दिल्लीवासियो की ओर से नमन करता हूँ। उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी। https://t.co/n1eNmZNNCw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 7, 2020
दिवंगत अमित की पत्नी पूजा का कहना है कि परिवार को हाल ही में सूचित किया गया था कि उनके बेटे की फ़ाइल को दिल्ली सरकार ने अस्वीकार कर दिया है क्योंकि यह उनकी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है। उन्होंने बताया कि परिवार ने सरकारी विभाग द्वारा कहे गए सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए थे, लेकिन बाद में उन्हें सूचित किया गया कि उनकी फाइल इस आधार पर खारिज कर दी गई है कि अमित कोविड-19 ड्यूटी पर नहीं थे।
हालाँकि, पूजा को पुलिस फ़ोर्स में नौकरी की पेशकश की गई, जिसके लिए उन्हें आधिकारिक सूचना दी गई है और मार्च में इसकी एक परीक्षा होनी है। उन्हें उम्मीद है कि वह यह टेस्ट पास कर लें और जल्द ही जॉब जॉइन करें।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस फ़ोर्स के “कोविड वारियर्स” को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यालय पहुँचे, जिनके नाम बोर्ड पर लिखे गए थे। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, 33 पुलिस अधिकारियों की कोविड-19 से मृत्यु हो गई थी और उनमें से अभी तक किसी को भी दिल्ली सरकार द्वारा घोषित 1 करोड़ की सम्मान राशि नहीं मिली है।
उल्लेखनीय है कि पिछली एक रिपोर्ट में हमनें बताया था कि केजरीवाल सरकार ने ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस की वजह से मरने वाले 15 में से 12 पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा दायर दावों को दिसंबर 2020 में खारिज कर दिया था। केजरीवाल सरकार ने इस आधार पर फाइलें खारिज कर दी थी कि पुलिस अधिकारी COVID-19 ड्यूटी पर नहीं थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 31 पुलिस वालों ने ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस की वजह से अपनी जान गँवाई थी। इनमें से 15 पुलिसकर्मी ‘कोविड ड्यूटी’ पर थे। दिल्ली की सरकार ने इन 15 पुलिसवालों के परिवार वालों में 12 परिवारों के दावे खारिज कर दिए थे। वहीं 3 परिवारों का आवेदन लंबित है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ पुलिस महकमे द्वारा भेजे गए आँकड़ों से इतर कुछ वादे आप नेताओं, सरकार और खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा किए गए थे।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए अस्वीकृति पत्र के अनुसार, “मृतक रोज़मर्रा (रेगुलर) की ड्यूटी कर रहा था न कि कोविड 19 ड्यूटी जो कि 1 करोड़ रुपए का आर्थिक सहयोग प्राप्त करने के लिए सबसे अनिवार्य पैमाना है।” योगेंद्र प्रसाद यादव के पिता ने दिल्ली सरकार से ‘कोविड ड्यूटी’ की परिभाषा पूछी है। साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री से अपना वादा निभाने का अनुरोध किया है।
इंस्पेक्टर संजय शर्मा की पत्नी अरुणा शर्मा, जिनकी अगस्त में कोरोनोवायरस से मृत्यु हो गई थी, ने कहा कि उन्हें भी दिल्ली सरकार से एक अस्वीकृति पत्र मिला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क कर मामले में अपनी बात रखने का अनुरोध किया था। हालाँकि, वह नहीं समझा पाई की उनके पति कोविड 19 के दौरान पुलिस नियंत्रण कक्ष इकाई में तैनात थे और साथ ही सभी रेड जोन एरिया का भी दौरा करते थे।