उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर एवं शाही ईदगाह ढाँचे (Shri Krishna Janm Sthan And Shahi Idgah) को लेकर कोर्ट में नई याचिका पेश की गई है। याचिका में कहा गया है कि विवादित ईदगाह ढाँचा केशवदेव मंदिर का गर्भगृह है, इसलिए सुबह 4:30 बजे लाउडस्पीकर पर अजान को प्रतिबंधित की जाए। इसके साथ ही जन्मस्थान ट्रस्ट ने ईदगाह सहित 13.37 एकड़ भूमि पर दावा ठोकते हुए, इससे संबंधित कागजात कोर्ट को सौंपा है।
"The alleged Idgah is Keshav Dev temple's sanctum sanctorum, azan on loudspeaker at 4:30 am should be prohibited": Plea before Mathura Local Court #krishnajanmabhoomi #Mathura pic.twitter.com/RHODpOAnyZ
— LawBeat (@LawBeatInd) May 26, 2022
मथुरा सिविल कोर्ट में गुरुवार (26 मई 2022) को सुनवाई के दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट ने कहा कि शाही ईदगाह ढाँचा की जमीन सहित आसपास के 13.37 एकड़ जमीन मंदिर के हैं। इसके साक्ष्य के रूप में ट्रस्ट ने कोर्ट को दस्तावेज भी सौंपे। ट्रस्ट के वकील मुकेश खंडेलवाल का कहना है कि जमीन का खसरा-खतौनी और नगर निगम के कागज न्यायालय में पेश किए गए हैं।
कोर्ट को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि शाही ईदगाह विवादित ढाँचे पर लाउडस्पीकर से अजान पर रोक लगाई जाए। इसके साथ रिवीजन पीटिशन दाखिल कर मामले में गर्मी की छुट्टियों के पहले शाही ईदगाह विवादित परिसर का सर्वे कराने की माँग की गई। इससे पहले, सिविल जज सीनियर डिविजन ज्योति सिंह ने इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 1 जुलाई की तारीख दी थी।
ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में शिवलिंग मिलने के बाद अब मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर नई याचिका दायर कर इसे तत्काल सील करने की माँग की गई थी। आशंका जताई गई थी कि मथुरा के मंदिर में सबूत मिटाए जा सकते हैं, ऐसे में उसे सील करने का आदेश देकर अदालत साक्ष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करे। मुथरा सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने ये याचिका दायर की है, जो लंबे समय से श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति की लड़ाई लड़ रहे हैं।
बता दें कि यह मामला 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक का विवाद है। इसमें 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। अब इस मामले में हिंदू पक्ष ने पूरी जमीन पर दावा किया है।
सुप्रीम कोर्ट में भी दायर है याचिका
कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में भी एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि की जमीन को समझौते के जरिए मस्जिद को देने का विरोध किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इस मामले में हिंदुओं के साथ धोखा करके कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की जमीन को बिना किसी समझौते के शाही ईदगाह को दे दी गई थी। अदालत से माँग की गई है कि कोर्ट ये घोषित करे कि श्रीकृष्ण जन्म सेवा संस्थान द्वारा 12 अगस्त 1968 शाही ईदगाह के साथ किया गया समझौता बिना किसी क्षेत्राधिकार के किया गया था।
कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर कोर्ट लगा चुकी है जुर्माना
गौरतलब है कि इससे पहले मथुरा की कोर्ट ने ‘ठाकुर केशवदेव महाराज बनाम शाही मस्जिद ईदगाह इंतजामिया कमेटी’ की सुनवाई को रोकने की माँग पर याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना ठोंका था। सीनियर डिवीजिन की सिविल जज ज्योति सिंह ने याचिकाकर्ताओं को ढाई सौ रुपए जुर्माना लगाया था।