डीपफेक एक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरा है। इस पर काबू पाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। नरेंद्र मोदी सरकार आगामी संसद सत्र में AI-जनरेटेड डीपफेक वीडियो और यूट्यूब कंटेंट को लेकर एक विधेयक पेश कर सकती है। इसे डिजिटल इंडिया बिल (Digital India Bill) के नाम से पेश किया जाएगा।
सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि डीपफेक पर रोक और यूट्यूब समेत विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों पर कंटेंट को रेग्यूलेट करने के लिए आगामी सत्र में बिल पेश किया जाएगा। यह सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा और संभवतः 9 अगस्त तक चलेगा।
इस बिल पर सरकार सभी दलों से चर्चा करेगी और आम सहमति बनाने का प्रयास करेगी। पिछले साल की शुरुआत में तत्कालीन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी विधेयक के बारे में संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि इसे अगली सरकार द्वारा अधिनियमित और क्रियान्वयन के लिए लिया जाएगा।
चंद्रशेखर ने कहा था, “हमें इसके बारे में बहुत सारे परामर्श और चर्चा की जरूरत है, लेकिन हमारे पास एक रोडमैप है कि कानून क्या है, हमारे नीतिगत लक्ष्य क्या हैं और सुरक्षा और विश्वास के लिए नीतिगत सिद्धांत क्या हैं। डीपफेक एक ऐसी तकनीक है, जिसने मिसलीडिंग कॉन्टेंट को लेकर चिंता पैदा की हैं। इसके जरिए गलत जानकारी का प्रसार और सार्वजनिक हस्तियों के फर्जी वीडियो का निर्माण व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन शामिल है।”
चंद्रशेखर के मंत्रालय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को 24 घंटे के भीतर डीपफेक कंटेंट हटाने की सलाह दी थी। इसको लेकर सरकार ने साफ कहा था कि ऐसा न करने पर इन प्लेटफॉर्म पर भारतीय कानूनों के तहत आपराधिक और न्यायिक कार्रवाई की जाएगी।
पिछले साल दिवाली मिलन समारोह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक पर चर्चा की थी। भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय में दिवाली मिलन समारोह के दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने का आह्वान किया था। इसके साथ ही उन्होंने डीपफेक पर गहरी चिंता जताई थी।
पीएम मोदी ने वहाँ मौजूद पत्रकारों से डीपफेक के संकट के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए आग्रह किया था। गौरतलब है कि बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंदाना, फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन से लेकर कई बड़ी हस्तियाँ डीपफेक का शिकार हो चुकी हैं। इस तरह के कंटेंट को लेकर उन्होंने चिंता जताई थी।
बताते चलें कि बॉलीवुड अभिनेत्रियों से लेकर सेलिब्रेटी तक डीपफेक (DeepFake) का शिकार हो रही हैं। रश्मिका मंदाना, सारा तेंदुलकर, कैटरीना कैफ, ऐश्वर्या राय के बाद अब काजोल इसकी शिकार बनी हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल का एक अश्लील वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वो कैमरे के सामने कपड़े बदलती नजर आ रही हैं।
अपनी डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद अभिनेत्री रश्मिका मंदाना ने दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक यूनिट ने इसे लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अपनी जाँच शुरू की थी।
अपने इस वीडियो को लेकर रश्मिका मंदाना ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा था, “मुझे अपने ऑनलाइन फैलाए जा रहे डीप फेक वीडियो पर बात करते और इसे शेयर करते हुए बेहद दुख हो रहा है। ईमानदारी से कहूँ तो ऐसा कुछ, न केवल मेरे लिए, बल्कि हममें से हर एक के लिए बेहद डरावना है, जो आज तकनीकी के बेजा इस्तेमाल की वजह से खतरे में हैं।”