दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद (Apoorvanand) से सोमवार (अगस्त 03, 2020) को दिल्ली पुलिस ने इस साल फरवरी में राजधानी में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के सिलसिले में पूछताछ की और उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हिंसा के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए UAPA यानी, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज किया है।
अपूर्वानंद दिल्ली यूनिवर्सिटी में हिंदी पढ़ाते हैं और टीवी चैनलों पर वह अक्सर राजनीतिक विश्लेषक भी भूमिका में भी नजर आते रहे हैं। उन्होंने CAA और NRC के विरोध में बयान दिया था।
ट्विटर पर शेयर किए गए एक बयान में, DU के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा कि यह देखना दुखद है कि नागरिकता अधिनियम विरोध प्रदर्शन के समर्थकों को हिंसा का स्रोत माना जा रहा है और उम्मीद करते हैं कि पुलिस निष्पक्ष होकर इस मामले की जाँच करेगी।
— Apoorvanand अपूर्वानंद (@Apoorvanand__) August 4, 2020
टि्वटर पर मंगलवार (अगस्त 02, 2020) को जारी अपूर्वानंद के बयान के अनुसार, “सोमवार को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने मुझे एफआईआर संख्या-59/20 की जाँच के सम्बन्ध में हाजिर होने के लिए कहा था। यह शिकायत उत्तरी दिल्ली में इसी साल फरवरी में हुई हिंसा से जुड़ी थी। मैंने वहाँ पाँच घंटे बिताए। दिल्ली पुलिस को जाँच के लिए मेरा फोन जब्त करना भी ठीक लगा, सो उन्होंने किया।”
फरवरी माह में दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों को लेकर स्पेशल सेल ने हाल ही में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से भी लगभग 5 घंटे पूछताछ की थी, जिसके बाद उमर खालिद का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया था।
उमर खालिद का नाम दिल्ली दंगों की जाँच कर रही क्राइम ब्रांच की जाँच में भी सामने आया था। क्राइम ब्रांच ने दिल्ली दंगों को लेकर दायर चार्जशीट में ये बात लिखी थी कि उमर खालिद, खालिद सैफ़ी और ताहिर हुसैन की दिल्ली दंगों को लेकर शाहीन बाग में मुलाकात हुई थी। ज्ञात हो कि दिल्ली हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।