Sunday, September 1, 2024
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400 साल पुराने मंदिर की खुदाई में मिले घड़े, था कुछ ऐसा कि भाग खड़े हुए मजदूर: पूरे इलाके में चर्चा

ऑपइंडिया को ग्राम प्रधान शांति देवी के प्रतिनिधि कमलेश यादव ने बताया कि प्रशासन के समक्ष जाँच कराई गई घड़ों में राख मिली है। कमलेश ने यह भी बताया कि घड़ों को उसी हालत में मंदिर के एक हिस्से में सहेजकर रख दिया गया है। ग्रामीणों ने इसे मंदिर का सामान माना है। इसके बाद मंदिर के जीर्णोद्धार का काम फिर से शुरू करवा दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले में एक प्राचीन मंदिर की मरम्मत के समय खुदाई के दौरान 2 मटके मिलने की खबर है। इन मटकों को चमत्कारी समझकर मजदूरों ने काम बंद कर दिया और अपने घर लौट गए। ग्रामीणों के मुताबिक, मटके के अंदर राख जैसा कुछ सामान है। प्रशासन ने मौके पर पहुँचकर मटकों को सील कर दिया और उन्हें एक जगह रखवा दिया है। फिलहाल मंदिर के पुनर्निर्माण का काम फिर से शुरू कर दिया गया है। घटना मंगलवार (31 अक्टूबर 2023) की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला शाहजहाँपुर जिले के तिलहर थाना क्षेत्र का है। यहाँ के गाँव हरनोखा में हिंदू समाज का 400 साल पुराना एक मंदिर है। यहाँ माता फूलमती की पूजा होती है। मंदिर प्राचीन है, इसलिए गाँव के लोग आपस में सहयोग करके मिस्त्री और मजदूर लगाकर इसका जीर्णोद्धार करवा रहे थे। इसी बीच मंगलवार को एक दीवार की नींव खुदाई के समय मिट्टी में दबे 2 घड़े मिले।

इन घड़ों के मुँह कपड़े से बाँधकर रखा गया था। बताया जा रहा है कि ये घड़े काफी प्राचीन समय से मिट्टी में दबाए गए थे। घड़ों को देखकर वहाँ काम कर रहे मजदूरों में सनसनी फ़ैल गई। वो इसे किसी दैवीय चीज से जोड़कर देखने लगे और फ़ौरन काम बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद सभी मजदूर घर लौट गए। हालाँकि, कोई भी शख्स इन घड़ों को खोलकर देखने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।

इस खबर के फैलते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर जुटना शुरू हो गए। मामले की जानकारी प्रशासन को दी गई तो स्थानीय थाने से स्टाफ पहुँचे। उन्होंने अपनी देखरेख में घड़ों का परीक्षण किया। इस संबंध में ऑपइंडिया ने वहाँ के ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों का कहना है कि इन घड़ों में कोई बहुमूल्य चीज नहीं मिली है। घड़ों में राख जैसा कुछ बताया जा रहा है।

ऑपइंडिया को ग्राम प्रधान शांति देवी के प्रतिनिधि कमलेश यादव ने बताया कि प्रशासन के समक्ष जाँच कराई गई घड़ों में राख मिली है। कमलेश ने यह भी बताया कि घड़ों को उसी हालत में मंदिर के एक हिस्से में सहेजकर रख दिया गया है। ग्रामीणों ने इसे मंदिर का सामान माना है। इसके बाद मंदिर के जीर्णोद्धार का काम फिर से शुरू करवा दिया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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