केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी वीणा विजयन मुश्किल में फंस सकती हैं। वीणा विजयन और उनकी आईटी कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया है। ईडी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह मामला एक खनिज कंपनी द्वारा विजयन की फर्म को कथित अवैध भुगतान से जुड़ा है, जिसमें बिना काम किए ही पैसों का भुगतान किया गया। ईडी ने एक शिकायत के आधार पर ये मामला दर्ज किया है। ये मामला पहले भी सुर्खियों में रहा है। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी लगातार पी विजयन और वीणा विजयन पर सवाल खड़े करती रही है।
क्या है पूरा मामला, क्यों मुश्किल में वीणा?
वीणा विजयन और उनकी कंपनी पर आरोप है कि कोच्चि स्थित कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) एक निजी कंपनी ने 2017 और 2018 के बीच एक्सलॉजिक सॉल्यूशंस – जिसका स्वामित्व वीणा विजयन के पास है – को 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जबकि उस समय ये आईटी कंपनी कोई सर्विस नहीं मुहैया करवा रही थी। आरोप हैं कि ये भुगतान वीणा को इसलिए किए गए, ताकि उस कंपनी को किसी भी कार्रवाई से बचाया जा सके। इसे उगाही का भी मामला बताया जा रहा है।
ED files money laundering case against Kerala CM's daughter Veena, IT firm owned by her, others in 'illegal' payments case: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) March 27, 2024
कर्नाटक हाई कोर्ट से लगा था झटका
इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट में केस भी चल रहा था, जिसमें एक्सलॉजिक को भुगतान सिर्फ इसलिए करना बताया गया, क्योंकि उसकी मालिक वीणा विजयन के पिता केरल के मुख्यमंत्री हैं। एक्सलॉजिक ने इस जाँच से बचने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि गलत कामों की जाँच के लिए वो सरकार के हाथ नहीं बाँध सकती। इस याचिका के खारिज होने के बाद से ही माना जा रहा था कि ये केस कभी भी दर्ज किया जा सकता है और ईडी इस केस में अब वीणा से कभी भी पूछताछ कर सकती है।
विजयन ने आरोपों को नकारा, कही ये बात
जनवरी में केरल विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री विजयन ने कहा था कि उनकी बेटी ने उनकी पत्नी की सेवानिवृत्ति निधि का उपयोग करके कंपनी शुरू की थी और उनके और उनके परिवार के खिलाफ लगाए जा रहे आरोप झूठे हैं। उनकी पार्टी सीपीआई (एम) ने भी इन आरोपों का बचाव किया था और कहा था कि वीणा की कंपनी के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले ईडी का ये कदम राजनीति से प्रेरित है।