Sunday, November 17, 2024
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ट्रम्प का ध्यान खींचने के लिए रची गई थी दिल्ली दंगों की साज़िश: उमर खालिद के इस भाषण से हुआ खुलासा

इस पूरे भाषण में उमर खालिद ने लोगों से आह्वान किया कि वो कुछ ऐसा करेंगें, जिससे डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान ये लगे कि देश की जनता यहाँ की सरकार के ख़िलाफ़ 'लड़ रही है।'

दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों का सबसे भीषण रूप 24-25 फरवरी को देखने को मिला। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मजहबी भीड़ का कहर बरपा। कई हिन्दुओं की दुकानें फूँक दी गईं, कईयों के घर जला डाले गए और कई मारे भी गए। हिंसा भड़कने के बाद वामपंथियों के गिरोह विशेष ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए, जिन्होंने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर बैठे उपद्रवियों को हटाने की माँग की थी अथवा विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। कपिल शर्मा की आड़ में वारिस पठन, शरजील इमाम, मोहम्मद शाहरुख़, ताहिर हुसैन और हाजी युनुस जैसों की करतूतों को ढका गया।

इन दंगों को भड़काने के लिए पहले से साजिश रची जा रही थी। जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद के एक भाषण का विडियो आया हैं, जो दंगों से पहले का है। ये विडियो यूट्यूब पर 17 फरवरी को अपलोड हुआ था। उस समय देश की जनता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे को लेकर उत्साहित थी। उमर खालिद द्वारा महाराष्ट्र के अमरावती में भाषण दिया गया था। अगर आप इसे सुनेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के समय ही दंगे कराने की योजना थी ताकि इंटरनेशनल मीडिया का अटेंशन लिया जाए और प्रशासन को परेशान किया जाए।

इस भाषण में उमर खालिद कहता दिख रहा है कि गुजरात में झुग्गी-झोपड़ियों को छिपाया जा रहा है ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति ये सब देख न लें। इस विडियो में लोगों को भड़काते हुए जेएनयू का छात्र नेता उमर खालिद कहता है:

“हम वादा करते हैं। 24 फरवरी को जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आएँगे तो हम उनको बताएँगे कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री और यहाँ की सरकार देश को बाँटने का काम कर रही है और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के उसूलों की धज्जियाँ उड़ा रही है। हम उन्हें बताएँगे कि हिंदुस्तान की जनता यहाँ की सरकार के ख़िलाफ़ लड़ रही है। ये लड़ाई लम्बी है, कभी मायूस मत होइएगा। 50 दिनों में हमने जज्बा पाया है। पिछले 7 साल से हिंदुस्तान के मुस्लिमों के ऊपर काफ़ी जुल्म किए गए हैं। मॉब-लिंचिंग की घटनाएँ आम हो गई हैं। तब हमें डर लगता था, हम सड़कों पर निकल कर नहीं आते थे। अयोध्या जजमेंट और अनुच्छेद 370 हटाने का भी विरोध नहीं हुआ तो ये अहंकारी बन गए।”

इस पूरे भाषण में उमर खालिद ने लोगों से आह्वान किया कि वो कुछ ऐसा करेंगें, जिससे डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान ये लगे कि देश की जनता यहाँ की सरकार के ख़िलाफ़ ‘लड़ रही है।’ ये उमर खालिद का अकेला विडियो नहीं है, जिससे ये चीजें साफ़ हुई हैं। ऐसे कई इस्लामी नेताओं और वामपंथियों के जहरीले भाषणों से पता चलता है कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम करना चाहते थे, जिसके परिणामस्वरूप कई जानें गईं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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