पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस से 6 साल से निलंबित जिला परिषद प्रधान शाहजहाँ शेख ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के खिलाफ भीड़ को भड़काने की बात कबूल की है। उसने कहा कि उसे लगा कि ईडी उसे गिरफ्तार कर सकती है। इसलिए उसने लोगों को बुलाया और ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ जवानों पर हमला करने का आदेश दिया।
बता दें कि संदेशखाली की महिलाओं से यौन उत्पीड़न करने के आरोपित शाहजहाँ शेख के मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की फजीहत हो रही है। अब इस फजीहत से बचने के लिए तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने शाहजहाँ शेख को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। इसके साथ उसके मामले की जाँच बंगाल पुलिस की CID ब्रांच को सौंप दिया है।
#BREAKING | Shahjahan Confesses to Inciting Mob
— Republic (@republic) February 29, 2024
On assuming that ED could arrest me, I called the people and ordered to attack ED officials and CRPF jawans: Shahjahan Sheikh
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सामने आए रिमांड कॉपी के पहले पन्ने में कहा गया है कि शाहजहाँ ने जाँच अधिकारी के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उसने माना है कि ईडी अधिकारियों पर हमले में उसकी संलिप्तता थी। इसमें यह भी लिखा है कि शाहजहाँ एफआईआर में नामित आरोपित है। वह अपने क्षेत्र में प्रभावशाली है और जमानत पर रिहा होने के बाद उसके फरार होने और मामले के गवाहों को धमकी देने की पूरी आशंका है।
उसमें आगे कहा गया है कि इस हमले में बड़ी संख्या में उपद्रवी शामिल हैं, जिनकी सही ढंग से पहचान करना जरूरी है। शेख ही एकमात्र व्यक्ति है, जो फरार आरोपितों की जानकारी दे सकता है। इस मामले में अब तक लूटे गए सामानों की बरामदगी नहीं हो सकी है। आरोपित ने अपने गुर्गों द्वारा लूटे गए सामान को गुप्त स्थानों से बरामद करने में पुलिस की मदद करने का आश्वासन दिया है।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि शाहजहाँ शेख के संबंधित मुद्दों के साथ संदेशखाली और नज़ात थाना क्षेत्र में गंभीर कानून और व्यवस्था की समस्या व्याप्त है। शाहजहाँ शेख और उसके सहयोगियों की रिहाई से इस समय इन इलाकों में और हिंसा भड़क सकती है। इसमें आगे कहा गया है कि आरोपित की प्रतिष्ठा बहुत खराब है और उसके निचली अदालत के आदेश का उल्लंघन कर फरार होने की पूरी आशंका है।
बंगाल पुलिस ने शाहजहाँ शेख के एक और करीबी अमीर अली गाजी को भी गिरफ्तार किया है। उसे ओडिशा के राउरकेला से गिरफ्तार किया गया है। अमीर अली पर पिछले कुछ दिनों में संदेशखाली के ग्रामीणों को डराने-धमकाने और उनसे पैसे वसूलने के कई आरोप लगे थे। वह महिलाओं को धमकाता था और मनरेगा मजदूरों से कट मनी वसूल करता था।
बता दें कि शाहजहाँ शेख को बंगाल पुलिस ने गुरुवार (29 फरवरी) की सुबह नॉर्थ 24 परगना के मीनाखान इलाके से उसे गिरफ्तार किया था। लगभग 55 दिन से फरार शेख को बशीरहाट कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियों की गिरफ्तारी से बचाने के लिए बंगाल पुलिस ने हिरासत में लिया और उसे हर तरह की सुख-सुविधा उपलब्ध करा रही है।
वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट सोमवार (4 मार्च 2024) को संदेशखाली मामले की जाँच CBI को सौंपे जाने की याचिका पर सुनवाई करेगा। साउथ बंगाल के ADG सुप्रतिम सरकार ने बताया कि इस गिरफ्तारी में सेक्शुअल असॉल्ट का कोई मामला नहीं है। शाहजहाँ के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। हाल ही में दर्ज हुए मामले 2-3 साल पहले की घटनाओं के हैं और इनकी जाँच-पड़ताल में समय लगेगा।
इस बीच शेख शाहजहाँ के खिलाफ दर्ज मामलों की जाँच पश्चिम बंगाल आपराधिक जाँच विभाग (सीआईडी) को सौंपी गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम उनके (शाहजहाँ शेख के) खिलाफ मामलों की जाँच करेंगे। उन्हें पूछताछ के लिए भवानी भवन (बंगाल पुलिस मुख्यालय) लाया गया है।”
शाहजहाँ को 5 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले से संबंधित दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है। ये अधिकारी राशन घोटाले के संबंध जाँच के लिए उसके आवास पर गए थे। इसी दौरान उन पर हमला हुआ था। अधिकारियों ने बताया, “उस पर 147 (दंगा) और 307 (हत्या का प्रयास) सहित भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।”