Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाज1984 दंगा नहीं, राजीव गाँधी के आदेश पर कॉन्ग्रेसियों द्वारा किया गया नरसंहार था:...

1984 दंगा नहीं, राजीव गाँधी के आदेश पर कॉन्ग्रेसियों द्वारा किया गया नरसंहार था: पूर्व DGP

"अगर जनता के गुस्से को फूट कर बाहर निकलना होता और आवेश में यह सब कुछ हो जाता ,तो ये सब तुरंत होना था। बकायदा योजना बना कर नरसंहार शुरू किया गया। इसके मुख्य ऑपरेटर थे- जगदीश टाइटलर, अजय माकन और सज्जन कुमार।"

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने 1984 में सिखों के ख़िलाफ़ हुई मारकाट को दंगा मानने से इनकार कर दिया है। 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी सुलखान सिंह ने 1984 के सिख दंगे को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के इशारे पर सिखों के ख़िलाफ़ किया गया नरसंहार बताया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख ने अपने फेसबुक पोस्ट में इस बारे में अपने विचार रखते हुए जो लिखा, पढ़िए उन्हीं के शब्दों में:

“1984 में सिखों के ख़िलाफ़ हुई मारकाट कोई दंगा नहीं था। दंगा दोनों तरफ से हुई मारकाट को कहते हैं। यह राजीव गाँधी के आदेश पर उनके चुने हुए विश्वास पात्र कॉन्ग्रेसी नेताओं द्वारा ख़ुद किया गया नरसंहार था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के दिन (अक्टूबर 31, 1984) मैं 6 डाउन पंजाब मेल से लखनऊ से वाराणसी जा रहा था। जब ट्रेन अमेठी स्टेशन पर खड़ी थी, उसी वक़्त अभी-अभी ट्रेन में चढ़े एक व्यक्ति ने बताया कि इंदिरा जी को गोली मार दी गई है। वाराणसी तक कोई बात नहीं हुई। वाराणसी में अगले दिन सुबह भी कुछ नहीं हुआ।”

“उसके बाद योजनाबद्ध तरीके से घटनाओं को अंजाम दिया गया। अगर जनता के गुस्से को फूट कर बाहर निकलना होता और आवेश में यह सब कुछ हो जाता ,तो ये सब तुरंत होना था। बकायदा योजना बना कर नरसंहार शुरू किया गया। इसके मुख्य ऑपरेटर थे- जगदीश टाइटलर, अजय माकन और सज्जन कुमार। राजीव गाँधी के मुख्य विश्वासपात्र कमलनाथ इस पूरे नरसंहार की मॉनीटरिंग कर रहे थे। इस नरसंहार को लेकर राजीव गाँधी के बयान और इन सभी आतताइयों को संरक्षण के साथ-साथ अच्छे पदों पर तैनात करना उनकी संलिप्तता के जनस्वीकार्य सबूत हैं। राजीव गाँधी की मृत्यु के बाद भी कॉन्ग्रेस नेतृत्व व सरकारों द्वारा इन व्यक्तियों को संरक्षित करना और उन्हें पुरस्कृत करना, इस सबकी सहमति को दर्शाता है।”

उधर कानपुर में सिख दंगों की जाँच के लिए गठित की गई एसआईटी का नेतृत्व करने वाले पूर्व डीजीपी अतुल ने सुलखान सिंह के इस फेसबुक पोस्ट के बारे में बात करते हुए कहा कि अगर उनके पास कोई सबूत है, तो सरकार या एसआईटी के समक्ष पेश होकर उन्हें अपना पक्ष रखना चाहिए। अभी हाल ही में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के गुरु माने जाने वाले कॉन्ग्रेस के ओवरसीज विंग के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने 1984 सिख दंगों के बारे में ‘हुआ तो हुआ’ कह कर चौंका दिया था। फ़ज़ीहत होने के बाद ख़ुद राहुल गाँधी ने पित्रोदा के बयान की निंदा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पंजाब में हुई रैलियों के दौरान सिख दंगों का मसला उठाया।

पूर्व डीजीपी का फेसबुक पोस्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जो सिख दंगे के प्रमुख आरोपितों में से एक हैं, उन्हें एक राज्य का मुख्यमंत्री बना कर पुरस्कृत किया गया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर सिख दंगों में संलिप्तता का आरोप है। उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद कॉन्ग्रेस की आलोचना हुई थी। राजीव गाँधी ने सिख नरसंहार के बाद असंवेदनशील बयान देते हुए कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है। सिख दंगे के कई पीड़ितों ने कैमरे के सामने आकर भी आरोपितों में कॉन्ग्रेस नेताओं के नाम लिए हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -