Friday, November 22, 2024
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राजस्थान में डेटोनेटर लगाकर रेलवे ट्रैक और पुल उड़ाने की कोशिश: ट्रैक और पुलिया में दरार, PM मोदी ने 13 दिन पहले किया था उद्घाटन

उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2022 को हरी झंडी दिखाकर की थी। इस ट्रैक के लिए 6 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था। पहले यहाँ मीटर गेज (छोटी लाइन) थी, जिसे हटाकर ब्रॉड गेज में तब्दील किया गया है। इसके लिए 1700 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन (Udaipur-Ahmedabad Railway Line Blast) पर बने पुल को शनिवार (12 नवंबर 2022) की रात ब्लास्ट कर उड़ाने की आतंकी कोशिश की गई। इस कार्रवाई में रेलवे पटरियों में दरार पड़ गए हैं। मौके पर बारूद पाया गया है। इस पुल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने देश को समर्पित किया था। मामले की जाँच आतंकी एंगल से भी की जा रही है।

शनिवार की देर रात संदिग्धों ने रेलवे पुल और पटरियों को उड़ाने की कोशिश की। इसकी गूंज स्थानीय लोगों ने भी सुनी। इसके बाद कुछ लोग विस्फोट वाले स्थान की ओर पहुँचे। इस वक्त इस घटना को अंजाम दिया गया, उससे चार घंटे पहले ही ट्रेन गुजरी थी। बाद में अहमदाबाद से उदयपुर आ रही ट्रेन को डूंगरपुर में रोक दिया गया है।

जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि डेटोनेटर से पुल को उड़ाने की साजिश की गई है। वहीं, घटनास्थल पर राजस्थान पुलिस की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (ATS) पहुँचकर आतंकी एंगल से जाँच कर रही है। उदयपुर के एसपी ने बताया कि इसे देखकर ऐसा लगता है कि इसे पूरी तरह प्लानिंग करके ब्लास्ट किया गया है। डेटोनेटर सुपर 90 श्रेणी का है।

घटना उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर सलूम्बर मार्ग पर केवड़े की नाल में ओढ़ा रेलवे पु​ल की है। ग्रामीणों को रात 10 बजे के आसपास धमाके की आवाज सुनाई दी। इसके बाद कुछ युवा तुरंत पटरी पर पहुँचे तो वहाँ के हालात देखकर दंग रह गए।

रेलवे लाइन पर बारूद पड़ा हुआ था। लोहे की पटरियाँ कई जगह से टूटी हुई थीं। इतना ही नहीं, पु​ल पर लाइन से नट-बोल्ट खोल लिए गए थे। ट्रैक पर लोहे की पतली चादर भी उखड़ी हुई मिली। हालात की गंभीरता को देखते हुए लोगों ने प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद इस ट्रैक पर ट्रेनों को रोक दिया गया।

उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2022 को हरी झंडी दिखाकर की थी। इस ट्रैक के लिए 6 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था। पहले यहाँ मीटर गेज (छोटी लाइन) थी, जिसे हटाकर ब्रॉड गेज में तब्दील किया गया है। इसके लिए 1700 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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