अमूल नाम से मशहूर गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डॉयरेक्टर आरएस सोढ़ी ने रविवार (सितंबर 27, 2020) को ट्विटर पर किसानों के लिए मुक्त बाजार के फायदे बताए।
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि विधेयकों पर की गई चर्चा का हवाले देते हुए सोढ़ी ने ट्विटर पर समझाया कि कैसे कृषि उपज के रूप में दूध की कीमत 8 लाख करोड़ रुपए है। यह गेहूँ, धान और गन्ने के संयुक्त मूल्य से भी अधिक है।
उन्होंने बताया कि डेयरी किसान GCMMF से जुड़े हों या नहीं, वे अपनी उपज/ उत्पाद कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र हैं और खरीदार कहीं से भी उसे खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं।
Where as contribution of agriculture to national GDP declining , Milk contribution increasing every year and so is the share of milk in farmers income , thanks to freedom to sell anyone , @Amul_Coop @PMOIndia @girirajsinghbjp @PiyushGoyal https://t.co/WVHGrG8LGd
— R S Sodhi (@Rssamul) September 27, 2020
उन्होंने मुक्त बाजार पर बात करते हुए इस बात पर गौर करवाया कि आज एक ओर जहाँ जीडीपी में कृषि का योगदान लगातार घट रहा है, वहीं जीडीपी में दूध के योगदान में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जीडीपी में दूध के योगदान के बढ़ने के साथ-साथ डेरी किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है, और यह सब सिर्फ इस स्वतंत्रता के कारण कि डेरी किसान अपने उत्पाद को कहीं भी बेच सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही अमूल के पास एक बड़ा मार्केट शेयर है, मगर डेयरी एक ऐसा उद्योग है जहाँ 100% एफडीआई की अनुमति है। इसलिए नेस्ले और यूनिलीवर जैसे अंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ पहले से ही अपने उत्पादों के साथ भारत में हैं।
100% FDI in dairy allowed , even private Corporate, world’s biggest dairy companies like Nestle , lactalis , Unilever , are already in India .
— R S Sodhi (@Rssamul) September 27, 2020
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पिछले दिनों कृषि कानून में सुधार के नाम पर ऐसे विधेयकों को संसद में पास करवाया है जिनसे फसल उत्पाद को लेकर ऐसा तंत्र विकसित होगा जहाँ किसान मनचाहे स्थान पर अपनी फसल बेच सकेंगे। इसके जरिए किसान अपनी फसल का सौदा सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य के लाइसेंसी व्यापारियों के साथ भी कर सकते हैं।
इसके अलावा एक विधेयक में, किसानों के हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था का प्रावधान है। भुगतान सुनिश्चित करने हेतु प्रावधान है कि देय भुगतान राशि के उल्लेख सहित डिलीवरी रसीद उसी दिन किसानों को दी जाएँ। मूल्य के संबंध में व्यापारियों के साथ बातचीत करने के लिए किसानों को सशक्त बनाने हेतु प्रावधान है कि केंद्र सरकार, किसी भी केंद्रीय संगठन के माध्यम से, किसानों की उपज के लिए मूल्य जानकारी और मंडी आसूचना प्रणाली विकसित करेगी।