सोशल मीडिया पर तथाकथित किसान और उसके दोस्त के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। इस बातचीत में आंदोलन में शामिल किसान का मानना है कि यह किसानों का विरोध प्रायोजित है। वह स्वीकार करता है कि गाजीपुर सीमा पर हो रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उसे अच्छा खासा पैसा और खाने पीने का सामान दिया जा रहा है।
दिन में पैसे मिल जाते हैं, रात में दारू का बढ़िया इंतजाम।
— Neetu Dabas,(नीतू डबास)🇮🇳 (@INeetuDabas) January 29, 2021
@गाजीपुर बॉर्डर pic.twitter.com/jd1yPPw6tE
बता दें, यह ऑडियो रिकॉर्डिंग बीजेपी दिल्ली की प्रवक्ता नीतू डबास द्वारा साझा की गई थी।
वायरल ऑडियो में बातचीत के दौरान ‘किसान’ बॉर्डर पर उनके लिए की गई व्यवस्था से काफी खुश दिखाई दे रहा है, जहाँ आंदोलनकारी पिछले दो महीनों से डेरा डाले हुए हैं। वह अपने दोस्त को बताता है कि यहाँ पूरा माहौल एक पार्टी की तरह है। दिन के समय उन्हें 2000 से 3000 रुपए के बीच में भुगतान किया जाता है और रात में उन्हें मुफ्त शराब की बोतलें दी जाती हैं।
किसान को कहते हुए सुना जा सकता है, “हम तो आ गए थे घूमने। मज़ा आ रहा है पूरा। यहीं खाना, यहीं पीना, यहीं रहना है। किसान अपने दोस्त को बताता है कि विरोध में शामिल होने के लिए, उसके गाँव से लगभग 20 ट्रैक्टर आए हैं। बातचीत से प्रतीत होता है कि, इन लोगों को विरोध प्रदर्शनों के लिए अपना खाली समय देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।”
वहीं जब उसका दोस्त उससे पूछता है, क्या फरीदाबाद की ही तरह गाजीपुर बॉर्डर पर हिंसा की संभावनाएँ हैं तो किसान कहता है ‘हाँ’
इसके अलावा किसान को मोदी सरकार द्वारा पारित तीन नए-कृषि कानूनों की बड़ाई करते हुए भी सुना जा सकता है। किसान का कहना है कि सरकार सही काम कर रही है और नए कृषि कानूनों में कुछ भी गलत नहीं है, जिसके खिलाफ किसानों ने अपने विरोध को तब तक जारी रखने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है जब तक कि उन्हें निरस्त नहीं किया जाता।
सोशल मीडिया पर वायरल 2 मिनट की बातचीत के दौरान वह अपने दोस्त से कहता है, “भाजपा सरकार का काम काफी अच्छा रहा है, लेकिन ये बेवकूफ इसे नहीं समझ रहे है।”
उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर सैकड़ों दंगाइयों ने ट्रैक्टर रैली के लिए निर्धारित समय से पहले दिल्ली की सीमा पर चढ़ाई कर दी और हद तो तब हो गई जब ये पुलिस के साथ बर्बरता करते हुए जबरन लालकिले के अंदर घुस गए। जिसके बाद पुलिस वालों पर हमला कर दंगाई भीड़ ने लाल किले की घेराबंदी की और ऐतिहासिक स्मारक पर धार्मिक खालसा निशान का झंडा फहरा दिया।
हिंसा के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आई थी। जिसमें तथाकथित किसानों की एक ट्राली विदेशी दारू और उसके साथ खाने पीने के अन्य समानों से भरी देखी गई थी। वहीं जब पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर ही लाठी और पत्थरों से हमला बोल दिया।