Monday, November 18, 2024
Homeदेश-समाजमोहम्मद ज़ुबैर पर FIR, मुजफ्फरनगर स्कूल केस में बच्चों की पहचान उजागर की: जानिए...

मोहम्मद ज़ुबैर पर FIR, मुजफ्फरनगर स्कूल केस में बच्चों की पहचान उजागर की: जानिए दोषी पाए जाने पर क्या होगी सजा, वीडियो के जरिए फैलाया था प्रोपेगंडा

बता दें कि किसी नाबालिग बच्चे की पहचान उजागर करना 'किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015' का उल्लंघन है।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर पुलिस थाने में AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर FIR दर्ज की है। ये मामला खुब्बापुर गाँव स्थित ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ के वायरल वीडियो से जुड़ा है। वीडियो में शिक्षिका तृप्ता त्यागी बैठी हुई दिख रही है। साथ ही एक मुस्लिम बच्चे को दूसरे बच्चों से पिटवाया जाता है। वीडियो उस मुस्लिम बच्चे के चचेरे बड़े भाई ने ही बनाया था। वीडियो में वो हँसता हुआ सुनाई दे रहा है। वही शिक्षा के पास अपने भाई की शिकायत लेकर आया था।

मोहम्मद ज़ुबैर और मुजफ्फरनगर में FIR

वहीं मोहम्मद ज़ुबैर ने इस मामले में वीडियो वायरल किया था, लेकिन बच्चों के चेहरों को ब्लर नहीं किया था। इस FIR में बताया गया है कि AltNews के पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर द्वारा ‘किशोर न्याय अधिनियम’ का उल्लंघन करते हुए बच्चे की पहचान उजागर की गई है। इसके लिए उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की माँग की गई है। ये FIR सोमवार (28 अगस्त, 2023) को दर्ज की गई है। मोहम्मद ज़ुबैर ने बाद में इस वीडियो को डिलीट कर लिया था, लेकिन माफ़ी तक नहीं माँगी थी।

मोहम्मद ज़ुबैर पर दर्ज FIR का एक अंश

बता दें कि किसी नाबालिग बच्चे की पहचान उजागर करना ‘किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015’ का उल्लंघन है। NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) पहला ही चेतावनी दे चुका है कि इस मामले में बच्चों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर न किया जाए और इस घटना की जानकारी संस्था को ईमेल के द्वारा दिया जाए। बता दें कि इस कानून के सेक्शन-74 के तहत, दोषी पाए जाने पर 6 महीने तक की जेल और 2 लाख रुपए तक के जुर्माने की सज़ा दी जा सकती है।

शिक्षिका तृप्ता त्यागी और ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ का वीडियो

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो के आधार पर एक स्कूल की शिक्षिका पर छात्र को अन्य बच्चों से पिटवाने का आरोप लगा था। मोहम्मद जुबैर, संजय सिंह, सदफ अमीन जैसे कइयों ने अपने सोशल मीडिया हैंडलों के जरिए इस मामले को सांप्रदायिक एंगल देने का प्रयास किया। इस्लामी मुल्क क़तर के मीडिया संस्थान ‘अल जजीरा’ ने भी विदेश से बैठ कर इस मामले में हिन्दू-मुस्लिम की हवा देनी शुरू की।

हालाँकि, पहले पुलिस और बाद में खुद छात्र के अब्बा ने मामले में किसी भी सांप्रदायिक एंगल से इनकार कर दिया था। गाँव के 2 मुस्लिम, जो बचपन में तृप्ता त्यागी से पढ़ चुके हैं और अब अपने परिवार के लोगों को पढ़ा रहे हैं, उन्होंने कहा कि मैडम को धर्म के आधार पर भेदभाव करते हुए उन्होंने नहीं देखा। अधिकारियों ने ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ को बंद किए जाने का नोटिस भी दिया है। राहुल गाँधी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक ने इस पर राजनीति करते हुए इसे हिन्दू-मुस्लिम एंगल दिया, जबकि बच्चे का परिवार ही इससे इनकार कर रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -