दीवाली नजदीक है, ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार (28 अक्टूबर 2021) को प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि पटाखों का मुद्दा एक अस्थायी मुद्दा है और मुख्य मामला पराली जलाने से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और एएस बोपन्ना की पीठ ने इस बात को भी माना के इस मामले पर सुनवाई के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला। पीठ ने कहा है कि वो इस मुद्दे पर दीवाली के बाद सुनवाई करेगी।
Sankaranarayanan: It’s dated March 5, 2019.
— Live Law (@LiveLawIndia) October 28, 2021
Shah J: The main issue of firecracker is only for the time being. But that main matter related to stubble burning, we haven’t got time to deal with that.
After vacation we’ll hear that issue. It’s very urgent #Firecrackers
सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी 2017 के आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले एक आवेदन पर सुनवाई करने के दौरान यह बात कही। कोर्ट ने सुरक्षा को ध्यान रखते हुए कुछ हानिकारक रसायनों का उपयोग कर पटाखा बनाने पर प्रतिबंध लगाया था। अदालत ने दो टूक लहजे में कहा, “हम एक संदेश देना चाहते हैं कि हम यहाँ लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हैं। हमने पटाखों पर शत-प्रतिशत प्रतिबंध नहीं लगाया है। हर कोई जानता है कि दिल्ली के लोग क्या झेल रहे हैं।”
जैसा कि शीर्ष अदालत ने पाया कि पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की स्तिथि गंभीर हो जाती है।
पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ हुई
इस बीच दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार प्रदूषण मैनेजमेंट के बहाने हिंदू त्योहार पर अपनी कार्रवाई जारी रखी है। ऑपइंडिया ने रिपोर्ट किया था कि पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाने की वार्षिक परंपरा शुरू होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ हो गई थी। SAFAR (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 14% तक बढ़ गई है।
केजरीवाल सरकार ने दिवाली के दौरान पटाखों पर लगाया प्रतिबंध
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दीवाली त्योहार के मौके पर प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सरकार द्वारा 1 जनवरी 2022 तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने त्योहारी सीजन में पटाखों की बिक्री और वितरण पर कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, पटाखा बेचने वालों ने दिल्ली सरकार पर अपना गुस्सा निकाला है।
एक व्यापारी ने कहा, “अगर भारत में दिवाली नहीं मनाई जाएगी तो क्या हम उम्मीद करें कि यह पाकिस्तान में मनाई जाएगी? क्या हम कोई त्योहार मना रहे हैं या किसी की मौत का शोक मना रहे हैं? हमें भारत में रहने वाले दिवाली पर पटाखे बेचने की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से भीख माँगनी होगी।” केजरीवाल सरकार के फैसले से नाराज विक्रेताओं ने आप सरकार से यह भी सवाल किया कि राजधानी में प्रदूषण फैलाने के लिए सिर्फ एक दिन का त्योहार कैसे जिम्मेदार है?