सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ex CJI Ranjan Gogoi) ने राज्यसभा सांसद के रूप में मिलने वाले पूरे वेतन को कानून के विद्यार्थियों की पढ़ाई में मदद करने के लिए देने की घोषणा की है।
रंजन गोगोई ने कहा कि कानून के पाँच वर्षीय पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाला कोई भी विद्यार्थी इस छात्रवृति का लाभ ले सकता है। ये विद्यार्थी असम या देश के किसी भी हिस्से के हो सकते हैं। उन्होंने अपने वेतन से छात्रवृति निधि बनाया है। उनका कहना है कि इन वेतन और भत्तों से कम से कम 10-15 विद्यार्थियों की मदद हो जाएगी।
Former CJI Gogoi creates scholarship fund for law students from his Rajya Sabha salary
— ANI Digital (@ani_digital) August 12, 2022
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राज्यसभा सांसद के रूप में मिलने वाले वेतन और भत्तों में से रंजन गोगोई ने अभी तक एक रुपए भी नहीं लिए हैं। बता दें कि उन्हें साल 2020 में राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत किया गया था।
ANI से बात करते हुए सांसद गोगोई ने कहा कि पिछले दो साल में उन्होंने वेतन-भत्ते के रूप में एक पैसा भी नहीं लिया है और उन्हें उम्मीद है कि इतना फंड इकट्ठा हो जाएगा, जिससे 10-15 छात्रों की पढ़ाई में मदद की जा सके। छात्रवृति के इस पैसे से छात्रों के ट्यूशन फी के साथ-साथ उनके रहने और खाने का खर्च भी उठाया जाएगा।
इस छात्रवृति के बारे में वे अखबारों में विज्ञापन देंगे, ताकि इसके बारे में छात्रों को जानकारी मिल सके और वे आवेदन कर सकेें। उन्होंने कहा कि जो भी विद्यार्थी आवेदन करना चाहते हैं, वे इस माह के अंत तक दिए गए ईमेल आईडी पर संबंधित अधिकारियों आवेदन भेज सकते हैं।
उन्होंने कहा कि 200 शब्दों के आवेदन के साथ छात्रों को अपने उस संस्थान का नाम और कोर्स का विवरण देना होगा, जहाँ वे पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्हें बोर्ड परीक्षा के मार्क्सशीट के साथ-साथ अपने परिवार के पिछले तीन साल का आय प्रमाण पत्र भी देना होगा। आवेदन में विद्यार्थी का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पढ़ाई वाले स्थान के बारे में भी बताना होगा।
बता दें कि रंजन गोगोई ने गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपने कानूनी करियर की शुरुआत की थी। उस दौरान भी उन्होंने लोगों को मुफ्त कानूनी सेवाएँ उपलब्ध कराई थीं। जब वे राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ले रहे थे, तब विपक्षी दलों ने उनका बहिष्कार किया था। दरअसल, वे राममंदिर के जजमेंट से चिढ़े हुए थे।