नोट1: अब खबर पक्की हो गई है। मोहम्मद शहाबुद्दीन मर गया है।
पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण असमय निधन की दुःखद ख़बर पीड़ादायक है। ईश्वर उनको जन्नत में जगह दें, परिवार और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करें। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। दुख की इस घड़ी में राजद परिवार शोक संतप्त परिजनों के साथ है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 1, 2021
नोट2: मोहम्मद शहाबुद्दीन के मौत की यह रिपोर्ट जो पहले लिखी गई थी, उसमें अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। समाचार एजेंसी ने अपने ट्वीट को डिलीट करते हुए नई जानकारी दी है। इसके अनुसार परिवार वालों और RJD के नेता के विरोधाभाषी बयान के कारण यह गलतफहमी हुई है।
CORRECTION | Tweet deleted as awaiting official confirmation. Conflicting information was provided to us from family members and RJD spokesperson confirming his passing away. Error regretted. pic.twitter.com/WMcnUD2Oou
— ANI (@ANI) May 1, 2021
ABP न्यूज के विकास भदौरिया की मानें तो मोहम्मद शहाबुद्दीन अभी जिंदा है और उसका इलाज चल रहा है।
ज़िंदा है शहाबुद्दीन – दिल्ली की तिहाड़ जेल का कैदी है और इस समय पिछले 1 सप्ताह से दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती है जहां उसका कोरोना का इलाज चल रहा है.
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) May 1, 2021
रिपोर्ट @optbabu
बिहार के सिवान के पूर्व आरजेडी सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना से शनिवार (मई 1, 2021) को मौत हो गई। दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में पूर्व RJD सांसद शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत हो गई। दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में अपराधी और हत्यारे शहाबुद्दीन ने आज आखिरी साँस ली।
कई मामलों में सजा काट रहा मोहम्मद शहाबुद्दीन काफी समय से तिहाड़ जेल में बंद था। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उसे दिल्ली के पंडित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जानकारी के मुताबिक मोहम्मद शहाबुद्दीन वेंटिलेटर पर था। हालत गंभीर होने के चलते उसने आज दम तोड़ दिया। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को आदेश दिया था कि वह पूर्व आरजेडी सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का इलाज करवाए और निगरानी भी करे।
Former RJD MP Mohammad Shahabuddin passes away at a hospital in Delhi where he was under treatment for #COVID19.
— ANI (@ANI) May 1, 2021
(File photo) pic.twitter.com/bE0b8pd6ge
तिहाड़ जेल प्रशासन को शहाबुद्दीन के कोरोना संक्रमित होने के पता तब लगा, जब 20 अप्रैल को उसकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। जिस तरह के लक्षण उसके शरीर में नजर आए, उसके मद्देनजर कोरोना संक्रमण जाँच कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही शहाबुद्दीन को तुरंत तिहाड़ जेल के डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया।
गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश पर शहाबुद्दीन को 18 घंटों के लिए अपने परिजनों से मुलाकात के लिए समय दिया गया था। कड़ी सुरक्षा में उसे परिजनों से मुलाकात कराया गया। उच्च-न्यायालय ने सशर्त पैरोल के तहत उसे सुविधा दी थी कि वो 6-6 घंटे के लिए दिल्ली में कहीं भी मुलाकात कर सकता है। बता दें कि ये सब चंदेश्वर प्रसाद उर्फ़ चंदा बाबू की मृत्यु के बाद हुआ, जिनके 3 बेटों को शहाबुद्दीन ने मार डाला था।
शहाबुद्दीन ने चंदा बाबू के दो बेटों को तेजाब से नहला कर मार डाला। इस मामले में उनका तीसरा बेटा गवाह था लेकिन इससे पहले कि वो अदालत पहुँचता, उसकी भी हत्या कर दी गई। लेकिन, इस मामले में आरोपित शहाबुद्दीन का उस समय कुछ नहीं हो पाया। नाम से ही सीवान और आसपास के इलाक़े थर-थर काँपते थे।
1980 के दशक तक सिवान की सियासत में आपराधिक तत्वों का बोलबाला था। 1980 के दशक में कई अपराधों में नाम आने के बाद शहाबुद्दीन ने सियासत में एंट्री की। एक दौर था, जब तेजाब कांड हो, चंद्रशेखर हत्याकांड हो या सिवान में कोई भी अपराध, शहाबुद्दीन का नाम हमेशा सुर्खियों में रहता था। जिले के अस्पताल हो, स्कूल हों या बैंक या फिर कोई भी दफ्तर… हर जगह ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर शहाबुद्दीन का कानून चलता था।