महाराष्ट्र के ठाणे स्थित कशीमिरा इलाके में दूसरे मजहब के डिलीवरी बॉय से सामान लेने से मना करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए गजानन (Gajanan) चतुर्वेदी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि उस डिलीवरी बॉय बरकत उस्मान ने खुद ही यह बात कही थी कि उसके मजहब के कारण उससे सामान लेने से मना किया जा रहा है जबकि गजानन चतुर्वेदी ने उसके धर्म का जिक्र नहीं किया था।
डिलीवरी बॉय 32 वर्षीय बरकत उस्मान ने आरोप लगाया कि गजानन ने उसके हाथ से किराने का सामान लेने से मना कर दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ और NDTV ने भी इसे शेयर किया था, जिसके बाद 51 वर्षीय गजानन को गिरफ्तार भी कर लिया गया।
मजहब के कारण नहीं लौटाया सामान: गजानन चतुर्वेदी
गजानन चतुर्वेदी का एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि बरकत उस्मान के द्वारा लगाए गए आरोप एकदम बेबुनियाद हैं क्योंकि उन्होंने सामान लेने से इसलिए इनकार किया क्योंकि वह लगातार अपने ग्लव्स से अपने मुँह, नाक को साफ़ कर रहा था। वीडियो में वह कहते हुए देखे जा सकते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से आज जब आदमी खुद अपने नाक और मुँह को छूने से डर रहा है, ऐसे में आप किसी बाहरी आदमी के ऐसा करने पर उससे कोई सामान कैसे ले सकते हैं?
गजानन इस वीडियो में कहते हैं –
“मुझ पर FIR बिना हकीकत और मेरी राय जाने बिना किसी के दबाव में दर्ज की गई है। उसका व्यवहार देखकर मुझे ठीक नहीं लगा। वह स्कूटी में झुक कर बैठा हुआ था, वह खुजली कर रहा था ग्लव्स अपने मुँह पर बार-बार ले जा रहा था। मुझे टेंशन हुई, ऐसी महामारी के समय आदमी खुद अपना हाथ चेहरे पर नहीं ले जा रहा। मैंने उससे पूछा कि कहाँ से आए हो तो उसने कहा कि नया नगर से आया हूँ। मैंने उससे कहा कि वहाँ से कैसे आ सकते हो, वहाँ इतना सीरियस मामला है कोरोना का। उसके बाद तुम बार-बार मुँह पर हाथ लगा रहे हो। मैं नहीं लूँगा…”
“…इतना कहकर मैं चल दिया तो वो पीछे से कहने लगा कि मैं मुस्लिम हूँ इसलिए नहीं ले रहे हो। जबकि मैंने मुस्लिम कहीं भी नहीं कहा। वह वीडियो बना रहा था। मैंने उसे कहा तुम्हें कुछ भी कहना है कह लो लेकिन हमें अपना ध्यान रखना जरुरी है। अगर मैं कोरोना से पॉजिटिव हो जाउँगा तो मेरे परिवार के सदस्य भी हो जाएँगे। मैंने सुरक्षा की दृष्टि से मना किया।”
Just like any other fake stunt to frame islamophobia, this Maharashtra muslim delivery guy is same. You should never trust a peacefool. Never ever. Listen to the man who got FIR in his name because of fake accusation. pic.twitter.com/pu4cqkyBB0
— Shash (@pokershash) April 24, 2020
इसके आगे गजानन ने कहा डिलीवरी बॉय लगातार यही दोहराता रहा कि उसके मजहब के कारण उससे सामान नहीं लिया जा रहा है जबकी उन्होंने उसके मजहब का कोई जिक्र ही नहीं किया और संक्रमण के कारण उसे लौटने को कहा। इसके बाद उसने जाकर FIR की।
गजानन चतुर्वेदी पर इकतरफा आरोपों के आधार पर कार्रवाई
सोशल मीडिया पर भी यह बात जोर पकड़ रही है कि यह मात्र मीडिया द्वारा बनाई गई एक सनसनी का ही नतीजा है और इस बारे में गजानन चतुर्वेदी का पक्ष सुने बिना ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया।
डिलीवरी बॉय बरकत उस्मान द्वारा बनाए गए इस वीडियो को कई मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों और प्रोपेगेंडा वेबसाइट्स ने कहानी बनाकर प्रकाशित किया क्योंकि। और इसमें डिलीवरी बॉय के दूसरे समुदाय से होने को बताया गया। जिसके बाद गजानन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295 ए (धार्मिक भावना को आहत करने के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण हरकत करना) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया।
ज्ञात हो कि बीते दिनों सोशल मीडिया पर समुदाय विशेष के लोगों की कैमरे में कैद करतूत खूब वायरल हुआ। कहीं फलों में थूक लगाकर उसे सजाते हुए देखा गया, तो कहीं 500 के नोट पर थूक लगाते। ऐसे में एक कारण ये भी कि संकट की घड़ी में आमजन को चाहते न चाहते हुए संदेह करना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र में सामने आए हैं हिन्दुओं को निशाना बनाने के मामले
उल्लेखनीय है कि हाल ही में महाराष्ट्र में एक के बाद एक ऐसे कई मामले प्रकाश में आए हैं जिनमें हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। पालघर में संतों की मॉब लिंचिंग से लेकर सोनिया गाँधी से सवाल करने पर रिपब्लिक भारत टीवी के संस्थापक Arnab Goswami पर हुआ हमला और अब गजानन चतुर्वेदी की गिरफ्तारी ने यह संदेश दिया है कि महाराष्ट्र सरकार किसी तय एजेंडा के तहत इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है।
सोशल मीडिया पर यह भी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि कोरोना वायरस से निपटने में असफल रही महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार उसी पर पर्दा डालने के लिए संस्थाओं को इस प्रकार के निर्देश दे रही है।