गुवाहाटी हाई कोर्ट ने गुरुवार (7 जनवरी 2021) को ‘एक्टिविस्ट’ अखिल गोगोई की जमानत याचिका खारिज की दी। वह देशद्रोह और सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने सहित कई आरोपों में दिसंबर 2019 से जेल में बंद है। हाई कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज करते हुए विशेष एनआईए कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। अखिल को असम में ऐंटी सीएए हिंसा में उसकी भूमिका को लेकर राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उच्च न्यायालय ने एनआईए की एक विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें गोगोई के खिलाफ दर्ज 13 मामलों में से एक मामले में जमानत याचिका खारिज कर दिया गया था। बता दें कि गोगोई को इस मामले के अलावा सभी अन्य मामलो में जमानत मिल चुकी है।
कोर्ट ने कहा कि असम में जो ऐंटी सीएए आंदोलन हुआ था वह सत्याग्रह नहीं था, बल्कि गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) में परिभाषित टेररिस्ट ऐक्ट के तहत आता है। जस्टिस कल्याण राय सुराना और अजीत बाठकुर की बेंच ने आदेश में कहा, “हिंसा का इस्तेमाल करते हुए अखिल के नेतृत्व वाली भीड़ ने अहिंसक आंदोलन की अवधारणा को ही खारिज कर दिया था। आंदोलन के जरिए सरकारी मशीनरी को कमजोर करने, आर्थिक नाकेबंदी, समुदायों के बीच नफरत फैलाने और शांति में बाधा उत्पन्न करके सरकार के प्रति अंसतोष पैदा करने की कोशिश की गई थी।” कोर्ट ने कहा कि इस तरह की गतिविधि यूएपीए की धारा 15 के तहत आतंकी कार्य के रूप में परिभाषित है।
गोगोई ने एनआईए द्वारा असम में सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में दर्ज दो मामलों में से एक में जमानत हासिल करने में कामयाबी हासिल की थी। यह एकमात्र मामला बचा था जहाँ विशेष एनआईए अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। गुवाहाटी कोर्ट की एक खंडपीठ ने एनआईए अदालत के फैसले को बरकरार रखा और गोगोई द्वारा दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
बता दें कि अखिल गोगोई, कृषक मुक्ति संग्राम परिषद और राइजोर दल का नेता है। संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ कथित हिंसक प्रदर्शन के मामले में गोगोई को जोरहाट से दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह गुवाहाटी केंद्रीय कारागार में बंद है।
गौरतलब है कि यह मामला शुरू में गुवाहाटी के चंदमारी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में इसे एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया। गोगोई पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, राजद्रोह, आपराधिक साजिश, आतंकवादी संगठनों को समर्थन, सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं।
उसे 12 दिसंबर 2019 को CAA के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों में भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से संबंधित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए यह कानून पारित किया गया था। उसके तीन साथियों को एक दिन बाद गिरफ्तार किया गया था।
गोगोई को बाद में एनआईए को सौंप दिया गया और एक अदालत ने उसे 17 दिसंबर को एजेंसी की 10 दिन की हिरासत में भेज दिया। उसे पूछताछ के लिए नई दिल्ली भी लाया गया। गोगोई को 25 दिसंबर को वापस गुवाहाटी ले जाया गया और तब से वह न्यायिक हिरासत में है।